Municipal Bond: हमारे 6 शहरों के निकाय योग्य, आगे बढ़े तो सुधरे हालात | Municipal Bond Local Bodies Rajasthan Revenue Growth Rajasthan News | Patrika News

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Municipal Bond: हमारे 6 शहरों के निकाय योग्य, आगे बढ़े तो सुधरे हालात | Municipal Bond Local Bodies Rajasthan Revenue Growth Rajasthan News | Patrika News

Municipal Bond: हमारे 6 शहरों के निकाय योग्य, आगे बढ़े तो सुधरे हालात | Municipal Bond Local Bodies Rajasthan Revenue Growth Rajasthan News | Patrika News

म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के लिए राजस्थान के छह शहरों के निकाय आगे बढ़ सकते हैं। इनमें जयपुर, किशनगढ़, कोटा, भिवाड़ी, झुंझुनूं और चित्तौडगढ़ शामिल है। खास यह है कि किशनगढ़ (ए+), जयपुर (ए-), भिवाड़ी (ए-), झुंझुनूं (ए) रेटिंग है।

म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के लिए राजस्थान के छह शहरों के निकाय आगे बढ़ सकते हैं। इनमें जयपुर, किशनगढ़, कोटा, भिवाड़ी, झुंझुनूं और चित्तौडगढ़ शामिल है। खास यह है कि किशनगढ़ (ए+), जयपुर (ए-), भिवाड़ी (ए-), झुंझुनूं (ए) रेटिंग है। इनमें से कुछ की क्रेडिट रेटिंग अच्छी है और कुछ निकाय राजस्व वसूली में इजाफा कर बॉन्ड के लिए योग्य हो सकते हैं। इनमें से किसी भी निकाय की पिछले तीन वित्तीय वर्ष में नेगेटिव नेट वर्थ नहीं है और न ही पिछले वर्षों में लोन चुकाने में डिफाल्टर हुए हैं। बॉन्ड जारी करने की योग्यता में ये दो मुख्य शर्त शामिल है। हालांकि, हर साल राजस्व में बढ़ोत्तरी भी होनी जरूरी है, जिससे निवेश के लिए लोगों का भरोसा बने। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के पास भी इन निकायों की रेटिंग से जुड़ी रिपोर्ट है।

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जयपुर ने की कोशिश, पर कामयाब नहीं..

जयपुर नगर निगम ने वर्ष 2018 में बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की थी। तत्कालीन आयुक्त रवि जैन और तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने इसके लिए संबंधित एजेंसियों के साथ प्रयास किया। यहां तक की रेटिंग आकलन से जुड़ी एक कंपनी जयपुर आई। लेकिन कुछ माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने के कारण मामला अटक गया। बाद में निगम की वित्तीय स्थिति बिगड़ती गई। जबकि, आसानी से निर्धारित क्रेटिड रेटिंग के लिए योग्य हो सकते थे। अब दोबारा प्रयास हों सफल हो सकते हैं।

वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता क्यों..

शहरीकरण का पैमाना केवल 33 प्रतिशत है। इसे यहां पानी, स्वच्छता, कचरा और सीवरेज, शहरी परिवहन, रोड लाइट, सड़कों के रखरखाव की जरूरत बढ़ती जा रही है। इसके लिए पुख्ता वित्तीय प्रबंधन की जरुरत है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्थानीय निकाय (जो क्रिटिड रेटिंग में ठीक हैं) धन जुटाने और शहर के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सार्वजनिक भागीदारी के लिए बॉन्ड जारी कर रहे हैं।

ये शहर कतार में…

वाराणसी, आगरा और कानपुर, सूरत जैसे शहर भी म्यूनिसिपिल बॉन्ड लाने की तैयारी में है। इनमें से कुछ शहरों में नए बॉन्ड जारी होंगे।

रेटिंग में इसका आकलन…

-जिन नगरपालिकाओं का नेटवर्थ पिछले 3 वित्त वर्ष तक निगेटिव नहीं रहा हो
-पिछले एक साल में उन्होंने कोई लोन डिफाल्ट नहीं किया हो।
-पिछले वर्ष में बैंकों, वित्तीय कंपनियों के लोन के पुनर्भुगतान में लापरवाही नहीं हो।
-आय-व्यय के लेखों को लेकर पारदर्शी प्रक्रिया
-प्रॉपटी का असेस्ट्स के रूप में कितना उपयोग हो रहा है
-कर्ज व घाटे की स्थिति का आकलन
-प्रोजेक्ट निर्धारित समय पर पूरा कर पा रहे हैं या नहीं
-प्रोजेक्ट के जरिए आर्थिक रूप से सक्षम होना
-नगरीय विकास कर या अन्य टैक्स समय पर वसूलना
-सालाना कमाई बढ़ाने का पुख्ता प्लान



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