निगम की थैली खाली, इमरजेंसी विकास कार्यों के लिए जुटाएंगे फंड

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गोरखपुर: नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में पार्षदों को मायूसी हाथ लगी। डीएम व प्रभारी नगर आयुक्त के. विजयेंद्र पांडियन ने साफ संकेत दिए कि अभी नगर निगम के पास फंड नहीं है लिहाजा पार्षदों को अपनी वरीयता वाले कामों के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल निगम की प्राथमिकता शासन की योजनाओं पर पहले अमल करने की है। पार्षद वरीयता के इमरजेंसी काम के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी। बड़े काम के लिए शासन की अन्य योजनाओं में शामिल कराने की बात डीएम ने कही साथ ही जोड़ा किया वह बड़े प्रस्तावों पर खुद भौतिक सत्यापन कराएंगे, फिर निर्णय लिया जाएगा।

बुधवार को तीन घंटे से अधिक देर तक चली कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ कि कैटल कालोनी के लिए जमीन तलाशी जाएगी। इस कालोनी में शहर के बड़े डेयरी का व्यवसाय करने वालों को बसाया जाएगा। इसी तरह पूर्व में निर्णय हुआ था कि जलनिगम के छोटे-छोटे ट्यूबवेल को भी बड़े ट्यूबवेल चलाने वाले ठेकेदार ही संचालित करेंगे। मगर ऐसा हो नहीं रहा। बैठक में जब यह मुद्दा उठा तो तय हुआ कि अब नए सिरे से टेंडर निकाला जाएगा और एक ही ठेकेदार को बड़े-छोटे सभी ट्यूबवेल चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। वर्तमान में 12 से 14 ठेकेदारों के पास यह काम है। भाजपा पार्षद दल के नेता ऋषिमोहन वर्मा ने इमरजेंसी के काम भी बजट के अभाव न हो पाने का मुद्दा उठाया। मानव संसाधन मुहैया कराने वाले ठेकेदारों का भी टेंडर निकालने पर सहमति बनी।

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सफाई ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग उठी

सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने बैठक में कहा कि पांच महीने से दो फर्मों को 70 वार्डों की सफाई का ठेका मिला हुई मगर जरूरी सफाईकर्मी व संसाधन अभी तक वह मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। बावजूद इसके उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। इस पर डीएम ने कहा कि नगर निगम के कई अधिकारियों को इसकी मानीटरिंग के लिए लगाया है। फिर भी व्यवस्था नहीं सुधरी को ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी।

कर्मचारियों को देना होगा पीएफ

बैठक के दौरान दैनिक कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई नहीं देने का भी मामला उठा। साथ ही यह भी शिकायत हुई कि आउटसोर्सिंग पर रखे गए ड्राइवरों के खाते में उनकी पूरी तनख्वाह भेजी जा रही मगर ठेकेदार बाद में उनपर दबाव बनाकर दो से ढाई हजार रुपये ऐंठ ले रहे हैं। इसपर डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि जो भी ठेकेदार, कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई की सुविधा नहीं देंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह ड्राइवरों से रुपये एेंठने के मामले की जांच कराई जाएगी।

टैक्स विभाग में मनमानी का मामला उठा

बैठक के दौरान बेतियाहाता के पार्षद अजय राय ने शिकायत की कि टैक्स विभाग में मानमानी की जा रही है। टैक्स इंस्पेक्टर वार्ड से टैक्स तो एकत्रित कर रहे मगर उसे विभाग में समय से जमा नहीं करते। इसपर टैक्स प्रभारी आकांक्षा राना ने कहा कि उनकी संबंधित टैक्स इंस्पेक्टर से बात हुई थी, उन्होंने बुधवार को ही टैक्स जमा करने की बात कहीं थी मगर न तो उन्होंने उसे जमा किया और न ही वे मिलने आए। इसपर डीएम ने मामले की जांच कराने का निर्देश दिया।

8014 पालों पर लगेगी एलईडी

बैठक में महानगर के 8014 पोलों पर एलईडी नहीं लगाए जाने का मामला भी उठा। इस पर डीएम ने सभी पोलों पर एलईडी लगाने के निर्देश दिए। सहायक नगर आयुक्त ने कहा कि जो फर्म शहर में यह काम कर रही है, उसे ही सभी पोलों पर 35 वाट की एलईडी लगानी होगी। वह इसके निर्देश जारी कर रहे हैं। इसका अलग से टेंडर नहीं होगा।

हैंडपंपों का भुगतान रुकेगा

बैठक में यह भी मामला उठा कि पिछले दिनों नगर निगम की ओर से 235 हैंड पंप नए लगाए गए थे। 213 हैंडपंप रिबोर कराए गए थे। उनके अधिकतर गंदा पानी दे रहे हैं। इस पर डीएम ने कहा कि यह काम जिला योजना से कराए गए थे। जांच कराकर भुगतान रोका जाएगा।

बैठक छोड़ कर जा रहे सपा पार्षदों को मेयर ने रोका

डीएम के यह कहने पर कि निगम का थैला खाली है, सपा पार्षद शहाब अंसारी के साथ दो तीन पार्षद बाहर जाने लगे। उनका कहना था कि जब कटोरा खाली है तो बैठक का क्या औचित्य। उन लोगों को मेयर सीताराम जायसवाल ने समझा बुझा कर बैठक में बुलाया।