Mumbai: रिफाइनरी को गुजरात ले जाएं, महाराष्ट्र में अच्छे प्रॉजेक्ट्स लाएं, उद्धव ठाकरे ने किया बारसू का दौरा h3>
मुंबईः शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि रत्नागिरी जिले के बारसू में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी को गुजरात में स्थानांतरित कर देना चाहिए और अच्छी निवेश वाली परियोजनाओं को महाराष्ट्र में ले आना चाहिए। बारसू में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना स्थल का दौरा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में पर्यावरण प्रदूषण फैलानेवाली किसी भी नुकसानदेह परियोजनाओं की जरूरत नहीं है। बारसू रिफाइनरी का भी विरोध हो रहा है, इसलिए यह परियोजना भी गुजरात लेकर जाएं। बता दें कि उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को बारसू गांव पहुंचे थे। यहां तेल रिफाइनरी के लिए मिट्टी की टेस्टिंग की जा रही है। इस परियोजना का विरोध करने वाले ग्रामीणों से भी ठाकरे ने मुलाकात की। उन्होंने सरकार को प्रदर्शनकारियों के समक्ष आकर इस परियोजना का समर्थन करने की चुनौती दी। हालांकि, बीजेपी नेताओं ने इस प्रॉजेक्ट के समर्थन में एक रैली निकाली।
उन्होंने सुझाया था नाम
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ही रिफाइनरी परियोजना के लिए बारसू का नाम सुझाया था, लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं कहा था कि ‘भले ही प्रदर्शनकारियों’ का सिर फोड़ना पड़े या उन्हें परेशान करना पड़े, रिफाइनरी परियोजना स्थापित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बल्क ड्रग्स पार्क, वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजनाओं को गुजरात लेकर चले गए। ऐसी अच्छी परियोजनाओं की महाराष्ट्र को सख्त जरूरत है। इसमें कोई विवाद नहीं है। ठाकरे ने कहा कि वह ऐसी कोई विकास परियोजना लागू नहीं होने देंगे, जिससे लोगों के हितों और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा हो।
समृद्धि राजमार्ग का भी विरोध हुआ था
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनमें प्रदर्शनकारियों का सामना करने की ईमानदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी परियोजना को लागू करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो समृद्धि राजमार्ग के निर्माण के दौरान इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन हमने प्रदर्शनकारियों से बात की। हमने विकास को बाधित किए बिना रास्ता निकाला।
नितेश-निलेश ने किया प्रॉजेक्ट का सपोर्ट
एक तरफ उद्धव ठाकरे परियोजना का विरोध करने वालों से मिल रहे थे, वहीं बीजेपी विधायक नितेश राणे और पूर्व सांसद निलेश राणे इस रिफाइनरी परियोजना के समर्थन में रैली निकाली। निलेश राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने परियोजना का समर्थन किया था, लेकिन अब वह उसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वह विपक्ष में हैं।
विरोध करने वालों का तर्क
बारसू रिफाइनरी का विरोध करने वालों ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट से यहां का पर्यावरण प्रभावित होगा। तटीय कोंकण क्षेत्र की संवेदनशील जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। साथ ही उनकी आजीविका पर भी असर होगा।
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उन्होंने सुझाया था नाम
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ही रिफाइनरी परियोजना के लिए बारसू का नाम सुझाया था, लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं कहा था कि ‘भले ही प्रदर्शनकारियों’ का सिर फोड़ना पड़े या उन्हें परेशान करना पड़े, रिफाइनरी परियोजना स्थापित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बल्क ड्रग्स पार्क, वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजनाओं को गुजरात लेकर चले गए। ऐसी अच्छी परियोजनाओं की महाराष्ट्र को सख्त जरूरत है। इसमें कोई विवाद नहीं है। ठाकरे ने कहा कि वह ऐसी कोई विकास परियोजना लागू नहीं होने देंगे, जिससे लोगों के हितों और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा हो।
समृद्धि राजमार्ग का भी विरोध हुआ था
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनमें प्रदर्शनकारियों का सामना करने की ईमानदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी परियोजना को लागू करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो समृद्धि राजमार्ग के निर्माण के दौरान इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन हमने प्रदर्शनकारियों से बात की। हमने विकास को बाधित किए बिना रास्ता निकाला।
नितेश-निलेश ने किया प्रॉजेक्ट का सपोर्ट
एक तरफ उद्धव ठाकरे परियोजना का विरोध करने वालों से मिल रहे थे, वहीं बीजेपी विधायक नितेश राणे और पूर्व सांसद निलेश राणे इस रिफाइनरी परियोजना के समर्थन में रैली निकाली। निलेश राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने परियोजना का समर्थन किया था, लेकिन अब वह उसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वह विपक्ष में हैं।
विरोध करने वालों का तर्क
बारसू रिफाइनरी का विरोध करने वालों ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट से यहां का पर्यावरण प्रभावित होगा। तटीय कोंकण क्षेत्र की संवेदनशील जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। साथ ही उनकी आजीविका पर भी असर होगा।
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