Mulayam Sadhna Love Story: पत्नी को ‘लकी’ क्यों मानते थे मुलायम? 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दिल दे बैठे थे नेताजी

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Mulayam Sadhna Love Story: पत्नी को ‘लकी’ क्यों मानते थे मुलायम? 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दिल दे बैठे थे नेताजी

Mulayam Sadhna Love Story: पत्नी को ‘लकी’ क्यों मानते थे मुलायम? 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दिल दे बैठे थे नेताजी

लखनऊ: आज हर जुबान पर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की चर्चा है। समाजवादी पार्टी के पितामह मुलायम का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। वह राजनीति के शिखर तक पहुंचे, तो निजी जिंदगी के किस्से भी कम दिलचस्प नहीं रहे। मुलायम ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) से आधिकारिक तौर पर शादी कर ली, जिन्हें वह अपने लिए बहुत ‘लकी’ माना करते थे। अपने से 20 साल छोटी साधना को मुलायम दिल दे बैठे थे।

मुलायम यादव और साधना गुप्ता का रिश्ता अस्सी के दशक से था और 2003 में दोनों ने एक साधारण समारोह में विवाह किया। यह विवाह मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद हुआ। वह 1999 में मुलायम के बेटे अखिलेश की शादी के रिसेप्शन में पहली बार मुलायम परिवार के साथ दिखीं, पर तब भी कम लोग ही उनके बारे में जानते थे। सबको उनकी जानकारी तब हुई, जब मुलायम ने सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में साधना और उनके बेटे प्रतीक की शपथपत्र में जानकारी दी।

क्यों लकी मानते थे मुलायम?
औरैया जिले के विधूना की रहने वाली साधना की मुलायम से मुलाकात 80 के दशक में तब हुई थी, जब वह लोकदल में थे। साधना उस वक्त शादीशुदा थीं। उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। 20 साल छोटी साधना को मुलायम दिल दे बैठे थे। नेताजी के संपर्क में आने के बाद उनका तलाक हो गया। ऐसा कहा जाता है कि मुलायम साधना को अपने के लिए ‘लकी’ मानते थे, क्योंकि उनके संपर्क में आने के बाद ही वह पहली बार सीएम बने थे। साधना सक्रिय राजनीति में आना चाहती थीं, पर मुलायम ने उन्हें मना कर दिया।
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मां की वजह से आईं करीब
साधना गुप्ता मुलायम के परिवार का हिस्सा कैसे बन गईं? कहा जाता है कि मुलायम की मां मूर्ति देवी अक्सर बीमार रहती थीं और साधना उनकी देखभाल करती थीं। इसी दौरान मूर्ति देवी मेडिकल कॉलेज में भर्ती थीं और एक नर्स उन्हें गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। वहां मौजूद साधना ने नर्स को रोककर डांट लगाई थी। यह बात जब मुलायम को पता चली तो वह साधना को काफी मानने लगे। कहा जाता है कि सीएम बनने पर मुलायम ने ही उन्हें बांट-माप विभाग में अधिकारी के तौर पर तैनात करवाया था।

साधना के बारे में यह भी कहा जाता रहा है कि वह समाजवादी परिवार में अलग ‘पावर सेंटर’ बनी रहीं। हालांकि, विधूना के पूर्व विधायक और साधना के बहनोई प्रमोद गुप्ता कहते हैं कि वह परिवार को एक रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहीं। उनके बेटे प्रतीक गुप्ता एक व्यवसायी हैं और बहू अपर्णा यादव बिष्ट राजनीति में सक्रिय हैं। वह सपा छोड़कर भाजपा में जा चुकी हैं।
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साधना गुप्ता से मुलायम का खास लगाव था और उनके जाने के बाद से वह टूट गए थे। गुरुग्राम के जिस मेदांता हॉस्पिटल में मुलायम सिंह यादव का निधन हुआ है, उसी अस्पताल में दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने भी आखिरी सांस ली थी। उनके शव को स्पेशल चार्टर से लखनऊ लाया गया और यहीं पर अंतिम संस्कार हुआ। लखनऊ आवास पर साधना गुप्ता का शव अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां मुलायम भी मौजूद रहे और श्रद्धासुमन अर्पित किया। फिर 10 जुलाई को साधना गुप्ता का अंतिम संस्कार किया गया।

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