NWR जोनल सेक्रेटरी बी एल बैरवा पर गंभीर आरोप: फर्जी दस्तावेज देने समेत कई मामलों को लेकर रेलवे बोर्ड से FIR दर्ज करने की मांग – Jaipur News

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NWR जोनल सेक्रेटरी बी एल बैरवा पर गंभीर आरोप:  फर्जी दस्तावेज देने समेत कई मामलों को लेकर रेलवे बोर्ड से FIR दर्ज करने की मांग – Jaipur News
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NWR जोनल सेक्रेटरी बी एल बैरवा पर गंभीर आरोप: फर्जी दस्तावेज देने समेत कई मामलों को लेकर रेलवे बोर्ड से FIR दर्ज करने की मांग – Jaipur News

ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट & शेड्यूल्ड ट्राइब्स रेलवे एम्प्लॉयज एसोसिएशन (AISCST) के प्रेसिडेंट मिलिंद वी अवाड ने नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे (SC-ST) के जोनल सेक्रेटरी बी.एल. बैरवा पर अवैध रूप से सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमिटी के प्रेसिडेंट पद पर काबिज होने समेत

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मिलिंद वी अवाड ने मीडिया से बात करते हुए बताया- जयपुर की एक अदालत ने बी.एल. बैरवा को अपराधी घोषित कर छह महीने तक संगठनात्मक गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया है। अवाड ने इस मामले में रेलवे बोर्ड से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने बताया- जयपुर की अदालत ने 28 नवंबर 2024 को दिए आदेश में बैरवा को दोषी माना। मामला डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी के फर्जी अध्यक्ष होने के दावे से जुड़ा था। अदालत ने बैरवा और एक अन्य आरोपी को 5,000 रुपये की जमानत पर रिहा किया और उन्हें छह महीने तक किसी भी संगठनात्मक गतिविधि में शामिल होने से रोक दिया।

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(AISCST) के प्रेसिडेंट और अन्य पदाधिकारियों ने बुधवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे (SC-ST) के जोनल सेक्रेटरी बी.एल. बैरवा पर गंभीर आरोप लगाए है।

संघ संचालन में अनियमितताओं के आरोप

अवाड ने आरोप लगाया कि बैरवा और एक अन्य पदाधिकारी अशोक कुमार को 2006 में ही संगठन से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने धोखाधड़ी से नियंत्रण बनाए रखा। उन्होंने एससी/एसटी कर्मचारियों से अवैध रूप से सदस्यता शुल्क और चंदा वसूला, लेकिन संगठन का नवीनीकरण नहीं कराया। यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत अनिवार्य है, लेकिन 2006 से अब तक इसका पालन नहीं किया गया और इस तथ्य को सोसाइटी रजिस्ट्रार से छुपा रहे है।

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अनुचित तरीके से ट्रांसफर कराने, रेलवे बोर्ड को गुमराह करने के आरोप

अवाड ने बताया- बिना वैध नवीनीकरण के संगठन चला रहे बैरवा ने रेलवे बोर्ड को भी गुमराह किया। रेल मंत्रालय ने 9 और 18 अक्टूबर 2024 को पत्र जारी कर उनसे संगठन के नवीनीकरण प्रमाणपत्र की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इसे प्रस्तुत करने की समय सीमा आगे बढ़ाने का लिखित जवाब दिया। अवाड ने मांग की कि बैरवा पर फर्जी डॉक्यूमेंट देने के खिलाफ रेलवे बोर्ड को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि बैरवा, जो पश्चिम रेलवे में वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी (लेखा) के पद पर कार्यरत थे, उत्तर पश्चिम रेलवे में ट्रांसफर के लिए अनुचित तरीके अपनाए। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे स्थापना नियमावली और संहिता के तहत उनके ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन उन्होंने पूर्व सांसद नरनभाई जे. रटवा के जरिए दबाव बनाकर ट्रांसफर कराया। यह रेलवे सेवा (आचरण) नियम 1966 का उल्लंघन है।

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AISCST के प्रेसिडेंट प्रेसिडेंट मिलिंद वी अवाड ने बताया- हम अपने संगठन के पदाधिकारियों के साथ जयपुर बैरवा के खिलाफ आंदोलन करने के लिए आए थे। लेकिन हमें परमिशन नहीं दी गई।

रेलवे प्रशासन से कार्रवाई की मांग

अवाड ने कहा कि बैरवा ने सरकारी नीतियों और संगठन के नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए उन्हें संगठन से पूरी तरह निष्कासित किया जाना चाहिए। उन्होंने रेलवे प्रशासन से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

रेलमंत्री से सांठ-गांठ के आरोप

इसके साथ ही AISCST के प्रेसिडेंट मिलिंद वी अवाड ने बी एल बैरवा पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य पॉलिटिकल नेताओं के साथ सांठ-गांठ के भी गंभीर आरोप लगाए है।

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