देशभक्ति को लेकर सरकार ने लिया नया फैसला!

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देशभक्ति को लेकर सरकार ने लिया नया फैसला!
देशभक्ति को लेकर सरकार ने लिया नया फैसला!

छात्र-छात्राओं के भीतर देशभक्ति का रंग भरने के लिये सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जी हाँ, सरकार अब विश्वविद्यालय के छात्रों में देश भक्ति का रंग भरने के लिये तैयार हो चुकी है। सरकार ने एक नया फैसला लिया है, जिसके मुताबिक छात्रों के अंदर देशभक्ति के रंग का संचार किया जाएगा, ताकि छात्र देशभक्ति की भावनाओं से जुड़े रहे। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर सरकार ने ऐसा क्या फैसला लिया है, जिससे छात्रों के भीतर देशभक्ति के रंग का संचार होगा। तो चलिये, आपको बताते है, सरकार के नये फैसलें के बारे में…

खबर के मुताबिक, देशभर के सेंट्रल यूनिवर्सिटी और आईआईटी में जल्द ही रॉक बैंड के माध्यम से छात्र देशभक्ति के संगीत में झूमते हुए नजर आएंगे। आपको बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन ने आजादी के 70 साल और भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरा होने के मौके पर, इन सभी संस्थानों को ऐसे कार्यक्रम को आयोजित कराने के लिए कहा है। सरकार के इस फैसलें पर अगर गौर किया जाए तो यह साफ होता है कि अब सरकार युवाओं को उनके ही तौर तरीके से देशभक्ति का रंग भरेगी।


एचआरडी ने यूनिवर्सिटी को भेजा लेटर..

खबर के मुताबिक, मानव संसाधन विभाग ने इस फैसलें को लेकर सभी यूनिवर्सिटी को एक लेटर भेजा है। लेटर में लिखा गया है कि ये इंडिया का टाइम है’ और ‘इंडिया 2022’ की थीम के इर्द-गिर्द देश के विश्वविद्यालयों और आईआईटी के छात्र झूमते नजर आएंगे। साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सभी संस्थानों को पत्र लिखकर ऐसा करने के लिए भी कहा है।


ये है सरकार की योजना..

आपको बता दें कि एचआरडी मंत्रालय का कहना है कि कुछ चुने हुए रॉक बैंड के सदस्य संस्थानों में अपनी संगीत की छठा भी बिखेरेंगे। इसके साथ ही सरकार का यह भी कहना है कि रॉक बैंक का चयन राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के जरिए केंद्र सरकार का सूचना प्रसारण मंत्रालय करेगा। आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए रॉक बैंड को शामिल करने का फैसला लिया गया है, जिससे वो इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा शामिल हो।


विपक्ष ने किया फैसलें का विरोध…

आपको बता दें कि जहाँ एक तरफ सरकार इसे छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत करने का कार्यक्रम बता रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष के साथ-साथ सरकार की सहयोगी शिवसेना को ही यह फैसला रास नहीं आया है। जी हाँ, विपक्षीय पार्टी कांग्रेस और शिवसेना का आरोप है कि निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

बहरहाल, मामला चाहें जो कुछ भी हो, लेकिन इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता है कि यह पहला मौका होगा, जब देश में इस तरह का आयोजन किया जाएगा।