Navjot Sidhu: अकाली दल से सिद्धू की साठगांठ, वो पार्टी से ऊपर नहीं…क्या कांग्रेस में ‘गुरु’ की उल्टी गिनती हो गई शुरू?

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Navjot Sidhu: अकाली दल से सिद्धू की साठगांठ, वो पार्टी से ऊपर नहीं…क्या कांग्रेस में ‘गुरु’ की उल्टी गिनती हो गई शुरू?

चंडीगढ़: नवजोत सिंह सिद्धू के लिए कांग्रेस में बने रहना आसान नहीं दिख रहा है। सिद्धू के खिलाफ पंजाब के एआईसीसी प्रभारी हरीश चौधरी ने चिट्ठी लिखी है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे इस खत में हरीश चौधरी ने सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाने के साथ ही कार्रवाई की सिफारिश की है। दरअसल हाल ही में पंजाब कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बनाए गए अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने जब कार्यभार संभाला तो समारोह में शामिल होने की बजाए सिद्धू पहले ही चलते बने थे।

हरीश चौधरी ने कहा है, ‘हमने इस बात की सिफारिश की है कि सिद्धू से सफाई मांगी जाए। उनसे पूछा जाए कि क्यों ना उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।’ सोनिया को लिखी चिट्ठी में चौधरी ने कहा है, ‘पंजाब में नवंबर से पार्टी का प्रभारी होने के बाद से अब तक मेरा आकलन है कि सिद्धू लगातार कांग्रेस सरकार के कामकाज की आलोचना करते रहे। उन्होंने कांग्रेस सरकार को भ्रष्ट कहा और शिरोमणि अकाली दल से हाथ मिलाए रखा। चूंकि पार्टी चुनाव लड़ रही थी, ऐसे में सिद्धू का ऐसा बर्ताव गलत था। मेरे लगातार समझाने के बावजूद उन्होंने अपनी गतिविधियां रोकी नहीं और सरकार के खिलाफ बोलते रहे।’

हरीश चौधरी ने चिट्ठी में आगे लिखा है, ‘मैं सिद्धू की वर्तमान गतिविधियों के संबंध में राजा वडिंग का विस्तृत नोट इस चिट्ठी के साथ फॉरवर्ड कर रहा हूं। राजा वडिंग के पदभार संभालने के दौरान समारोह में उन्होंने जो किया वह माफ नहीं किया जा सकता। सिद्धू ने बहुत ही साधारण तरीके से पीसीसी अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं देते हुए तेजी से समारोह स्थल से निकल गए। जबकि इसी दौरान समूचा प्रदेश नेतृत्व कार्यक्रम में शामिल था और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी पूरी तरह एकजुट दिख रही थी।’

खत के आखिर में हरीश चौधरी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, ‘सिद्धू को खुद को पार्टी से ऊपर पेश करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। इससे दूसरे लोग भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए मेरी सिफारिश है कि सिद्धू से जवाब मांगा जाए। पूछा जाए कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं शुरू करनी चाहिए।’

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सोमवार को पत्र पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि सभी को अनुशासन में रहना होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है, चाहे वह राजा वडिंग हों, कि वह कांग्रेस पार्टी से ऊपर हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सिद्धू ने पूर्व में कहा था कि राज्य में माफिया राज के कारण कांग्रेस पंजाब चुनाव हार गई और अब उसे खुद को फिर से स्थापित करने की जरूरत है। राज्य विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने सिद्धू के स्थान पर वडिंग को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।

चुनाव से कुछ महीने पहले तक सिद्धू तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे थे। उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद संभाला था। आप पंजाब विधानसभा की 117 में से 92 सीट जीतकर सत्ता में आई है, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 18 सीट मिली है। बताते चलें कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा लिया था। नवजोत सिद्धू भी अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें आम आदमी पार्टी की जीवनजोत कौर ने मात दी थी।

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