बीजेपी पार्टी से नाराज प्रभारी ओम माथुर, नौ महीने से एक भी बैठक में नहीं हुए शामिल

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उत्तर प्रदेश: चुनावों के लेकर जहां पार्टियां कोई न कोई रणनीति बनाती दिखाई दे रही है वहीं पार्टी के ही नेता अपनी पार्टी से खफा नजर आ रहें है. भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मिशन 2019 का आगाज तो कर दिया है. पर राजनीतिक गलियारों से यह खबर तेजी से आ रही है कि लंबे समय से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और यूपी के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर को किसी भी बैठक में शामिल होते नहीं देखा गया है.

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माथुर काफी वक्त से बीजेपी से नाराज

आपको बता दें कि बुधवार को अमित शाह पार्टी संगठन को चुनाव से पहले मजबूत करने के लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे थे, इस दौरान सभी नेताओं को देखा गया पर इस बैठक में एक बड़ा चेहरे की नामौजूदगी सबसे ज्यादा चर्चा का विषय साबित हुई. जी हां, इस बैठक में प्रभारी ओम प्रकाश माथुर उपस्थित नहीं थे. जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माथुर काफी वक्त से बीजेपी से नाराज चल रहें है. राजस्थान के रहने वाले ओम माथुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी भरोसेमंद माने जाते हैं. पिछले चार साल से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ यूपी का प्रभार भी देख रहें है. प्रभारी ओम माथुर भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल की कामकाज के तरीकों को लेकर नाराज माने जा रहे हैं. क्योंकि कहा जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी है, पर कई फैसले उनकी सहमती के बिना ही संगठन और सरकार में लिए जा रहें है. यहीं कारण है कि पिछले नौ महीनों से उन्होंने पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में जाना छोड़ दिया है. हाल ही के कुछ महीनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एनडीए के कई कार्यक्रम हुए, लेकिन वे किसी में नजर नहीं आए.

Om mathur -

बुधवार को शाह अपने दौरे पर वाराणसी और मिर्जापुर की यात्रा पर

बीते दिन यानी बुधवार को शाह अपने दौरे पर वाराणसी और मिर्जापुर की यात्रा पर थे. बनारस में शाह ने सोशल मीडिया वालंटियर्स की अहम बैठक को संबोधित करते हुए पाए. उस दौरान उन्होंने गोरखपुर, काशी और अवध क्षेत्र के नेताओं के संग भी मुलाकात की थी. बता दें इस दौरान शाह के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और अरुण सिंह मौजूद थे, लेकिन माथुर इस वक्त भी नजर नहीं आए. पता चला उस दौरान वह राजस्थान में किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे.

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का बयान

वहीं इस पर बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ओम माथुर की नाराजगी वाली बात को खारिज करते बताया कि यह सच है कुछ समय से माथुर जी को यूपी की हर चीजों में कम देखा गया है, क्योंकि उस दौरान वो कई अन्य जिम्मेदारियों में व्यस्त चल रहे थे. उनको एक चुनावी रणनीतिकार के तरीके से जाना जाता है. उन्हीं के कारण भाजपा पार्टी यूपी में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करवाने में सफल रही है. वह यूपी में बीजेपी को नियमित रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं.

Amit shah -

माथुर भाजपा में गुटबाजी को लेकर काफी परेशान

जानकारी के अनुसार, माथुर भाजपा के प्रदेश इकाई संगठन में गुटबाजी को लेकर काफी परेशान है. बीजेपी नेता ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही गुटबाजी बढ़ी है. वहीं पार्टी के कई नेता माथुर के विचार के बिना ही एकतरफा निर्णय ले रहें है. वहीं गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा उपचुनावों, राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों के उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथुर से विचार-विमर्श नहीं किया गया था.

सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि माथुर यूपी का प्रभारी पद जारी नहीं करने चाहते है. पिछले नौ माह से वह किसी भी अहम बैठक में नजर नहीं आ रहें है. इससे पहले माथुर को आखिरी बार कानपुर में अक्टूबर 2017 हुई राज्य कार्यकारी मीटिंग में भाग लेते हुए देखा गया था. इस साल फरवरी में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के बीच हुई समन्वय बैठक में शामिल हुए थे.

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