National Logistics Policy: जानिए क्या है नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी, किस तरह इससे माल ढुलाई की लागत में आएगी कमी, क्या होंगे इसके फायदे
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (National Logistics Policy) की शुरुआत कर दी है। ये पॉलिसी परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली साबित होगी। इससे अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस पॉलिसी (National Logistics Policy) से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर 10 फीसदी के नीचे आने का अनुमान है। पीएम मोदी ने जो नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी शुरू की है, ये किस तरह से कारोबारियों के लिए मददगार साबित होगी। इसके क्या फायदे हैं। चलिए आपको बताते हैं।
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी क्या है
सरकार (Prime Minister Narendra Modi) ने साल 2020 के बजट में घोषणा की थी कि वह नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी लेकर आएगी। इसके बाद अब इसे शुरू कर दिया गया है। यह पॉलिसी (National Logistics Policy) देश भर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के लिए जारी की गई है। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का सीधा मतलब माल ढुलाई की लागत में कमी लाने से है। लॉजिस्टिक्स वो प्रॉसेस है, जिसके अंतर्गत माल और सेवाओं को उनके बनने वाली जगह से लेकर जहां पर उनका इस्तेमाल होना है, वहां भेजा जाता है। जब फैक्टरी में कोई सामान या माल बनता है तो उसे बनने के बाद ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रॉसेस से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया को लॉजिस्टिक्स (logistics) और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक्स लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इस तरह माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहते हैं।
इस वजह से लाई गई है पॉलिसी
लॉजिस्टिक्स पालिसी (National Logistics Policy) लाने का मकसद इस सेक्टर को बढ़ावा देना है। भारत में फिलहाल लाजिस्टिक्स लागत कुल जीडीपी (GDP) यानी सकल घरेलू उत्पाद का करीब 14% है। सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी का 9-10% करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि अमेरिका, चीन और कई यूरोपीय देशों में माल ढुलाई की लागत जीडीपी के 5% से भी कम है।
160 अरब डॉलर का है लॉजिस्टिक्स बिजनेस
देश भर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। मंत्रालय ने कहा है कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10% की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8% की बढ़ोतरी होगी।
ये होगा फायदा
सरकार के मुताबिक, इस पॉलिसी से लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा। महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह पॉलिसी (National Logistics Policy) नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी। इसका सबसे बड़ा फायदा कारोबारियों को मिलेगा। इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।
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नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी क्या है
सरकार (Prime Minister Narendra Modi) ने साल 2020 के बजट में घोषणा की थी कि वह नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी लेकर आएगी। इसके बाद अब इसे शुरू कर दिया गया है। यह पॉलिसी (National Logistics Policy) देश भर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के लिए जारी की गई है। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का सीधा मतलब माल ढुलाई की लागत में कमी लाने से है। लॉजिस्टिक्स वो प्रॉसेस है, जिसके अंतर्गत माल और सेवाओं को उनके बनने वाली जगह से लेकर जहां पर उनका इस्तेमाल होना है, वहां भेजा जाता है। जब फैक्टरी में कोई सामान या माल बनता है तो उसे बनने के बाद ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रॉसेस से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया को लॉजिस्टिक्स (logistics) और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक्स लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इस तरह माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहते हैं।
इस वजह से लाई गई है पॉलिसी
लॉजिस्टिक्स पालिसी (National Logistics Policy) लाने का मकसद इस सेक्टर को बढ़ावा देना है। भारत में फिलहाल लाजिस्टिक्स लागत कुल जीडीपी (GDP) यानी सकल घरेलू उत्पाद का करीब 14% है। सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी का 9-10% करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि अमेरिका, चीन और कई यूरोपीय देशों में माल ढुलाई की लागत जीडीपी के 5% से भी कम है।
160 अरब डॉलर का है लॉजिस्टिक्स बिजनेस
देश भर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। मंत्रालय ने कहा है कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10% की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8% की बढ़ोतरी होगी।
ये होगा फायदा
सरकार के मुताबिक, इस पॉलिसी से लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा। महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह पॉलिसी (National Logistics Policy) नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी। इसका सबसे बड़ा फायदा कारोबारियों को मिलेगा। इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।
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