OPS के लिए धरने पर बैठे कर्मचारी तो सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों से कर ली हायरिंग, शिंदे सरकार ने खींची नई लाइन

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OPS के लिए धरने पर बैठे कर्मचारी तो सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों से कर ली हायरिंग, शिंदे सरकार ने खींची नई लाइन

OPS के लिए धरने पर बैठे कर्मचारी तो सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों से कर ली हायरिंग, शिंदे सरकार ने खींची नई लाइन


मुंबई: महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों को मेस्मा (MESMA) लगाने की भी चेतावनी दी थी। बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं है। पुरानी पेंशन योजना को लेकर राज्य सरकार के लाखों कर्मचारी इस बार आरपार के मूड में नजर आ रहे हैं। हड़ताल की वजह से कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। साथ ही सरकार की किरकिरी भी हो रही है। ऐसे में शिंदे- फडणवीस सरकार ने काम को सुचारू रूप से चलाने का एक नया तरीका ढूंढ लिया है। सरकार ने नौ निजी एजेंसियों को कर्मचारी नियुक्त करने का ठेका दिया है। जो सरकारी और अर्ध सरकारी खाली पदों को भरने का काम करेंगी। यह नियुक्तियां कॉन्ट्रैक्ट पर होंगी।

इस संबंध में सरकार के इंडस्ट्री एंड लेबर मंत्रालय ने जीआर भी निकाला है। जिसके तहत प्रशिक्षित और गैर प्रशिक्षित लोगों को सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी जाएगी। जिन नौ एजेंसियों को कर्मचारी मुहैया कराने का ठेका मिला है। वो अगले पांच साल में 74 श्रेणियों में सरकार के विभिन्न विभागों के लिए कर्मचारी मुहैया कराएंगी। इन एजेंसियों द्वारा प्रोजेक्ट ऑफिसर, प्रोजेक्ट कंसलटेंट, सीनियर और जूनियर इंजीनियर, ऑडिटर, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, लॉ ऑफिसर, टीचर और सुपरिंटेंडेंट जैसे पद भरे जायेंगे। स्थानीय निकाय दफ्तरों में भी इन पदों पर भर्तियां इन्हीं एजेंसियों के माध्यम से होंगी।

विपक्ष ने उठाया सवाल
इस मुद्दे को लेकर बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर भर्ती करने के संबंध में जारी सरकारी प्रस्ताव या आदेश को वापस लेने की मांग की। हालांकि, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सही फैसला है। फडणवीस ने सदन में कहा कि यह फैसला राज्य की पूर्ववर्ती एमवीए सरकार द्वारा लिया गया था। इस फैसले में जिसमें पवार भी शामिल थे। महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। फडणवीस ने ने यह भी कहा कि संविदा पर भर्ती केवल कुछ विशिष्ट परियोजनाओं के लिए की जाएगी।

गोपनीयता खत्म हो जाएगी
एनसीपी नेता अजित पवार ने विधानसभा में कहा कि सरकारी कर्मचारियों की संविदा के आधार पर भर्ती गोपनीयता पर सवाल उठाती है। सरकारी कर्मचारियों से कुछ मामलों में गोपनीयता बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। अजित पवार ने कहा कि संविदा पर भर्ती कुछ कर्मचारियों को राज्य के मुख्य सचिव से भी ज्यादा वेतन मिलने लगता है। पवार ने कहा, सरकारी आदेश में कहा गया है कि उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभागों में निजी एजेंसियों के माध्यम से संविदा पर भर्तियां की जाएंगी।

उन्होंने इस सरकारी आदेश के समय पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में जबकि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के लिए आंदोलन कर रहे हैं, सरकार ने संविदा के आधार पर भर्ती करने का फैसला लिया है। इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि संविदा के आधार पर लोगों की भर्ती करने का फैसला और टेंडर एमवीए सरकार के कार्यकाल में जारी किये गए थे। हमारी सरकार तो यह फैसला सिर्फ लागू कर रही है क्योंकि यह सही फैसला है।

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