MVA के मुख्यमंत्री थे लेकिन बिना सलाह-मशविरा के उद्धव ने दिया इस्तीफा, शरद पवार के बयान पर फिर मचा हड़कंप

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MVA के मुख्यमंत्री थे लेकिन बिना सलाह-मशविरा के उद्धव ने दिया इस्तीफा, शरद पवार के बयान पर फिर मचा हड़कंप

MVA के मुख्यमंत्री थे लेकिन बिना सलाह-मशविरा के उद्धव ने दिया इस्तीफा, शरद पवार के बयान पर फिर मचा हड़कंप

मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने खुलासा कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तो सहयोगी दलों एनसीपी और कांग्रेस से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया था। उन्होंने आगे कहा कि उद्धव केवल अपनी पार्टी की वजह से मुख्यमंत्री नहीं बने थे। उनके मुख्यमंत्री बनने में कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों का योगदान था, लेकिन उन्होंने किसी से सलाह-मशविरा नहीं करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। एनसीपी प्रमुख के इस बयान के बाद राज्य की सियासत में फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। महाविकास अघाड़ी को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इस बात की भी चर्चा है कि एनसीपी कहीं एमवीए से किनारा करने के मूड में तो नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पवार एनसीपी को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि उद्धव गुट फ़िलहाल कमजोर हालत में है।

बहरहाल मंगलवार की देर शाम उद्धव ठाकरे शरद पवार के घर सिल्वर ओक पहुंचे। पिछले दिनों में महाविकास अघाड़ी के बीच बन रही दरारों को पाटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। एक मराठी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के बारे में पवार ने कहा कि हमारे और उनकी बीच दोस्ताना रिश्ते थे। उद्धव अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे है।

उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ललकारा
बीजेपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने के दावे पर उद्धव ठाकरे ने ललकारा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगा जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने दोपहर में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब मस्जिद गिराई जा रही थी, तब ये चूहे अपने बिलों में छिपे थे। उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है? उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पाटिल के बयान को लेकर या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या पाटिल से इस्तीफा मांगना चाहिए। शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भी एक ट्वीट में पूछा कि क्या शिंदे पाटिल के दावे को स्वीकार करते हैं ? यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील ने पुणे में पत्रकारों से दावा किया था कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था। ‘कारसेवा’ में किसी ने भी अपनी पार्टियों के सदस्य के रूप में भाग नहीं लिया था, बल्कि वे सिर्फ हिंदू के रूप में शामिल हुए थे। इस पर उद्धव ने पाटील पर तीखा हमला करते हुए कहा कि तब ये चूहे अपने बिलों में छिपे थे। इसके बाद तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मैदान में कूद पड़े। उन्होंने उद्धव से पूछा कि जब बाबरी गिराई जा रही थी, तब वे (उद्धव ) और जो बोल रहे हैं (संजय राउत) कहां थे?

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