अब मुस्लिम महिलाएं करेंगी राम मंदिर बनाने की अपील।

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आने वाले पांच मार्च को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुस्लिम महिला सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में प्रदेश भर से करीब 500 मुस्लिम महिलाएं शामिल होगी। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक मुरारी दास ने बताया कि पांच मार्च को अयोध्या तुलसी स्मारक सभागार में मुस्लिम महिलाओं के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुस्लिम महिलाएं राममंदिर निर्माण के समर्थन में अपील करेंगी। राममंदिर का दर्शन भी करेंगी।

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उन्होंने बताया कि सम्मलेन में तीन तलाक समेत लेकर 11 मुद्दों पर महिलाएं अपनी मांगे रखेंगी। जिसमें मुस्लिम महिलाओं के समान हक के लिए तालीम, पिता व पति की जायदाद में हक, दुनिया की हर जगह पर नौकरी पेशा का अधिकार, तीन तलाक में सजा तीन साल से दस साल करना, तीन तलाक के समय से मुआवजा और जब मुआवजा न मिले तो विधवा पेंशन की तरह तलाक पीड़ित महिला पेंशन की मांग प्रमुख है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक महिरध्वज उर्फ मुरारी दास, नादिरा हुसैन, ठाकुर राजा रईस, सैयद हसन कौसर मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि 61 संगठनों से जुड़े सुन्नी सोशल फोरम ने राममंदिर के प्रति अपना समर्थन जताया है। यह सभी अपना सहमति पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे।

सम्मेलन की आयोजकों में नजरा हुसैन ने बताया कि हिन्दुस्तान की जनता अमन चाहती है। श्रीराम का मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा। इसके लिए मुस्लिम महिलाएं अभियान भी चलाएंगी। बता दें कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रेरित एक स्वतंत्र संगठन है। आरएसएस ने कभी औपचारिक रूप से इस संगठन को अपना नहीं कहा है लेकिन ऐसा माना जाता है कि वह इस संगठन की सक्रियता पर अपनी नजर रखता है। संगठन का निर्माण 2002 में तत्कालीन सरसंघचालक केसी सुदर्शन के सहयोग से किया गया था।