ज्वाला देवी मंदिर की अखंड ज्योत का अद्भुत रहस्य !

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दुनिया के प्रशिद्ध मंदिरो में से एक ज्वाला देवी का मंदिर काफी प्रख्यात है। ज्वाला मंदिर को जोता वाली मां का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। इस मंदिर से यह मान्यता जोड़ी हुई है की है यहाँ देवी सती की जीभ गिरी थी। यहाँ पर पृथ्वी के गर्भ से नौ अलग अलग जगह से ज्वाला निकल रही है जिसके ऊपर ही मंदिर बना दिया गया हैं। इन नौ ज्योतियां को महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी के नाम से जाना जाता है।

दूर दूर से भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते है और यह भी माना जाता है की इस मंदिर में भक्तजन जो भी प्राथना करते है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। कहा जाता है कि ज्वाला माता से जोड़ी गोरखनाथ की कहानी इस क्षेत्र में बहुत मशहूर है। कथा इस प्रकार है कि भक्त गोरखनाथ यहां माता की आरधाना किया करता था। एक बार गोरखनाथ को भूख लगी तब उसने माता से कहा कि आप आग जलाकर पानी गर्म करें, मैं भिक्षा मांगकर लाता हूं। माता आग जलाकर बैठ गयी और गोरखनाथ भिक्षा मांगने चले गये।इसी बीच समय परिवर्तन हुआ और कलियुग आ गया। भिक्षा मांगने गये गोरखनाथ लौटकर नहीं आये। तब ये माता अग्नि जलाकर गोरखनाथ का इंतजार कर रही हैं। मान्यता है कि सतयुग आने पर बाबा गोरखनाथ लौटकर आएंगे, तब-तक यह ज्वाला यूं ही जलती रहेगी।

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एक कथा इस मंदिर से जोड़ी है और कभी मशहूर भी है , अकबर ने माता की परीक्षा लेने या अन्य किसी प्रकार मनसा से उस स्थान को हानि पहुंचाने का प्रयास किया। सबसे पहले उसने पूरे मंदिर में अपनी सेना से पानी डलवाया, लेकिन माता की ज्वाला नहीं बुझी। कहते हैं कि तब उसने एक नहर खुदवाकर पानी का रुख ज्वाला की ओर कर दिया लेकिन तब भी वह ज्वाला नहीं बुझी। तब जाकर अकबर को यकीन हुआ और उसने वहां सवा मन सोने का छत्र चढ़ाया लेकिन माता ने इसे स्वीकार नहीं किया और वह छत्र गिरकर किसी अन्य पदार्थ में परिवर्तित हो गया। आप आज भी अकबर का चढ़ाया वह छत्र ज्वाला मंदिर में देख सकते हैं।

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ज्वाला दवी शक्तिपीठ में माता की ज्वाला के अलावा एक अन्य चमत्कार देखने को मिलता है। मंदिर के पास ही ‘गोरख डिब्बी’ है। यहां एक कुण्ड में पानी खौलता हुआ प्रतीत होता जबकि छूने पर कुंड का पानी ठंडा लगता है। ज्वालामुखी देवी मंदिर की यह अद्भुत कहानी किसी चमकतार से कम नहीं यह एक अनूठा आस्था और देवी माँ की दिर्व्य शक्ति को दर्शता है।