Neha Jain News: गोद में बच्‍चों को दुलारती हैं, जनता डीएम बिटिया पुकारती है, नेहा जैन… अफसर कड़क दिल नरम

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Neha Jain News: गोद में बच्‍चों को दुलारती हैं, जनता डीएम बिटिया पुकारती है, नेहा जैन… अफसर कड़क दिल नरम

Neha Jain News: गोद में बच्‍चों को दुलारती हैं, जनता डीएम बिटिया पुकारती है, नेहा जैन… अफसर कड़क दिल नरम

गौरव राठौर, कानपुर देहात: इन दिनों कानपुर देहात (Kanpur Dehat News) की डीएम नेहा जैन (Kanpur Dehat DM Neha Jain) खूब चर्चा में हैं। दरअसल कुछ दिन पहले दफ्तर आई एक वृद्ध महिला को कुर्सी छोडकर उन्होंने गले लगा लिया था। वृद्ध महिला ने जो चिट्ठी लिखी थी उसमें उन्‍हें ‘डीएम बिटिया’ कहकर संबोधित किया था और अंत में ‘तुम्हारी दादी मां’ लिखा था। सोशल मीडिया में यह भावानात्मक वीडियो खूब चला। लेकिन उन्होंने ऐसा पहली बार नहीं किया है। जनता के बीच जाकर उनसे भावनात्मक रूप से जुडने की कला में इस अफसर को महारत हासिल है।

नेहा जैन कभी स्कूल में टीचर बन कर बच्चों को पढ़ाती हैं, तो कभी अस्पताल जाकर वहां छोटे बच्चों को गोद में लेकर दुलराने लगती हैं। ये सब देखकर चाहे स्कूल के बच्चे हों या सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाली गांव की गरीब जनता, सब तुरंत खुलकर बोलने लगते हैं। वह अपनी समस्या डीएम को बताने में जरा भी हिचकते नहीं। शायद डीएम इसीलिए ऐसा करती भी हैं।

एनबीटी आनलाइन से नेहा जैन ने खास बातचीत में बताया कि कॉलेज टाइम के दौरान ही मुझमें प्रशासनिक क्षमता देखकर दोस्त सलाह देते थे कि एमबीए कर लूं, लेकिन एमबीए में मुझे रूचि नहीं थी। मेरा मानना है कि इस जीवन को अधिक से अधिक लोगों को समर्पित करना चाहिए। मैंने अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और पहले ही प्रयास में इसमें शानदार सफलता हासिल की। अब जनता के बीच अधिक समय देकर उनकी समस्याओं और तकलीफों को दूर करने का हर संभव प्रयास करती हूं।

मां के साथ रक्तदान करके बटोरी थी सुर्खियां

आमतौर पर रक्तदान को लेकर जनता में आज भी कई भ्रांतियां है। इस विषय पर अफसर बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन खुद रक्तदान करने की बारी आती है तो पीछे हट जाते हैं। लेकिन नेहा जैन रक्तदान का महत्व बतातीं है इसके साथ ही खुद रक्तदान करती हैं। उन्होंने अभी हाल ही में जिला अस्पताल में अपनी मां आशा के साथ जाकर दोनों लोगों ने रक्तदान किया। मां-बेटी के एक साथ रक्तदान करते हुए तस्वीर की सोशल मीडिया में खूब प्रशंसा हुई।

शहीद की मां को गले लगाया था

सख्‍त प्रशासनिक अफसर होने के बाद भी नेहा जैन भावुक हैं। एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर शहीद की वृद्ध मां उनके गले लगकर रोने लगीं, डीएम भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। उनकी ऐसी तमाम तस्वीरें सोशल मीडिया पर मिल जाएंगी। जनता भी कहती है कि डीएम के पास न पद का गुरुर है और न ही वह अफसरों जैसा रौब झाड़ती हैं।

कानपुर की रहने वाली हैं नेहा जैन

नेहा जैन कानपुर जिले की रहने वाली हैं। उनके माता पिता ने शुरु से ही शहर के प्रतिष्ठित इंगलिश मीडियम स्कूल में अच्छी शिक्षा दिलाई। इसके बाद एचबीटीआई से कंप्यूटर सांइस में बी-टेक किया। बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमटेड में तीन साल 11 महीने नौकरी की लेकिन उनका लक्ष्य सिविल सेवा में जाने का रहा। इसी दौरान तैयारी करके वर्ष 2013 में सिविल सेवा परीक्षा पहले ही प्रयास में पास करके आईएस बनीं। उनकी रैंक 12 वीं थीं।

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