Mumbai Attack : डर या आतंक नहीं, बल्कि ये रहेंगे हमेशा याद… मुंबई हमले की बरसी पर आनंद महिंद्रा ने किया भावुक, देखिए ट्वीट

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Mumbai Attack : डर या आतंक नहीं, बल्कि ये रहेंगे हमेशा याद… मुंबई हमले की बरसी पर आनंद महिंद्रा ने किया भावुक, देखिए ट्वीट

Mumbai Attack : डर या आतंक नहीं, बल्कि ये रहेंगे हमेशा याद… मुंबई हमले की बरसी पर आनंद महिंद्रा ने किया भावुक, देखिए ट्वीट

नई दिल्ली : 26 नवंबर 2008। यह तारीख शायद ही कोई भारतीय भूल पाया होगा। उस दिन आतंकवादियों ने मुंबई (Mumbai) को दहला दिया था। ताज होटल (Taj Hotel) में पर्यटकों को बंधक बना लिया गया था। रेलवे स्टेशनों पर तोबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इस हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भारत के जांबाज जवानों ने बहादुरी से आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान कई जवान शहीद भी हुए थे। आज देश 26/11 हमले की 14वीं बरसी मना रहा है। देश के जाने माने उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने आज एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे इस दिन को कभी नहीं भूल सकते।

आनंद महिंद्रा ने यह किया ट्वीट
आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘नहीं, मैं कभी नहीं भूलूंगा। मैं उस दिन के डर या आतंक को नहीं भूलने की बात नहीं कह रहा हूं। मैं उन हीरोज की बात कर रहा हूं, जो हमेशा मेरे दिल और दिमाग में रहेंगे।’ आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में 26/11 हमले (26/11 Mumbai Terror Attack) में शहीद हुए जवानों की फोटोज भी शेयर की है। उन्होंने कहा कि वे इन हीरोज को कभी नहीं भुला पाएंगे। पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज और ट्राइडेंट होटल के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हमला किया था। देश के कुछ बहादुर पुलिसकर्मियों और एनएसजी के जवान ने इन आतंकियों का डटकर सामना किया और कई लोगों की जान बचाई थी। जिन जवानों ने लोगों को बचाते हुए अपनी जान दे दी, उनमें से कुछ निम्न हैं।

मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे
मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे (Hemant Karkare) रात में अपने घर पर उस वक्त खाना खा रहे थे, जब उनके पास आतंकी हमले को लेकर क्राइम ब्रांच ऑफिस से फोन आया। हेमंत करकरे तुरंत घर से निकले और एसीपी अशोक काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सालस्कर के साथ मोर्चा संभाला। कामा हॉस्पिटल के बाहर चली मुठभेड़ में आतंकी अजमल कसाब और इस्माइल खान की अंधाधुंध गोलियां लगने से वह शहीद हो गए। मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।

एसीपी अशोक काम्टे
अशोक काम्टे (Ashok Kamte) मुंबई पुलिस में बतौर एसीपी तैनात थे। जिस वक्त मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, वे एटीएस चीफ हेमंत करकरे के साथ थे। कामा हॉस्पिटल के बाहर पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल खान ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। एक गोली उनके सिर में आ लगी। घायल होने के बावजूद उन्होंने दुश्मन को मार गिराया।

एएसआई तुकाराम ओंबले
मुंबई पुलिस के एएसआई तुकाराम ओंबले (Tukaram Omble) ही वह जांबाज थे, जिन्होंने आतंकी अजमल कसाब का बिना किसी हथियार के सामना किया और अंत में उसे दबोच लिया। इस दौरान उन्हें कसाब की बंदूक से कई गोलियां लगीं और वह शहीद हो गए। शहीद तुकाराम ओंबले को उनकी जांबाजी के लिए शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
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मेजर संदीप उन्नीकृष्णन
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (Sandeep Unnikrishnan) नेशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (NSG) के कमांडो थे। वे 26/11 एनकाउंटर के दौरान मिशन ऑपरेशन ब्लैक टारनेडो का नेतृत्व कर रहे थे और 51 एसएजी के कमांडर थे। जब ताज महल पैलेस और टावर्स होटल पर कब्जा जमाए बैठे पाकिस्तानी आतंकियों से लड़ रहे थे तो एक आतंकी ने पीछे से उन पर हमला किया, जिससे घटनास्थल पर ही वे शहीद हो गए। मरणोपरांत 2009 में उनको अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर (Vijay Salaskar) कामा हॉस्पिटल के बाहर हुई फायरिंग में हेमंत करकरे और अशोक काम्टे के साथ आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए थे। शहीद विजय को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।

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