NEET Paper Leak: एक्शन में केंद्र सरकार, सबूतों और दस्तावेजों के साथ बिहार EOU के अधिकारी दिल्ली रवाना h3>
नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार एक्शन में है। शिक्षा मंत्रालय ने पटना में नीट एग्जाम के दौरान हुई कथित अनियमितताओं के मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में ईओयू के संबंधित अधिकारी सभी जब्त किए गए सबूतों और दस्तावेजों के साथ नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
ईओयू ने जले हुए प्रश्न पत्र, बुकलेट नंबर, ओएमआर शीट, पोस्ट डेटेड चेक, उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र और योग्यता कागजात, जब्त किए गए सेल फोन, लैपटॉप, कुछ गिरफ्तार सदस्यों के पिछले इतिहास और उम्मीदवारों सहित गिरफ्तार लोगों के स्वयं के बयान जैसे साक्ष्य एकत्र किए थे। जिसमें संरक्षक, माफिया और बिचौलिये शामिल हैं।
बुधवार को एनईईटी-यूजी के नौ उम्मीदवारों में से दो जांच में शामिल होने के लिए ईओयू के अधिकारियों के सामने पेश हुए और जांच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आवश्यक सबूत भी पेश किए हैं। ईओयू ने परीक्षा के पेपर लीक होने के आरोपों के संबंध में राज्य के बाहर रहने वाले उम्मीदवारों सहित नौ उम्मीदवारों को 15 जून को नोटिस दिया था। जिन नौ उम्मीदवारों को नोटिस भेजा गया उनमें से सात बिहार से हैं, जबकि एक उत्तर प्रदेश से और एक अन्य महाराष्ट्र से है।
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जिन पर बिहार और झारखंड के चार अन्य अभ्यर्थियों के साथ, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, उन पर 5 मई को आयोजित होने से एक दिन पहले परीक्षा के प्रश्न पत्र और आंसर की हासिल करने का आरोप है। एक अभ्यर्थी की पहचान ग्रामीण पटना के बख्तियारपुर की रहने वाली ईशा के रूप में हुई है, जो अपने माता-पिता के साथ ईओयू कार्यालय पहुंची, जबकि एक अन्य अभ्यर्थी ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया और अपने पिता और चाचा के साथ आई। ईओयू के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन उम्मीदवारों से पूछताछ के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा था कि अगर NEET-UG, 2024 परीक्षा आयोजित करने में कोई लापरवाही होती है, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। उम्मीद है कि ईओयू 8 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में एनईईटी ‘पेपर लीक’ मामले के संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
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बिहार पुलिस ने राज्य की राजधानी पटना में एक प्ले स्कूल के छात्रावास में छापेमारी के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही प्रवेश पत्र, पोस्ट-डेटेड चेक और शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए थे, इस गुप्त सूचना के आधार पर कि वे कथित तौर पर प्रश्न लीक करने और सॉल्वरों के साथ काम करने में लगे हुए थे। ये घटना 4 मई की रात की है। जबकि अगले दिन 5 मई को नीट एग्जाम था।
बिहार पुलिस के ईओयू ने 11 मई को जांच शुरू की। प्रश्न लीक का संदेह तब और बढ़ गया जब गिरफ्तार छात्रों में एक, दानापुर के आयुष कुमार (19) ने कबूल किया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले एनईईटी प्रश्न प्राप्त हुए थे। और वे बिल्कुल एक जैसे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कन्फर्म एडमिशन के लिए 30 से 50 लाख रुपये तक की भारी कीमत पर डील हुई थी
ईओयू के जांच अधिकारी ने मूल प्रश्न पत्र के लिए एनटीए को पत्र लिखा था ताकि बरामद प्रश्नों से उसका मिलान किया जा सके, लेकिन तीन ईमेल के बावजूद अभी तक इसे उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके चलते जांच, सांठगांठ को उजागर करने के लिए गहराई तक नहीं बढ़ सकी। उत्तर कुंजी/प्रश्न किसे मिले, संगठित गिरोह एक बार फिर कहां से और कैसे सक्रिय हो गए।
अब सुप्रीम कोर्ट ने भी नीट और सीबीआई जांच रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर बिहार सरकार से जवाब मांगा है। कथित प्रश्न लीक के संदिग्ध स्थान के रूप में बिहार का नाम भी सामने आने के बाद, बिहार पुलिस को अपना पक्ष रखना होगा और यह बताना होगा कि उसकी जांच कितनी आगे बढ़ी है। जवाब सुनवाई की अगली तारीख 8 जुलाई तक भेजना होगा।
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नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार एक्शन में है। शिक्षा मंत्रालय ने पटना में नीट एग्जाम के दौरान हुई कथित अनियमितताओं के मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में ईओयू के संबंधित अधिकारी सभी जब्त किए गए सबूतों और दस्तावेजों के साथ नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
ईओयू ने जले हुए प्रश्न पत्र, बुकलेट नंबर, ओएमआर शीट, पोस्ट डेटेड चेक, उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र और योग्यता कागजात, जब्त किए गए सेल फोन, लैपटॉप, कुछ गिरफ्तार सदस्यों के पिछले इतिहास और उम्मीदवारों सहित गिरफ्तार लोगों के स्वयं के बयान जैसे साक्ष्य एकत्र किए थे। जिसमें संरक्षक, माफिया और बिचौलिये शामिल हैं।
बुधवार को एनईईटी-यूजी के नौ उम्मीदवारों में से दो जांच में शामिल होने के लिए ईओयू के अधिकारियों के सामने पेश हुए और जांच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आवश्यक सबूत भी पेश किए हैं। ईओयू ने परीक्षा के पेपर लीक होने के आरोपों के संबंध में राज्य के बाहर रहने वाले उम्मीदवारों सहित नौ उम्मीदवारों को 15 जून को नोटिस दिया था। जिन नौ उम्मीदवारों को नोटिस भेजा गया उनमें से सात बिहार से हैं, जबकि एक उत्तर प्रदेश से और एक अन्य महाराष्ट्र से है।
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जिन पर बिहार और झारखंड के चार अन्य अभ्यर्थियों के साथ, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, उन पर 5 मई को आयोजित होने से एक दिन पहले परीक्षा के प्रश्न पत्र और आंसर की हासिल करने का आरोप है। एक अभ्यर्थी की पहचान ग्रामीण पटना के बख्तियारपुर की रहने वाली ईशा के रूप में हुई है, जो अपने माता-पिता के साथ ईओयू कार्यालय पहुंची, जबकि एक अन्य अभ्यर्थी ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया और अपने पिता और चाचा के साथ आई। ईओयू के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन उम्मीदवारों से पूछताछ के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा था कि अगर NEET-UG, 2024 परीक्षा आयोजित करने में कोई लापरवाही होती है, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। उम्मीद है कि ईओयू 8 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में एनईईटी ‘पेपर लीक’ मामले के संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
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बिहार पुलिस ने राज्य की राजधानी पटना में एक प्ले स्कूल के छात्रावास में छापेमारी के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही प्रवेश पत्र, पोस्ट-डेटेड चेक और शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए थे, इस गुप्त सूचना के आधार पर कि वे कथित तौर पर प्रश्न लीक करने और सॉल्वरों के साथ काम करने में लगे हुए थे। ये घटना 4 मई की रात की है। जबकि अगले दिन 5 मई को नीट एग्जाम था।
बिहार पुलिस के ईओयू ने 11 मई को जांच शुरू की। प्रश्न लीक का संदेह तब और बढ़ गया जब गिरफ्तार छात्रों में एक, दानापुर के आयुष कुमार (19) ने कबूल किया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले एनईईटी प्रश्न प्राप्त हुए थे। और वे बिल्कुल एक जैसे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कन्फर्म एडमिशन के लिए 30 से 50 लाख रुपये तक की भारी कीमत पर डील हुई थी
ईओयू के जांच अधिकारी ने मूल प्रश्न पत्र के लिए एनटीए को पत्र लिखा था ताकि बरामद प्रश्नों से उसका मिलान किया जा सके, लेकिन तीन ईमेल के बावजूद अभी तक इसे उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके चलते जांच, सांठगांठ को उजागर करने के लिए गहराई तक नहीं बढ़ सकी। उत्तर कुंजी/प्रश्न किसे मिले, संगठित गिरोह एक बार फिर कहां से और कैसे सक्रिय हो गए।
अब सुप्रीम कोर्ट ने भी नीट और सीबीआई जांच रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर बिहार सरकार से जवाब मांगा है। कथित प्रश्न लीक के संदिग्ध स्थान के रूप में बिहार का नाम भी सामने आने के बाद, बिहार पुलिस को अपना पक्ष रखना होगा और यह बताना होगा कि उसकी जांच कितनी आगे बढ़ी है। जवाब सुनवाई की अगली तारीख 8 जुलाई तक भेजना होगा।