OBC आरक्षण संघर्ष समिति की होगी जीत, CM अशोक गहलोत ने दी रिजर्वेशन की विसंगतियां दूर करने की सैद्धांतिक मंजूरी

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OBC आरक्षण संघर्ष समिति की होगी जीत, CM अशोक गहलोत ने दी रिजर्वेशन की विसंगतियां दूर करने की सैद्धांतिक मंजूरी

OBC आरक्षण संघर्ष समिति की होगी जीत, CM अशोक गहलोत ने दी रिजर्वेशन की विसंगतियां दूर करने की सैद्धांतिक मंजूरी

जयपुर: पिछले कुछ महीनों से ओबीसी युवाओं की ओर से चलाए जा रहे आन्दोलन की जीत होने वाली है। ओबीसी वर्ग के लाखों युवाओं की मांग है कि ओबीसी वर्ग के आरक्षण की विसंगतियों को दूर किया जाए क्योंकि विसंगति की कारण मूल ओबीसी अभ्यर्थियों को कई भर्तियों में एक भी पद पर नौकरी नहीं मिल पा रही है। युवाओं की जायज मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओबीसी आरक्षण संबंधित नियमों में बदलाव करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की जानकारी दी है। डोटासरा ने कहा कि जल्द की आदेश जारी होगा।


प्रदेश में कांग्रेस की सरकार, कांग्रेस के नेताओं ने ही की आन्दोलन की अगुवाई
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। इसके बावजूद भी ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने सरकार के खिलाफ आन्दोलन किया। जून 2022 में पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने विसंगतियों को दूर करने के लिए आन्दोलन का आह्वान किया। चौधरी ने कहा कि अगर सरकार ने ओबीसी आरक्षण की विसंगति को शीघ्र दूर नहीं किया तो सड़कों पर उतर कर आन्दोलन किया जाएगा। 8 अगस्त को पूरे राजस्थान में धरने प्रदर्शन हुए। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। 30 सितंबर को जयपुर में महापड़ाव डाला गया। इसमें कांग्रेस के दर्जनों नेता शामिल हुए, जिनमें पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक दिव्या मदेरणा, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, निर्दलीय विधायक बलजीत यादव, राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष निर्मल चौधरी मौजूद रहे।

यह विसंगति है ओबीसी आरक्षण में
वर्ष 2018 में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में ओबीसी आरक्षण के नियमों में बदलाव कर दिया गया था। इसके तहत ओबीसी आरक्षण के मूल वर्ग के पदों में भूर्तपूर्व सैनिकों को समायोजित किया गया। इससे लगभग सभी तरह की भर्तियों में ओबीसी मूलवर्ग के पदों पर पूर्व सैनिक भर्ती होने लगे और मूल वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन होना बंद हो गया। पिछले एक साल में निकली कई सरकारी नौकरियों में ओबीसी मूल के एक भी अभ्यर्थी को नौकरी नहीं मिली। यहां तक की लिखित परीक्षा में टॉपर रहने वाले भी नौकरी से वंचित रहने लगे। ऐसे में ओबीसी मूल वर्ग के अभ्यर्थियों ने आन्दोलन शुरू किया। अभ्यर्थियों की जायज मांग का कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन किया। अब मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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