‘मुसाफिर हूँ यारो’ का नया अंदाज़

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संदीप बंसल जी का नाम किसने नहीं सुना? यदि आप भजन सुनते हैं तो आप जरूर इस नाम से परिचित होंगे। खासकर की खाटू श्याम व कृष्ण जी के भक्त संदीप जी के बारे में भली भाती जानते हैं। संदीप बंसल जिन्होंने अपना गायकी का सफर टी सीरीज के मशहूर धार्मिक एल्बम ‘खिड़की नसीब की’ से की थी अब हर घर में एक मधुर भजन गायक की तरह जानें जाते हैं। संदीप बंसल ने उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। संदीप जी पिछले एक साल में कईं मधुर भजन व एलबम्स निकाल चुके हैं। यह कोई ऐसे वैसे भजन नहीं गाते, इनके हर भजन में एक नई कहानी चलती है और उसके अंत में एक दिल खो छू कर ज्ञान देने वाला मैसेज होता है। इनके भजन ‘याद मैंने किया ना’, ‘गुड्डी मेरी’ व ‘कभी फुर्सत हो’ ने जमकर दिल जीते और राजस्थान और मथुरा में तो इनके भजनो ने समां ही बाँध दिया।

अब संदीप बंसल जी ने अपने गायकी के सफर को एक नई दिशा में ले जा रहे हैं। जल्द ही वह टी सीरीज के साथ एक और एल्बम करने वाले हैं। वह भजन तो गा ही रहे है, साथ ही वह बॉलीवुड जगत के पुराने सदाबहार गीत एक नए ताज़े अंदाज़ में पेश कर रहे हैं। उन्होंने 1968 में आयी फिल्म ‘ सम्बन्ध’ के गाने ‘चल अकेला’ को अपनी आवाज़ दी और लोगो ने उसे तहे दिल से स्वीकारा। एक बार फिर वह अपने चाहने के लिए एक पुराना सदाबहार गीत एक नए अंदाज़ में ले कर आये हैं।

इस बार संदीप जी ने परिचय फिल्म के गाने ‘मुसाफिर हूँ यारो’ को अपनी आवाज़ दी है। संदीप जी का यह गाना लोहरी के पावन अवसर पर आया और लोगो ने इसको दिल से स्वीकारा। आप भी सुनिए और अपनी राय दीजिये।