Nitish Kumar को अपने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मोबाइल नंबर भी नहीं मालूम? Upendra Kushwaha को लेकर ऐसा क्यों बोले

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Nitish Kumar को अपने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मोबाइल नंबर भी नहीं मालूम? Upendra Kushwaha को लेकर ऐसा क्यों बोले

Nitish Kumar को अपने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मोबाइल नंबर भी नहीं मालूम? Upendra Kushwaha को लेकर ऐसा क्यों बोले


पटना/गया: ‘उपेंद्र कुशवाहा जी को कह दीजिए, हमसे बतिया लें। वो तो बाहर छोड़कर दो-तीन बार गए, फिर आए अपने। अब उनकी क्या इच्छा है, हमको नहीं मालूम है।’ ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मोबाइल नंबर नहीं मालूम है? क्या नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में इतनी दूरी बढ़ गई है कि एक-दूसरे से फोन पर बात भी नहीं हो सकती? आखिर नीतीश कुमार ने क्यों कहा कि मुझे नहीं पता कि उपेंद्र कुशवाहा क्या चाहते हैं? क्या बिना मिले एक-दूसरे का हालचाल भी नहीं जान सकते? वैसे, जानकारी के लिए जान लीजिए जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha)आजकल हेल्थ चेकअप के लिए दिल्ली एम्स में एडमिट हैं और उनसे बीजेपी के नेताओं ने मुलाकात की है।

BJP के नेताओं ने की कुशवाहा से मुलाकात

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल समाधान यात्रा पर अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं। अक्सर उनके साथ मंत्री संजय झा और विजय चौधरी होते हैं। आमतौर पर पत्रकारों के सवालों का जवाब भी नीतीश कुमार खुलकर देते हैं। उपेंद्र कुशवाहा की तबीयत नासाज हैं और वो दिल्ली एम्स में एडमिट हैं। यहां तक तो दिक्कत नहीं थी।

मगर, उनसे बिहार बीजेपी के नेता प्रेम रंजन पटेल, संजय टाइगर और योगेंद्र पासवान ने मुलाकात की। जब सोशल मीडिया पर तस्वीरें आई तो राज्य की सियासत में भूचाल आ गया। माना जा रहा था कि नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद उपेंद्र कुशवाहा साबित होंगे। मगर जब उपेंद्र कुशवाहा अस्पताल में भर्ती हुए तो जेडीयू नेताओं की बजाए बीजेपी नेताओं की तस्वीरें तैरने लगी। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे की उपेंद्र कुशवाहा का अब नीतीश कुमार से मन खट्टा हो गया है। वो दूसरे ठिकाने की तलाश में हैं।

मीडिया के जरिए कुशवाहा से बात करेंगे नीतीश?

गया में पत्रकारों से जब नीतीश कुमार मुखातिब हुए तो मीडियावालों ने कुशवाहा को लेकर सीधा-सपाट सवाल पूछ लिया। सीएम नीतीश से पूछा गया कि उपेंद्र कुशवाहा जी की नजदीकी बीजेपी नेताओं से बढ़ रही है, आपका क्या कहना है? एक लाइन के सवाल का जवाब नीतीश कुमार ने पूरे इत्मीनान से दिया।

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नीतीश कुमार ने कहा कि ‘जरा, उपेंद्र कुशवाहा जी को कह दीजिए, हमसे बतिया लें। वो तो बाहर छोड़कर दो-तीन बार गए, फिर आए अपने। अब उनकी क्या इच्छा है हमको नहीं मालूम है। अभी तो उनकी तबीयत खराब है, हमको पता चला है। हम तो अभी बाहर हैं। हालचाल ले लेंगे। लेकिन अब जो कोई बात आ रही है। सबको अपना-अपना अधिकार है। वैसे, हमको जानकारी नहीं है उनका कुछ। हाल ही में मिले हैं तो पक्ष ही में बोल रहे थे लेकिन अगर ऐसी कोई बात है तो हमको नहीं पता। पूछ लेंगे। स्वस्थ हो जाएंगे, आएंगे तो पूछ लेंगे कि आखिर क्या मामला है?’

नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में बढ़ रही खटास

नीतीश कुमार के इस बयान से खटास का अंदाजा लगाया जा सकता है। दोनों नेताओं में इतनी दूरी बढ़ गई है कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार में फोन पर कोई बातचीत नहीं होती है। हालांकि दोनों के पास एक-दूसरे का पर्सनल नंबर जरूर होगा। मगर नंबर डायल करने की जरूरत दोनों में से किसी को महसूस नहीं हो रही। तो क्या ये मान लिया जाए कि दोनों के रास्ते अलग हो चुके हैं? फिलहाल जब तक पुख्ता न हो कहना जल्दबाजी होगी।

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वैसे भी राजनीति में कब कौन किसका दोस्त और कब कौन किसका दुश्मन बन जाए, कहना मुश्किल है। सबकी अपनी-अपनी महात्वाकांक्षा होती है। सबको सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना है। इस रास्ते में जो सीढ़ी बने वो सबसे बड़ा दोस्त, वरना अलग-अलग रास्ते तो सबके लिए बने हैं। नीतीश कुमार का इशारा इसी ओर था। उन्होंने अपने बयान में उपेंद्र कुशवाहा को हैसियत दिखाने के साथ-साथ नसीहत भी दे दी। उन्होंने कहा कि ‘ वो (उपेंद्र कुशवाहा) तो बाहर छोड़कर दो-तीन बार गए, फिर आए अपने। अब उनकी क्या इच्छा है हमको नहीं मालूम है।’

उपेंद्र कुशवाहा का पीठ ठोक रहे बीजेपी के नेता

इन सबके बीच बीजेपी की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के समर्थन में जमकर बयानबाजी हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 1990 से 2005 तक जो नेता भी जंगल राज को अपदस्थ करने में शामिल थे, उन सबों का बीजेपी में आने पर स्वागत किया जाएगा। दिल्ली एम्स में बिहार बीजेपी के नेता प्रेम रंजन पटेल, संजय टाइगर और योगेंद्र पासवान मुलाकात कर ही चुके हैं।

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प्रेम रंजन पटेल ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीर भी शेयर की। अब तक पार्टी के पास बातचीत का ब्योरा और फीडबैक दोनों पहुंच चुका होगा। मंथन के बाद आनेवाले दिनों में रिजल्ट भी सामने आ जाएगा। नीतीश कुमार ने बता ही दिया कि उपेंद्र कुशवाहा दो-तीन बार उनको छोड़ चुके हैं। एक बार फिर छोड़ देंगे तो उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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