NEET मास्टमाइंड सिकंदर को एक घर भी नहीं था, कैसे बना अकूत संपत्ति का मालिक, EOU करेगी जांच? h3>
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NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले का मास्टमाइंड सिकंदर यादवेंदू का रिम्स से गहरा नाता रहा है। एक समय था, जब सिकंदर के पास रहने का घर तक नहीं था। झारखंड के गठन के पूर्व से वह रिम्स में पीएचईडी और भवन निर्माण विभाग का छोटा मोटा रिपेयरिंग का काम करता था। तत्कालीन अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 1996 -97 के आसपास वह रिम्स के ही कॉटेज में अनधिकृत रूप से रहता था। कॉरिडोर बनने पर उसे कॉटेज से हटाया। तब तक वह पीएचईडी व भवन निर्माण विभाग के कुछ अभियंताओं से बेहतर रिस्ता बना चुका था। इसके बाद बरियातु हाउसिंग कॉलोनी में आलीशान मकान खरीद लिया। आज सिकंदर यादवेंदु अकूत संपत्ति का मालिक है। नीट कांड की जांच कर रही ईओयू सिकंदर की संपत्ति की जांच की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसके खिलाफ ईओयू में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करेगा। कभी भी यह कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसके पहले ईओयू उसे नोटिस थमाएगी।
रिम्स में ठेकेदारी करने से पूर्व ही सिकंदर डिप्लोमा कर चुका था। अपनी पैरवी पहुंच के बल पर बिहार में नौकरी कर ली। फिलहाल दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर था। उसके समय काम करने वाले लोग बताते हैं कि वह बहुत शातिर था। बताया जाता है कि रिम्स से काम छोड़ने के बाद उसने अपनी बेटी का भी मेडिकल में दाखिला कराया। वहीं से मेडिकल एडमिशन के सेटर गिरोह के उसका संपर्क बन गया। नौकरी में आने के बाद उसकी दबंगता और भी बढ गई। वह एक साथ कई विभागों के चार्ज में था और धौंस दिखाकर अवैध कमाई करता था।
NEET पेपर लीकः 40 लाख लगेगा, बेटा पास जाएगा; नीट के एक और अभ्यर्थी के पिता का कबूलनामा
संजीव के जरिये कराई थी सेटिंग
सूत्रों की मानें तो सिकंदर ने पुलिस को यह जानकारी दी है कि नीट परीक्षा की सेटिंग उसने संजीव सिंह, रौकी व अन्य के जरिये की थी। जांच टीम अब इस बात का पता लगा रही है कि संजीव के कनेक्शन में कौन-कौन लोग थे। संजीव का बेटा पूर्व में भी जेल जा चुका है। जबकि उसका नाम भी हाल में एक परीक्षा में हुई गड़बड़ी में सामने आया था।
ओएमआर शीट जैसे कागज मिले थे
नीट परीक्षा धांधली के दौरान एयरपोर्ट के सामने जिस गेस्ट हाउस में छापेमारी की थी, वहां ओएमआर शीट जैसे कागज मिले थे। उसी जगह मौजूद सिकंदर के एक रिश्तेदार से ने बताया था कि यह प्रैक्टिस सेट है। कई एडमिट कार्ड भी जब्त किये थे। सूत्रों की मानें तो उसी ओएमआर शीट के जरिये को सवालों के जवाब भरने का प्रैक्टिस कराया जा रहा था।
अमित के मामा से हुई पूछताछ
नीट पेपर लीक में गिरफ्तार अमित आनंद के पास से जब्त आधार कार्ड के आधार पर पटना पुलिस मुंगेर के मोगलबाज़ार स्थित अमित के मामा करुण देव से पूछताछ की। अमित खगड़िया के सोनबरसा का निवासी है। जब वह पांच वर्ष का था तब उसके पिता अचुदानंद सिंह की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। पिता की मौत के बाद अमित और उसका छोटा भाई अमन कुमार मोगल बाजार स्थित नाना के घर रहकर मुंगेर के डीएवी स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ाई की। 2012 में दोनों पैतृक घर खगड़िया चले गए। हालांकि, मुंगेर एसपी सैयद इमरान मसूद ने पटना पुलिस द्वारा मुंगेर में पूछताछ करने की जानकारी से अभिज्ञता जताई है।
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NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले का मास्टमाइंड सिकंदर यादवेंदू का रिम्स से गहरा नाता रहा है। एक समय था, जब सिकंदर के पास रहने का घर तक नहीं था। झारखंड के गठन के पूर्व से वह रिम्स में पीएचईडी और भवन निर्माण विभाग का छोटा मोटा रिपेयरिंग का काम करता था। तत्कालीन अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 1996 -97 के आसपास वह रिम्स के ही कॉटेज में अनधिकृत रूप से रहता था। कॉरिडोर बनने पर उसे कॉटेज से हटाया। तब तक वह पीएचईडी व भवन निर्माण विभाग के कुछ अभियंताओं से बेहतर रिस्ता बना चुका था। इसके बाद बरियातु हाउसिंग कॉलोनी में आलीशान मकान खरीद लिया। आज सिकंदर यादवेंदु अकूत संपत्ति का मालिक है। नीट कांड की जांच कर रही ईओयू सिकंदर की संपत्ति की जांच की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसके खिलाफ ईओयू में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करेगा। कभी भी यह कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसके पहले ईओयू उसे नोटिस थमाएगी।
रिम्स में ठेकेदारी करने से पूर्व ही सिकंदर डिप्लोमा कर चुका था। अपनी पैरवी पहुंच के बल पर बिहार में नौकरी कर ली। फिलहाल दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर था। उसके समय काम करने वाले लोग बताते हैं कि वह बहुत शातिर था। बताया जाता है कि रिम्स से काम छोड़ने के बाद उसने अपनी बेटी का भी मेडिकल में दाखिला कराया। वहीं से मेडिकल एडमिशन के सेटर गिरोह के उसका संपर्क बन गया। नौकरी में आने के बाद उसकी दबंगता और भी बढ गई। वह एक साथ कई विभागों के चार्ज में था और धौंस दिखाकर अवैध कमाई करता था।
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संजीव के जरिये कराई थी सेटिंग
सूत्रों की मानें तो सिकंदर ने पुलिस को यह जानकारी दी है कि नीट परीक्षा की सेटिंग उसने संजीव सिंह, रौकी व अन्य के जरिये की थी। जांच टीम अब इस बात का पता लगा रही है कि संजीव के कनेक्शन में कौन-कौन लोग थे। संजीव का बेटा पूर्व में भी जेल जा चुका है। जबकि उसका नाम भी हाल में एक परीक्षा में हुई गड़बड़ी में सामने आया था।
ओएमआर शीट जैसे कागज मिले थे
नीट परीक्षा धांधली के दौरान एयरपोर्ट के सामने जिस गेस्ट हाउस में छापेमारी की थी, वहां ओएमआर शीट जैसे कागज मिले थे। उसी जगह मौजूद सिकंदर के एक रिश्तेदार से ने बताया था कि यह प्रैक्टिस सेट है। कई एडमिट कार्ड भी जब्त किये थे। सूत्रों की मानें तो उसी ओएमआर शीट के जरिये को सवालों के जवाब भरने का प्रैक्टिस कराया जा रहा था।
अमित के मामा से हुई पूछताछ
नीट पेपर लीक में गिरफ्तार अमित आनंद के पास से जब्त आधार कार्ड के आधार पर पटना पुलिस मुंगेर के मोगलबाज़ार स्थित अमित के मामा करुण देव से पूछताछ की। अमित खगड़िया के सोनबरसा का निवासी है। जब वह पांच वर्ष का था तब उसके पिता अचुदानंद सिंह की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। पिता की मौत के बाद अमित और उसका छोटा भाई अमन कुमार मोगल बाजार स्थित नाना के घर रहकर मुंगेर के डीएवी स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ाई की। 2012 में दोनों पैतृक घर खगड़िया चले गए। हालांकि, मुंगेर एसपी सैयद इमरान मसूद ने पटना पुलिस द्वारा मुंगेर में पूछताछ करने की जानकारी से अभिज्ञता जताई है।