Nitish Kumar News : लखीसराय में 52 दिनों में 9 मर्डर, क्या बीजेपी के इस सवाल से भड़क गए नीतीश? h3>
पटना : बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जिस तरह से सोमवार को विधानसभा में तेवर दिखाए उस पर घमासान थमता नहीं दिख रहा। सदन में तो हंगामा हुआ ही विधानसभा (Bihar Assembly Budget Session) के बाहर भी इस मुद्दे पर बयानबाजी का दौर जारी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने तो यहां तक कह दिया कि पूरे घटनाक्रम से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यही है कि आखिर सोमवार को विधानसभा में ऐसा हुआ क्या जिस पर सीएम नीतीश स्पीकर विजय सिन्हा पर इतना भड़क गए। क्या ऐसा बीजेपी विधायक संजय सरावगी के लखीसराय में 52 दिनों के दौरान 9 हत्याओं का मुद्दा उठाए जाने की वजह से हुआ?
आखिर क्या वजह रही जो सीएम नीतीश को आया गुस्सा
बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय विकट स्थिति पैदा हो गई, जब मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच लखीसराय की घटना को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। पूरा मामला तब सामने आया जब बीजेपी विधायक ने संजय सरावगी ने लखीसराय में 52 दिनों के दौरान हुई 9 हत्याओं का मुद्दा उठाया। इसी दौरान पूरक प्रश्न करते समय बीजेपी MLA ने स्पीकर विजय सिन्हा के अपमान का मामला भी जोड़ दिया। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के साथ पुलिस के एक डीएसपी और थानेदार ने बदसलूकी की थी। लखीसराय के इस मामले पर विधानसभा में जारी हंगामे का पता जैसे ही मुख्यमंत्री को हुआ तो वो तुरंत ही सदन में पहुंचे और स्पीकर की ओर इशारा करते हुए आपत्ति जता दी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने क्या कुछ कहा समझिए
मुख्यमंत्री ने तीखे तेवर के साथ कहा कि क्या सरकार की ओर से जांच किए जा रहे मामले को…जिसे विशेषाधिकार समिति को भी भेजा गया हो, उसे सदन के पटल पर बार-बार उठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अपना आक्रोश तब व्यक्त किया जब विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में हुई घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। दरअसल, लखीसराय स्पीकर विजय कुमार सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र भी है।
कैसे लखीसराय की घटना पर बीजेपी-नीतीश आ गए आमने-सामने
वहीं, लखीसराय की घटना की जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस नोकझोंक को सियासी गलियारे में जेडीयू और बीजेपी के बीच तनावपूर्ण संबंधों के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिस तरह से बीजेपी की ओर से लगातार अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल उठाए जा रहे, कहीं न कहीं ये बात भी नीतीश कुमार को परेशान कर रही। माना जा रहा कि इन्ही सब वजहों से मुख्यमंत्री ने ये तेवर अख्तियार किया।
Bihar News : नीतीश पर बीजेपी-विपक्ष दोनों गरम, विधानसभा अध्यक्ष के मुद्दे पर जमकर सुनाया
घमासान अभी थमा नहीं…देखिए आगे क्या होता है
दूसरी ओर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा मंगलवार को सदन नहीं पहुंचे, जिसके बाद विपक्षी दलों के भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही प्रभावित रही। प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सोमवार को सीएम और स्पीकर के बीच तनातनी के विरोध में काली पट्टी पहनकर विधानसभा पहुंचे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर देखकर वे और भड़क गए। विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मांग की कि अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सदन में आएं और विवाद का कारण बताएं। वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री कुर्सी के महत्व को समझते हैं। सदन के संचालन के तरीके के संबंध में उनके कुछ मुद्दे थे। उन्होंने हाथ जोड़कर अत्यंत विनम्रता के साथ अपनी आपत्ति व्यक्त की।
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आखिर क्या वजह रही जो सीएम नीतीश को आया गुस्सा
बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय विकट स्थिति पैदा हो गई, जब मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच लखीसराय की घटना को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। पूरा मामला तब सामने आया जब बीजेपी विधायक ने संजय सरावगी ने लखीसराय में 52 दिनों के दौरान हुई 9 हत्याओं का मुद्दा उठाया। इसी दौरान पूरक प्रश्न करते समय बीजेपी MLA ने स्पीकर विजय सिन्हा के अपमान का मामला भी जोड़ दिया। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के साथ पुलिस के एक डीएसपी और थानेदार ने बदसलूकी की थी। लखीसराय के इस मामले पर विधानसभा में जारी हंगामे का पता जैसे ही मुख्यमंत्री को हुआ तो वो तुरंत ही सदन में पहुंचे और स्पीकर की ओर इशारा करते हुए आपत्ति जता दी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने क्या कुछ कहा समझिए
मुख्यमंत्री ने तीखे तेवर के साथ कहा कि क्या सरकार की ओर से जांच किए जा रहे मामले को…जिसे विशेषाधिकार समिति को भी भेजा गया हो, उसे सदन के पटल पर बार-बार उठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अपना आक्रोश तब व्यक्त किया जब विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में हुई घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। दरअसल, लखीसराय स्पीकर विजय कुमार सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र भी है।
कैसे लखीसराय की घटना पर बीजेपी-नीतीश आ गए आमने-सामने
वहीं, लखीसराय की घटना की जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस नोकझोंक को सियासी गलियारे में जेडीयू और बीजेपी के बीच तनावपूर्ण संबंधों के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिस तरह से बीजेपी की ओर से लगातार अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल उठाए जा रहे, कहीं न कहीं ये बात भी नीतीश कुमार को परेशान कर रही। माना जा रहा कि इन्ही सब वजहों से मुख्यमंत्री ने ये तेवर अख्तियार किया।
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घमासान अभी थमा नहीं…देखिए आगे क्या होता है
दूसरी ओर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा मंगलवार को सदन नहीं पहुंचे, जिसके बाद विपक्षी दलों के भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही प्रभावित रही। प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सोमवार को सीएम और स्पीकर के बीच तनातनी के विरोध में काली पट्टी पहनकर विधानसभा पहुंचे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर देखकर वे और भड़क गए। विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मांग की कि अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सदन में आएं और विवाद का कारण बताएं। वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री कुर्सी के महत्व को समझते हैं। सदन के संचालन के तरीके के संबंध में उनके कुछ मुद्दे थे। उन्होंने हाथ जोड़कर अत्यंत विनम्रता के साथ अपनी आपत्ति व्यक्त की।