OBC आरक्षण मुद्दे पर अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद हरीश चौधरी राजस्थान के 4 कैबिनेट मंत्रियों से मिले, जानें वजह

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OBC आरक्षण मुद्दे पर अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद हरीश चौधरी राजस्थान के 4 कैबिनेट मंत्रियों से मिले, जानें वजह

OBC आरक्षण मुद्दे पर अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद हरीश चौधरी राजस्थान के 4 कैबिनेट मंत्रियों से मिले, जानें वजह

जयपुर: ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरीश चौधरी जी जान से जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सख्त नाराजगी जाहिर करने के बाद हरीश चौधरी अब मंत्रियों का समर्थन हासिल करने में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि वह प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को इस गंभीर मसले के बारे में पूरी जानकारी देंगे। साथ ही कांग्रेस के तमाम पूर्व अध्यक्षों को भी बताएंगे। मंत्रिमंडल की सलाह के बाद सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के परिपत्र में संशोधन करना ही पड़ेगा, क्योंकि यह प्रदेश के लाखों युवाओं से जुड़े भविष्य का सवाल है।

कटारिया, कल्ला, मीणा और धारीवाल से मिले चौधरी
शनिवार को हरीश चौधरी ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, डॉक्टर बी डी कल्ला और परसादी लाल मीणा से मुलाकात की। उन्हें ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों से जुड़े नियम को समझाया। मंत्रियों को यह बताया गया कि किस तरह से पूर्ववर्ती सरकार की गलती का खामियाजा प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। हरीश चौधरी ने सभी मंत्रियों से मांग की है कि वे भी कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को हल करने में समर्थन करें।

भरोसा तोड़ने पर मुख्यमंत्री से नाराज हैं: चौधरी
ओबीसी आरक्षण की विसंगतियां दूर करने की मांग हरीश चौधरी पिछले कई महीने से कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर वे कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर चुके हैं। गहलोत इस मसले को सैद्धांतिक सहमति दे चुके हैं। हरीश चौधरी की ओर से लगातार मांग करने पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को हल करने का भरोसा दिलाया था लेकिन 10 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस विषय को डेफर कर दिया गया था। इससे हरीश चौधरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से काफी नाराज हुए। चौधरी ने अपने ट्विटर पेज पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि “मुख्यमंत्री जी, आखिर आपने ऐसा क्यों किया।”

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क्या विसंगति है ओबीसी आरक्षण व्यवस्था में
सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 17 अगस्त 2018 को एक नया नियम जोड़ा गया। इस नियम के तहत पूर्व सैनिकों को 12.5% होरिजेंटल आरक्षण दिया गया। इस नियम की वजह से ओबीसी के अभ्यर्थियों के पदों पर पूर्व सैनिकों का कब्जा होने लगा। ऐसे में ओबीसी वर्ग के मूल अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में चयनित होने से वंचित हो रहे हैं। पिछले 3 साल में कई भर्तियां ऐसी रही जिनमें ओबीसी वर्ग के एक भी अभ्यर्थी को सरकारी नौकरी नहीं मिली। हरीश चौधरी पूर्वर्ती सरकार द्वारा जोड़े गए नियम में संशोधन कराने की मांग कर रहे हैं ताकि ओबीसी वर्ग के व्यक्तियों को उनका हक मिल सके।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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