उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को कोर्ट का आदेश, जल्द खाली करे सरकारी बंगले

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मध्यप्रदेश: यूपी के बाद अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिला एक बड़ा झटका. जी हां, मध्य प्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करने का ऐलान किया है. इस आदेश को मुख्य न्यायाधीश हेमंत कुमार गुप्ता और न्यायाधीश ए.के. श्रीवास्तव की युगलपीठ ने एक याचिक की सुनवाई करते हुए बीते दिन यानी मंगलवार को इस बात की घोषण की.

इस याचिक में कहा गया है कि राज्य की सरकार के इन मंत्रियों के वेतन और भत्ते अधिनियम में संशोधन कर यह आदेश पेश किया है. ऐसा करना ना केवल कानून के विरुद्ध है अपितु जनता के पैसे को भी गलत तरीके से इस्तेमाल है. याचिकाकर्ता के अनुसार, पद से हटने के बाद किसी भी मुख्यमंत्री के नाम सरकारी बंगले का आवंटन जारी रहने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने उप्र सरकार बनाम लोकप्रहरी केस में गलत ठहराया है. इस याचिक में पूर्व मुखायामंत्रियों उमा भारती, कैलाश जोशी व कांग्रेस के दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता शामिल है. जिन्हें आवास छोड़ना पड़ जाएगा.

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याचिक पर पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी चल रहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विपिन यादव ने कहा है कि इस अधिनियम में संशोधन के कारण पूर्व मुख्यमंत्री   सरकारी बंगले में रहा रहें है. और यह संविधान के अनुच्छेद 14 यानी समानता के अधिकार का उल्लंघन है. इसलिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित इस आदेश को ध्यान में रखते हुए एक महीने के अंदर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित शासकीय बंगले खाली करने का निर्देश है.

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यही नहीं इससे पहले भी उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का पालन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था. राज्य संपत्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश के 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेजा है.