Mulayam Singh: पत्नी के निधन के 93 दिनों के बाद दुनिया को अलविदा कह गए नेता जी, अस्पताल से शुरू हुआ प्यार और वहीं खत्म | Mulayam Singh death 93 days after sadhna gupta death in medanta | Patrika News
ये कहानी शुरू होती है 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से…
तब मुलायम सिंह यादव की उम्र 42 साल थी। वो राजनीति में कुछ कर गुजरने के लिए दिनरात लगे थे। लेकिन उनकी मां मूर्ति देवी की तबीयत लगातार खराब रहती थी। वह सैफई में रहती थीं। वहीं पर सैफई मेडिकल कॉलेज में उन्हें भर्ती कराया गया।
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Mulayam Singh Yadav Death : मुलायम सिंह यादव की मृत्यु इन बीमारियों की वजह से हुई,जानें कौन-सी ?
एक दिन मुलायम की मां को एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, तभी नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रही साधना गुप्ता ने उसे रोक लिया। ये बात जब मुलायम को पता चली तो उन्होंने साधना से मुलाकात की। बाद में साधना ने मूर्ति देवी की देखभाल का जिम्मा खुद ले लिया। इसी के बाद वो मुलायम की करीबी हो गईं। पत्रकार और लेखक सुनीता ऐरोन ने अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में इसके बारे में लिखा है।
6 साल तक दोनों की करीबी के बारे में सिर्फ अमर सिंह जानते थे
मुलायम सिंह और साधना की दिनोंदिन बढ़ती नजदीकी को सिर्फ अमर सिंह ही जानते थे। उन्होंने 6 साल तक ये बात छिपाए रखी। क्योंकि मुलायम के घर में उनकी पहली पत्नी मालती देवी और उनका बेटा अखिलेश थे।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1988 में मुलायम ने साधना गुप्ता को अखिलेश से मिलवाया। उस समय अखिलेश महज 15 साल के थे लेकिन अखिलेश को साधना उस समय पंसद नहीं आई। अखिलेश यादव को एक बार साधना गुप्ता ने थप्पड़ मार दिया था। उसके कुछ दिन बाद अखिलेश यादव को राजस्थान के धौलपुर स्थिति मिलिट्री स्कूल में पढ़ने भेज दिया गया था।
मुलायम के लिए लकी साबित हुई साधना
साल 1987 में साधना गुप्ता अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग होकर रहने लगी थीं। तब वो और मुलायम काफी करीब आ गए थे। साल 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब से मुलायम सिंह साधना को लकी मानने लगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच की तब पता कि 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था। स्कूल फार्म में मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था।
2003 में मिला साधना को पत्नी का दर्जा
साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को सार्वजनिक तौर पर पत्नी का दर्जा दिया। उसी साल मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी का निधन हो गया। अखिलेश को जब यह बात पता चली तो वह काफी नाराज हुए।
बताया जा रहा है कि अखिलेश और साधना गुप्ता के बीच समझौता इस बात को लेकर हुआ कि प्रतीक और साधना कभी राजनीति में नहीं आएंगे। साधना गुप्ता और भाई प्रतीक तो राजनीति में नहीं आए लेकिन प्रतीक की पत्नी अर्पणा यादव विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, फिलहाल वह बीजेपी में हैं।
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Mulayam Singh Yadav Death : मुलायम सिंह यादव का पहली बार विधानसभा पहुंचने का रोचक किस्सा, कुश्ती में पहलवान को चित किया
मेदांता अस्पताल में खत्म हुई दोनों की प्रेम कहानी
मुलायम सिंह यादव सोमवार का गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वहीं 9 जुलाई 2022 को मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता का इसी मेदांता अस्पताल में निधन हुआ था। साधना गुप्ता के मौत का दर्द मुलायम सिंह यादव सहन नहीं कर पाये और 93 दिनों बाद उनकी भी मौत हो गई।
ये कहानी शुरू होती है 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से…
तब मुलायम सिंह यादव की उम्र 42 साल थी। वो राजनीति में कुछ कर गुजरने के लिए दिनरात लगे थे। लेकिन उनकी मां मूर्ति देवी की तबीयत लगातार खराब रहती थी। वह सैफई में रहती थीं। वहीं पर सैफई मेडिकल कॉलेज में उन्हें भर्ती कराया गया।
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एक दिन मुलायम की मां को एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, तभी नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रही साधना गुप्ता ने उसे रोक लिया। ये बात जब मुलायम को पता चली तो उन्होंने साधना से मुलाकात की। बाद में साधना ने मूर्ति देवी की देखभाल का जिम्मा खुद ले लिया। इसी के बाद वो मुलायम की करीबी हो गईं। पत्रकार और लेखक सुनीता ऐरोन ने अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में इसके बारे में लिखा है।
6 साल तक दोनों की करीबी के बारे में सिर्फ अमर सिंह जानते थे
मुलायम सिंह और साधना की दिनोंदिन बढ़ती नजदीकी को सिर्फ अमर सिंह ही जानते थे। उन्होंने 6 साल तक ये बात छिपाए रखी। क्योंकि मुलायम के घर में उनकी पहली पत्नी मालती देवी और उनका बेटा अखिलेश थे।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1988 में मुलायम ने साधना गुप्ता को अखिलेश से मिलवाया। उस समय अखिलेश महज 15 साल के थे लेकिन अखिलेश को साधना उस समय पंसद नहीं आई। अखिलेश यादव को एक बार साधना गुप्ता ने थप्पड़ मार दिया था। उसके कुछ दिन बाद अखिलेश यादव को राजस्थान के धौलपुर स्थिति मिलिट्री स्कूल में पढ़ने भेज दिया गया था।
मुलायम के लिए लकी साबित हुई साधना
साल 1987 में साधना गुप्ता अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग होकर रहने लगी थीं। तब वो और मुलायम काफी करीब आ गए थे। साल 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब से मुलायम सिंह साधना को लकी मानने लगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच की तब पता कि 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था। स्कूल फार्म में मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था।
साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को सार्वजनिक तौर पर पत्नी का दर्जा दिया। उसी साल मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी का निधन हो गया। अखिलेश को जब यह बात पता चली तो वह काफी नाराज हुए।
बताया जा रहा है कि अखिलेश और साधना गुप्ता के बीच समझौता इस बात को लेकर हुआ कि प्रतीक और साधना कभी राजनीति में नहीं आएंगे। साधना गुप्ता और भाई प्रतीक तो राजनीति में नहीं आए लेकिन प्रतीक की पत्नी अर्पणा यादव विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, फिलहाल वह बीजेपी में हैं।
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