NEET-हाफ स्लीव्ज और स्लीपर पहन कर पहुंचे परीक्षार्थी

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NEET-हाफ स्लीव्ज और स्लीपर पहन कर पहुंचे परीक्षार्थी

परीक्षा केंद्रों के बाहर भीड़

जयपुर
देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन रविवार को राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के 269 परीक्षा केंद्रों पर किया गया। ऑफलाइन मोड में आयोजित की गई इस परीक्षा के आयोजन के लिए एनटीए ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना पर विशेष फोकस किया था लेकिन अन्य परीक्षाओं की तरह नीट परीक्षा में भी परीक्षा केंद्रों के बाहर भारी भीड़ नजर आई और प्रोटोकॉल के नियमों की धज्जियां उड़ गई। हालांकि परीक्षा केंद्र के अंदर कोविड प्रोटोकॉल पर फोकस किया गया। हर परीक्षार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई साथ ही हाथों को भी सेनेटाइज किया गया। इसके साथ ही उन्हें एन 95 मास्क दिए गए जिसे लगाकर परीक्षार्थी एग्जाम में शामिल हुए। देश भर में परीक्षा के लिए 3800 से अधिक केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा का आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक किया गया। प्रदेश में राजधानी जयपुर सहित कोटा, बीकानेर, उदयपुर, जोधपुर और अजमेर में परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा का आयोजन 13 भाषाओं में अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी,ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू और उर्दू में किया गया।
अनाउंसमेंट के साथ वीडियोग्राफी भी
कई परीक्षा केंद्रों पर माइक के जरिए सभी जरूरी अनाउंसमेंट किए गए तो कई केंद्रों पर वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही थी। मानसरोवर स्थित आईआईएस स्कूल में भी नीट परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा केंद्र के बाहर भीड़ एकत्र ना हो और इसके लिए बार बार अनाउंसमेंट करवाए जा रहे थे। वहीं वर्धमान स्कूल में परीक्षा केंद्र में एंट्री करने वाले हर परीक्षार्थी की वीडियोग्राफी की गई।
फ्रेंडशिप बैंड और राखी पहन कर भी एंट्री नहीं
कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को फ्रेंडशिप बैंड और राखी पहन कर भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। चैकिंग के दौरान जिन परीक्षार्थियों के हाथों में बैंड नजर आया उसे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कार्मिकों और शिक्षकों ने काट दिया। उन्हें पेन, पेंसिल, एडमिट कार्ड के साथ पानी की पारदर्शी बोतल के अलावा कुछ भी अंदर नहीं ले जाने दिया गया। जो परीक्षार्थी अपने साथ मोबाइल लेकर आए थे, घड़ी या कोई ज्वैलरी पहनकर आए थे वह अपने साथ अभिभावकों के पास यह सामान सुरक्षित रखवाते नजर आए।
इनमें मिलेगा एडमिशन
नीट परीक्षा के जरिए देश के 542 मेडिकल कॉलेज, 313 डेंटल, 15 एम्स, 914 आयुष और 47 बीवीएससी और एएच कॉलेजों की तकरीबन डेढ़ लाख सीटों पर एडमिशन मिलेगा।



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