OPS: पुरानी पेंशन योजना पर शिंदे और फडणवीस में मतभेद? MLC चुनाव के बीच क्यों छिड़ी है चर्चा, जानें

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OPS: पुरानी पेंशन योजना पर शिंदे और फडणवीस में मतभेद? MLC चुनाव के बीच क्यों छिड़ी है चर्चा, जानें

OPS: पुरानी पेंशन योजना पर शिंदे और फडणवीस में मतभेद? MLC चुनाव के बीच क्यों छिड़ी है चर्चा, जानें


मुंबई: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कुछ दिनों पहले विधानसभा में यह कहा था कि उनकी सरकार पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को दोबारा लागू करने के पक्ष में नहीं है। ऐसा करने से सरकार पर 1.1 लाख करोड रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Ekanth Shinde) ने यह कहा है कि वह शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के प्रति सकारात्मक है। एक ही सरकार के द्वारा आला नेताओं के विरोधाभासी बयानों के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में यह चर्चा छिड़ गई है कि क्या इस मुद्दे पर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच में मतभेद है? महाराष्ट्र में आगामी 30 जनवरी को ग्रेजुएट और शिक्षक कोटे की पांच विधानपरिषद सीटों के लिए चुनाव होने हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान से राज्य के सभी शिक्षक और सरकारी कर्मचारियों को इसलिए भी उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस शासित राज्यों जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार ने इन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू की है। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने को मंजूरी दी है। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी नेशनल पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को मंजूरी दी है।

एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
एकनाथ शिंदे ने पुरानी पेंशन को लेकर महत्वपूर्ण सकारात्मक संकेत दिए हैं। एकनाथ शिंदे के मानें तो वह शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लेकर काफी सकारात्मक हैं। आगामी विधान परिषद चुनाव के मद्देनजर एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि पुरानी पेंशन योजना के संबंध में महाराष्ट्र का शिक्षा विभाग की स्टडी शुरू है। पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को फिक्स पेंशन मिलती है। जिसके हिसाब से एक कर्मचारी पेंशन के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन की पचास फीसदी धन राशि का हकदार होता है। जबकि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत पेंशन राशि अंशदायी है जो कि साल 2004 से प्रभावी हुई है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मानें तो सरकार शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों, गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए पुरानी पेंशन योजना और अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में पच्चीस फीसदी आरक्षण के लिए सकारात्मक है। इसी वजह से शिक्षा विभाग पुराने योजना पर स्टडी में जुटा हुआ है।

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