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फोन पर ही BJP को बड़ा झटका देने का चक्रव्यूह रच रहे मुकुल, 25 व‍िधायक और 2 सांसद TMC के संपर्क में

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फोन पर ही BJP को बड़ा झटका देने का चक्रव्यूह रच रहे मुकुल, 25 व‍िधायक और 2 सांसद TMC के संपर्क में

फोन पर ही BJP को बड़ा झटका देने का चक्रव्यूह रच रहे मुकुल, 25 व‍िधायक और 2 सांसद TMC के संपर्क में

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए मुकुल रॉय ने एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है और अब जानकारी मिल रही है कि मुकुल रॉय बीजेपी को एक और बड़ा झटका देने की जुगत में हैं। खबरें यह भी हैं कि बीजेपी के 24-25 विधायक टीएमसी में जा सकते हैं। मुकुल रॉय खुद यह कह चुके हैं कि वह कई बीजेपी विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। मुकुल रॉय और उनके बेटे शुभ्रांग्शु के बयानों से यह संकेत मिल रहे हैं कि रॉय ‘फोन पर बातचीत’ जरिए ही बीजेपी को दूसरा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। 

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मुकुल रॉय से जब बीजेपी नेताओं से बातचीत करने लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं बीजेपी नेताओं के साथ फोन पर संपर्क में हूं।’ वहीं, रॉय के बेटे शुभ्रांग्शु ने भी यह कहा कि 25 बीजेपी विधायक टीएमसी में आ सकते हैं। खुद भी बीजेपी से तृणमूल में वापसी करने वाले शुभ्रांग्शु ने यह कहा कि विधायकों के अलावा बीजेपी के 2 सांसद भी टीएमसी में आना चाहते हैं।

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बता दें कि सोमवार को बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी गर्वनर जगदीप धनखड़ से मिलने पहुंचे थे। इस बैठक के लिए उनके साथ बीजेपी के 77 में से सिर्फ 51 विधायक ही राजभवन पहुंचे थे। इसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि बैठक में नहीं पहुंचने वाले विधायक टीएमसी जॉइन कर सकते हैं। 

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कभी तृणमूल में दूसरे सबसे प्रमुख नेता रहे मुकुल रॉय को फरवरी, 2015 में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया गया था। वह नवंबर, 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे। मुकुल रॉय ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और कृष्णानगर उत्तर सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इसके बाद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने खुद उनकी टीएमसी में वापसी कराई। इसके बाद मुकुल रॉय ने कहा था कि बंगाल में जो स्थिति है, उसमें कोई भी बीजेपी में रहेगा नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि दीदी के साथ कोई मतभेद नहीं था और वह देश की नेता हैं।

दूसरी तरफ, मुकुल के तृणमूल में जाने के बाद से ही बीजेपी की नजर अपने नेताओं और विधायकों पर है। बीजेपी इस कोशिश में जुटी है कि वह अपने नेताओं को पार्टी से दूर न होने दें। ऐसे में पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाने वाले नेताओं पर खास नजर रखी जा रही है।

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