रेल रोको आंदोलन: स्थायी नौकरी की मांग को लेकर ट्रैक पर बैठे छात्र

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मुंबई में रेलवे में नौकरी की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर बैठे छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्‍त कर दिया है और सेंट्रल रेलवे पर ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है. वहीं इससे पहले मुंबई की लाइफलाइन मध्य रेलवे सुबह सात बजे से ठप थी. रेलवे ने कहना था कि फिलहाल लोकल ट्रेनें सिर्फ़ कुर्ला स्टेशन तक ही चल रही हैं और वहां से वापस लौट रही हैं. रेलवे भर्ती में धांधली से नाराज़ छात्रों ने माटुंगा और दादर के बीच रेल सेवा रोक दी थी. प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है. ये छात्र दिल्ली में भी प्रदर्शन कर चुके हैं. मध्य रेलवे में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को पहले नौकरी दी जाती थी. रेलवे ने इसका आश्वासन दिया था लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो छात्र पटरियों पर उतर गए.

छात्रों की मांग

स्थायी नौकरी की मांग को लेकर रेलवे अप्रैंटिस छात्रों के द्वारा मंगलवार सुबह मुंबई में लोकल ट्रेनों को रोक दिया गया था. प्रदर्शन की वजह से करीब 4 घंटे रेलवे का यातायात प्रभावित हुआ जिसके बाद अब धीरे-धीरे ट्रेनों को निकाला जा रहा है. जिस जगह छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, वहां पर एक ट्रैक को खाली करा दिया गया है. छात्रों का ये आन्दोलन करीब चार घंटे तक चला. परीक्षा पास कर चुके परेशान छात्र रेलवे में स्थायी नौकरी की मांग को लेकर माटुंगा और दादर के बीच ट्रेनी अप्रैंटिंस ट्रैक पर धरना देने बैठ गए थे. छात्रों के धरने की वजह से आम यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग थी कि 20 फीसदी कोटा को हटाया जाए और स्थायी नौकरी दे दी जाए. अभ्यर्थियों का कहना है कि वह पिछले 4 साल से शांतिपूर्ण अपनी मांग को उठा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है. प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा, ‘पिछले चार साल से कोई भर्ती नहीं हुई है. हम एक जगह से दूसरी जगह लगातार संघर्ष कर रहे हैं. 10 से अधिक छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. हम ऐसा होने नहीं दे सकते.  वहीं, अन्य छात्र ने कहा, ‘हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे जब तक रेल मंत्री पीयूष गोयल हमसे आकर नहीं मिलते. डीआरएम ( मुंबई डिविजन के मंडल रेल प्रबंधक) से किए हमारे सभी अनुरोधअनसुने रहे हैं.’  छात्रों का कहना है कि जब तक रेल मंत्री पीयूष गोयल लिखित में आश्वासन नहीं देते हैं, तब तक वहां से कोई नहीं हटेगा.

2003 students affected in railway 1 -

रेलवे का रुख

मध्य रेलवे के प्रमुख पीआरओ सुनील उदासी ने कहा, ‘जीआरपी और आरपीएफ जवानों के साथ मिलकर मुंबई पुलिस छात्रों से बातचीत कर रही है और रेलवे की प्राथमिकता पटरी खाली कराना है.’ पुलिस और रेलवे अधिकारी छात्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

इसी बीच सेंट्रल रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा है कि रेलवे अप्रेंटिशिप में ट्रेनिंग का प्रावधान है और नौकरी देने की कोई व्यवस्था नहीं है.

आम जन को भी दिक्कत

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया है. प्रदर्शन के बाद सेंट्रल लाइन पर करीब 30 ट्रेनें रद्द कर दी गई. प्रदर्शन के असर को देखते हुए कुर्ला इलाके में बेस्ट की अतिरिक्त बसें चलाये जाने की योजना बनायी जा रही है ताकि यात्रियों की परेशानी को कुछ कम किया जा सके. इस प्रदर्शन के कारण मुंबई के डब्बावालों के काम पर भी असर पड़ा है. डब्बावाले कुर्ला इलाके से ही लोकल ट्रेन के ज़रिए अपनी सर्विस को आगे बढ़ाते हैं. ख़बरों के माने तो छात्रों के प्रदर्शन को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल जल्दी ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.