नरेश अग्रवाल की अभद्रता में कमी रह गयी थी तो उनके बेटे ने भी कही आपत्तिजनक बातें

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उत्‍तर प्रदेश में राज्‍यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) से भाजपा में शामिल हुए नरेश अग्रवाल के बेटे और विधायक नितिन अग्रवाल ने जया बच्‍चन को लेकर तीखे बोल बोले हैं. उन्‍होंने कहा, ‘सपा ने एक राजनीतिक कार्यकर्ता का अपमान किया है. उन्‍होंने समाज की सेवा करने के बजाय समाज का मनोरंजन करने वाले को राज्‍यसभा का प्रत्‍याशी बनाया है. उत्‍तर प्रदेश की जनता आने वाले समय में सपा और बसपा को इसका जवाब जरूर देगी.’ नितिन अग्रवाल ने दावा किया कि भाजपा के सभी नौ प्रत्‍याशी राज्‍यसभा का चुनाव जीतेंगे.

बता दें कि नितिन ने सपा के टिक‎ट पर विधायक का चुनाव जीत था. सबकी निगाहें उन पर भी टिकी थीं कि राज्‍यसभा चुनाव में वह भाजपा प्रत्‍याशी या सपा-बसपा गठजोड़ के पक्ष में वोट डालेंगे. हालांकि, बाद में तस्‍वीर पूरी तरह साफ हो गई थी. नितिन अग्रवाल ने सपा-बसपा गठबंधन को बेमेल करार दिया है. उन्‍होंने कहा, ‘सपा जिस नीति पर उतर आई है. जनता सब समझती है कि जो विचारधाराएं आज तक एक-दूसरे का दुश्‍मन थीं वो सत्‍ता हासिल करने के लिए एक हो गए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए की भाजपा को हराया जा सके, लेकिन ये उनकी गलतफहमी है. भाजपा की अपनी एक विचारधारा है, जिससे आज करोड़ों लोग जुड़े हैं.’

बताते चलें कि सपा द्वारा राज्‍यसभा का उम्‍मीदवार न बनाए जाने से नाराज़ नरेश अग्रवाल 12 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्‍होंने सपा प्रत्‍याशी जया बच्‍चन को लेकर आपत्तिजनक टिप्‍पणी की थी. हालांकि भाजपा ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया था. किंतु विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने तो उनको सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाई थी. नरेश अग्रवाल ने कहा था कि सपा ने उनकी तुलना फिल्‍म अभिनेत्री से की है जो फिल्‍मों में नाचती हैं. उस वक्‍त प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया था. बयान पर राजनीतिक बवाल उठने पर नरेश अग्रवाल को बाद में माफी मांगनी पड़ी थी.

2303 2019 nitin agarwal 1 -

बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में राज्‍यसभा की 10 सीटों में से भाजपा के आठ और सपा की ओर से जया बच्‍चन का जीतना लगभग तय है. पेंच सिर्फ एक सीट को लेकर फंसा है. बसपा ने इसके लिए भीमराव अंबेडकर को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. सपा, बसपा और कांग्रेस उन्‍हें जिताने की जीतोड़ कोशिश कर रही है. वहीं, भाजपा भी अपने नौवें प्रत्‍याशी को उच्‍च सदन में भेजने के प्रयास में जुटी है.