NEET कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का एक और कारनामा उजागर, शिक्षक भर्ती का पेपर भी कराया था लीक

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NEET कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का एक और कारनामा उजागर, शिक्षक भर्ती का पेपर भी कराया था लीक

NEET कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का एक और कारनामा उजागर, शिक्षक भर्ती का पेपर भी कराया था लीक

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बीपीएससी से तीसरे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस परीक्षा का प्रश्न पत्र भी संजीव मुखिया और उसका बेटा डा. शिव गिरोह ने लीक किया था। इसे अभ्यर्थियों के बीच वितरित करने वाले अलग-अलग स्थानों के सेटरों के पूरे गैंग का भी पता चल गया है। अब सिर्फ इस बात का पता किया जा रहा है कि इतने बड़े सेटिंग के गोरखधंधे को अंजाम देने में संजीव मुखिया की मदद किस स्तर के किन-किन लोगों ने की है। मिली जानकारी के मुताबिक ईओयू जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करने वाली है। 

प्रश्न पत्र कहां छपने वाला है या इसे छापने का ठेका किस प्रेस को मिला है, किस कूरियर कंपनी के पास प्रश्न पत्र को ढोने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, ऐसे अहम सवालों के जवाब जांच एजेंसी को मिल चुकी है। जल्द ही इन तक ईओयू पहुंचेगी। जांच में बीपीएससी के स्तर से आयोजित की गई परीक्षा की प्रणाली पर भी कुछ सवाल उठ रहे हैं। वहां के स्तर पर भी गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। 27 जून को चार दिनों पर इस मामले में गिरफ्तार 7 मुख्य अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर ईओयू ने पूछताछ की है। 30 जून रविवार को इन्हें वापस जेल भेज दिया गया। इनसे पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आई है। गौरतलब है कि सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में भी इसी गैंग का नाम प्रमुखता से सामने आया है।

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संजीव मुखिया के बेटे से पूछताछ, मॉडस ऑपरेंडी का खुलासा

पूछताछ जिन सात आरोपियों से सोमवार को पूरी की गई है, उसमें संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिव कुमार के अलावा प्रदीप कुमार, सुमित कुमार, अभिषेक केशरी, संदीप पासवान उर्फ बल्ली के अलावा प्रश्न पत्र ढोने वाली कूरियर कंपनी जेनिथ लॉजिस्टिक एंड एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के मुंशी राहुल पासवान और रमेश कुमार शामिल हैं। इनसे पूछताछ में संजीव मुखिया गैंग की पूरी कार्य प्रणाली सामने आ गई है। यह जानकारी मिली कि कोलकाता के पास ‘दरबारी’ नाम के जिस प्रिंटिंग प्रेस को इस प्रश्न पत्र को छापने का ठेका दिया गया था, उसके मालिक के नजदीकी संबंध सिपाही भर्ती प्रश्न पत्र छापने का ठेका लेने वाली फर्जी कंपनी कॉलटेक्स के मालिक कौशिक कुमार कर, सौरभ बंदोपाध्याय समेत अन्य से है। संजीव गैंग के लोगों ने इस प्रिंटिंग प्रेस की तीन महीने तक वहां रहकर रेकी भी की थी। इसके अलावा इन्हें किसी खास स्रोत से जेनिथ नाम की कूरियर कंपनी का पता चला, जिसे इस प्रश्न-पत्र को प्रिंटिंग प्रेस से लाकर बिहार में सभी स्थानों पर वितरित करने का ठेका दिया गया था। फिर इस गैंग ने मुंशी रमेश और राहुल पासवान के परिजनों की सेटिंग मुफ्त में कराने के नाम पर इन्हें अपने झांसे में लेकर प्रश्न-पत्र को निकलवाया। 

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मोतिहारी जाने के दौरान निकाला गया प्रश्न पत्र 

मामले की जांच में यह पता चला है कि संजीव मुखिया, डॉ. शिव और उसके गैंग के लोगों ने मुजफ्फरपुर के पास कांटी से मोतिहारी जाने के क्रम में एक पेट्रोल पंप से थोड़ा आगे कूरियर कंपनी के लोगों की मिलीभगत से प्रश्न पत्र लीक किया था। प्रश्न पत्र वाले बक्शे को सावधानी से खोलकर इसकी फोटो लेकर पीडीएफ बनाई गई और फिर से बक्से को उसी तरह से बंद कर दिया। इस प्रश्न-पत्र को पटना में बैठे कुछ सॉल्वरों की मदद से हल कराया गया। इसके बाद इसे हजारीबाग के कोहिनूर होटल एंड रिसॉर्ट में भेज दिया गया, जहां 14 मार्च की रात को करीब 175 की संख्या में अभ्यर्थियों को बैठाकर उत्तर रटवाया जा रहा था। ये सभी अलग-अलग राज्यों के थे। इसके अलावा पटना में करबिगहिया के एक होटल में रुके वैशाली के विशाल कुमार चौरसिया और उसके साथी को भी दिया गया। इस तरह से यह कई जिलों में हजारों अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया। इसमें बड़े स्तर पर सेटिंग की मदद से अभ्यर्थियों को पास कराने की जुगत थी। सबसे पहले 14 मार्च की रात में पुलिस ने विशाल चौरसिया के पास से प्रश्न पत्र की कई कॉपी बरामद की। इसकी शिनाख्त पर हजारीबाग में बड़े स्तर पर छापेमारी कर पूरे गिरोह को दबोचा गया। लेकिन, संजीव मुखिया अब तक फरार ही है।

 

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