सरकारी स्कूल सुनते ही हमारे ज़ेहन में ,क्लास रूम के टूटे हुए पंखे ,गंदे टॉयलेट्स ,टूटे हुए बेन्चेस इत्यादि आते है l कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहते l और जो अभिवावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढने के लिए भेजते है वो अपनी आर्थिक स्थिति के हाथों मजबूर होते है l बच्चों का स्वास्थय भी आए दिन स्कूलों में परोसे जाने वाले मिड -डे मील के चलते सुर्ख़ियों में रहता है l कई बार सरकारी स्कूलों की छवि बदलने की कोशिश की गयी ,जो अफसरों की फाइलों में तो बदल गयी लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही रहींl
दिल्ली का ,N.P(बंगाली ) गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल बना इस मुहीम का हिस्सा
लेकिन अब वक़्त बदल रहा है ,और वक़्त के साथ बदल रही है सरकारी स्कूलों की पुरानी तस्वीरl जी हाँ ,दिल्ली के सरकारी स्कूलों में NDMC द्वारा चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों को हाई -टेक बनाने का कार्य चल रहा है l आपको बता दें कि अब तक ये प्रोग्राम दो विद्यालयों में शुरू किया गया है l उनमे से ही एक स्कूल है ,दिल्ली के गोल मार्किट में स्थित ,N.P(बंगाली ) गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल ! इस विद्यालय की हर छात्रा के पास अपना एक व्यक्तिगत टेब है l इस टेबलेट की सहायता से बच्चें जो सवाल क्लास के दौरान नही समझ पाते ,वो क्लास के बाद इसकी मदद से उन प्रश्नों को हल करते है l मिडिया से हुई बातचीत के दौरान यहाँ पढने वाली छात्राओं ने बताया कि जबसे उनके पास ये स्मार्ट टेब आया है तब से उन्हे गणित के सवालों को हल करने में परेशानी नही होती l उनको सवाल के उत्तर के साथ-साथ उसे हल करने का तरीका भी समझाया जाता है l विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती जयश्री बासु ने बताया कि ,टेबलेट पाकर छात्राएं बेहद खुश है l इसके आजाने से उन्हे अपने टेस्ट के अंक साथ के साथ ही मिल जाते है l
सभी सरकारी स्कूलों में शुरू की जाएगा हाई -टेक शिक्षा अभियान
NDMC(नई दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन ) के कार्यकर्ताओं ने बताया कि अभी केवल दिल्ली के दो स्कूलों को हाई -टेक बनाया गया है l अब हम राजधानी के हर सरकारी स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने की कोशिश में लग गए है l जल्द ही हर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों को यह सुविधाएं मुहईया करवाई जायेंगी l
NDMC द्वारा उठाया गया यह कदम काबील-ए -तारीफ़ है l हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था में बहुत सुधार की ज़रूरत है ,और इस दिशा में उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है lकिसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा एक अहम् किरदार निभाती है l और इसकी सही व्यवस्था सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है l