नए साल के पहले दिन ही पकिस्तान को अमेरिका ने एक तगड़ा झटका दफिया और उसकी मदद पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान अभी इस बात को हज़म भी नही कर पाया है कि उसके एक पुराने खैरख्वाह ने भी गुस्सा ज़ाहिर कर दिया है. दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने पाकिस्तान की मौजूदा कूटनीति की कड़ी आलोचना की है.
ये है मुशर्रफ की परेशानी का सबब
मुशर्रफ को पकिस्तान पर मोदी के सख्त रुख की बड़ी चिंता है. वो कह रहे हैं कि पाकिंस्तान की निष्क्रिय कूटनीति के कारण ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर चढ़े हुए हैं. इतना ही नही उनका ये भी कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन के तौर पर स्वीकार करना भी एक बेतुकी बात है. देश की इस हालत को देखकर मुशर्रफ ने कहा कि मैं पाकिस्तान वापस जाकर मुकदमों का सामना करूँगा. आपको बता दें कि इससे पहले भी मुशर्रफ ने हाफिज़सईद की तारीफ की थी.
साक्षात्कार में छलका दर्द और गुस्सा
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ ने एक साक्षात्कार में इस्लामाबाद की मौजूदा कूटनीति की आलोचना करते हुए कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का सम्मान नहीं किया जा रहा है. आप बताइए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी कोई इज्जत है? वैश्विक कूटनीति में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर पूरी तरह हावी हो गए हैं. वह हमारे सिर पर चढ़े हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है. पाकिस्तानी नेता लगातार निष्क्रिय कूटनीति कर रहे हैं. भारत ने लश्कर को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका से आतंकी संगठन घोषित करवा दिया है, लेकिन पाकिस्तान उसे ऐसा क्यों कहे? हम इसे क्यों मानें? हम तो इस तरह निष्क्रिय हैं कि बस लेट जाते हैं. हम तो छोटे हैं!”
कूटनीती पर बात करते वक़्त मुशर्रफ ने कुलभूषण जाधव और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने पाकिस्तानी नेतृत्व को आक्रामक कूटनीति अपनाने की नसीहत दी और कहा कि अमेरिका में लोग हक्कानी नेटर्क की बात करते हैं न कि लश्कर की.
फिर से की आतंकवादियों की तारीफ़
पूर्व राष्ट्रपति ने आतंकी संगठन लश्कर के मुखौटा प्रतिबंधित जमात-उद-दावा को ‘देशभक्त’ संगठन करार दिया है. उन्होंने कहा, “लश्कर और जमात के लोग देशभक्त हैं. वे सबसे बड़े देशभक्त हैं. उन्होंने कश्मीर के लिए बलिदान किया है.”
पहले भी आतंकवादियों की पीठ थपथपायी
ये पहला मौक़ा नही है जब पाकिस्तान द्वारा किसी आतंकवादी की तारीफ़ की गयी हो. इससे पहले भी मुशर्रफ 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद का समर्थन कर चुके हैं. अमेरिका ने वर्ष 2014 में जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लश्कर सरगना हाफ़िज़ सईद राजनीतिक दल बनाकर पाकिस्तान की राजनीति में शामिल होने की जुगत में जुटा है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबावों होने की वजह से पाकिस्तान हाफिज़ सईद को राजनीति में आने से रोकने की कोशिश कर रहा है.