Old Pension Scheme: महाराष्ट्र में क्या लागू होगी ओल्ड पेंशन स्कीम? डेप्युटी CM देवेंद्र फडणवीस से जानिए
विधान परिषद में शुक्रवार को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर विरोधी दलों ने सरकार से सवाल पूछे। विधान परिषद सदस्यों राजेश राठोड़, कपिल पाटील और अंबादास दानवे ने पूछा कि क्या सरकार 2005 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले शिक्षकों एवं राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी या फिर उस पर कोई विचार कर रही है? जब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना लागू कर रहे हैं, तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?
सामने रखा अहलूवालिया का तर्क
इस पर फडणवीस ने तत्कालीन योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के तर्क सामने रखे। अर्थशास्त्री अहलूवालिया ने कहा था कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना ‘वित्तीय दिवालियापन का एक तरीका’ होगा। यह अगली सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाने के समान होगा।
…तो पड़ेगा लगभग ~55000 करोड़ का बोझ
फडणवीस ने कहा कि वेतन, मेहनताना और पेंशन पहले से ही राज्य के वार्षिक खर्च का 58 प्रतिशत है और यह 62 प्रतिशत तक पहुंच रहा है। अगले वित्तीय वर्ष तक यह बढ़कर 68 प्रतिशत हो जाएगा। पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर सरकार पर करीब 50-55 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य में करीब 16 लाख 10 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निर्धारित पेंशन मिलती है। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि प्राप्त करने का हकदार है।
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बता दें कि साल 2003 में बीजेपी की तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया था। संबंधित आदेश एक अप्रैल 2004 से प्रभावी हो गया था। फडणवीस ने कहा कि साल 2030 तक महाराष्ट्र के 2.5 लाख से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मासिक वेतन से वर्तमान में कटौती की गई पेंशन राशि का कुछ हिस्सा पूंजी बाजार में निवेश किया गया है, जहां से हाई रिटर्न पाने की गुंजाइश होती है।
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MF पर मिला है 11 पर्सेंट का रिटर्न
फडणवीस ने कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रीय पेंशन योजना से बेहतर विकल्प व समाधान तलाशेंगे। नई पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी पेंशन फंड में अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान देते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत का योगदान देती है। पिछले पांच वर्षों में, म्यूचुअल फंड में निवेश पर 11 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च रिटर्न केवल पूंजी बाजार में ही संभव है।