OP Sharma Death: दुनिया के रंगमंच से गुम हो गया ओपी शर्मा का जादू… 34000 से अधिक शो, कानपुर से निकल बनाई थी अपनी मायानगरी

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OP Sharma Death: दुनिया के रंगमंच से गुम हो गया ओपी शर्मा का जादू… 34000 से अधिक शो, कानपुर से निकल बनाई थी अपनी मायानगरी

OP Sharma Death: दुनिया के रंगमंच से गुम हो गया ओपी शर्मा का जादू… 34000 से अधिक शो, कानपुर से निकल बनाई थी अपनी मायानगरी

कानपुर: कानपुर की मायानगरी से वैश्विक रंगमंच को अपने जादू से अचंभित करने वाला जादूगर ओपी शर्मा नहीं रहे। वे 71 साल के थे। उनका निधन कानपुर के निजी अस्पताल में हो गया। वे किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। शनिवार को उन्होंने आखिरी सांस ली। ओपी शर्मा ने अपनी अलग ही जादूई दुनिया बनाई थी। 34 हजार से अधिक शो उन्होंने अपने पूरे जीवन में किए। इन शो के जरिए वे हर वर्ग को अपना मुरीद बनाते थे। क्या बच्चे, क्या युवा, बुजुर्ग भी उनके फैन थे। उनका जादूई गेटअप भी लोगों को खासा आकर्षित करता था। उनके निधन पर कानपुर में शोक है। वहीं, उनकी जादूई दुनिया के मुरीद भी उनके निधन पर शोक जता रहे हैं। कानपुर के लिए यह 15 दिनों में दूसरा झटका है। राजू श्रीवास्तव के निधन से कानपुर उबरा नहीं और अब ओपी शर्मा के निधन ने कानपुर को दुखी कर दिया है।

ओपी शर्मा कानपुर के मायानगरी एरिया के बादशाह बर्रा-2 इलाके में रहते थे। पिछले दिनों किडनी की बीमारी के कारण बीमार थे। शनिवार देर रात उनका निधन हो गया। पिछले करीब एक सप्ताह से उनका इलाज कल्याणपुर के नर्सिंग होम में चल रहा था। ओपी शर्मा का जादू इस कदर था कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें गोविंदनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया था। ओपी शर्मा के परिवार में पत्नी मीनाक्षी हैं। उनके बड़े बेटे प्रेम प्रकाश शर्मा दिल्ली दूरदर्शन में काम करते हैं। वहीं, मंझले बेटे सत्य प्रकाश शर्मा ने खुद को ओपी शर्मा जूनियर के रूप में स्थापित किया है। तीसरा बेटा पंकज प्रकाश शर्मा प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है। सबसे छोटी बेटी रेनू शर्मा यूएसए में रहती हैं।

बलिया में हुआ था जन्म, कानपुर से चमके
ओपी शर्मा का जन्म 1 अप्रैल 1952 को बलिया में हुआ था। हालांकि, वे कानपुर से चमके। वर्ष 1971 में स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में डिजाइनर के पद पर उन्हें नौकरी लगी। वे कानपुर आए। फिर यहीं के होकर रह गए। कानपुर के शास्त्रीनगर कॉलोनी में सबसे पहले उन्होंने अपना ठिकाना बनाया। इसके बाद बर्रा-2 में अपना घर बनवाया। इसको लोग भूत बंगला के नाम से भी जानते हैं। बेटे पंकज शर्मा कहता हैं कि देश-विदेश में उनका 34 हजार से अधिक शो हुआ था। मुंबई में उन्होंने अपना पहला कॉमर्शियल शो किया था। वर्ष 2001 में इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल ने उन्हें नेशनल मैजिक अवार्ड और शहंशाह ए जादू की उपाधि दी थी। उनके शो का सबसे चर्चित रगबिरंगा इंद्रजाल होता था।

सामाजिक कुरीतियों पर निशाना
ओपी शर्मा अपने जादू के जरिए सामाजिक कुरीतियों पर जोरदार हमला करते थे। टोने-टोटकों पर करारा हमला करते थे। इसके प्रति लोगों को जागरूक करते थे। ओपी शर्मा कहते थे, जादू कोई करिश्मा नहीं था। यह एक कला है। वे जादूगरों को प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने की बात करते थे। वे बच्चे के मन में जादू की बारीकियों को समझाकर मन से भय को निकालने की भी बात करते थे।

ओपी शर्मा के इंद्रजाल में एक जादूई दुनिया बनाई जाती थी। लोग उनके भ्रम के जाल में अनायास ही सिमट जाते थे। किताब के पन्नों से वे विशालकाय डायनासोर को सामने ले आते थे। उस पर काबू पाते थे और जादू देखने आए लोगों की तालियां खूब बजती थी। चिंपैंजी से लड़की बना दिया करते थे। खाली बक्से से आदमी निकालना और रूमान से कबूतर उड़ाने से वे अपने जादू की शुरुआत करते थे।

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