संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से लगातार हंगामा किया जा रहा है। सोमवार के बाद मंगलवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामों से भरी रही। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इटली से वापसी करने के बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मामले में एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसदों और अन्य नेताओं ने संसद के महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने नीरव मोदी के फरार होने के मामले में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीरव मोदी के मामले में चुप्पी तोड़ने की मांग की। वहीं तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों ने भी महात्मा गांधी के सामने धरना दिया। टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग पर अड़ी है। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
बता दें कि सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका। पीएनएबी घोटाला मामला, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून को लागू करने और कावेरी जल बंटवारे सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस , तेदेपा और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी शुरू कर दी। इसकी वजह से लोकसभा में सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए और राज्यसभा में दस मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी थी।
Congress President Rahul Gandhi and senior leaders of the party protested outside the Parliament this morning asking PM Modi to break his silence and come clean on the #ChhotaModi bank loot. #PradhanMantriJawabDo pic.twitter.com/pCqol9yAke
— Congress (@INCIndia) March 6, 2018
लोकसभा में कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आकर ‘‘नीरव मोदी को वापस लाओ’’ के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और विशेष पैकेज की मांग को लेकर टीडीपी के सदस्य भी नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए थे। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं। इन पर लिखा था ‘हमें न्याय चाहिए।’ टीडीपी के सासंद शिवप्रसाद ने तो विरोध का एक नया ही तरीका अपनाया था। सोमवार को संसद का बजट सत्र करीब एक महीने के अंतराल के बाद फिर से शुरू हुआ था। सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन शिवप्रसाद पहले तो तांत्रिक का रूप धारण करके सदन पहुंचे थे तो वहीं कुछ समय बाद उन्होंने भगवान कृष्ण का रूप ले लिया था।