MP Win Ranji Trophy: शादी के लिए MP के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव को दी थी सिर्फ 2 दिन की छुट्टी, ‘गुरु’ चंद्रकांत पंडित ने खोला राज

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MP Win Ranji Trophy: शादी के लिए MP के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव को दी थी सिर्फ 2 दिन की छुट्टी, ‘गुरु’ चंद्रकांत पंडित ने खोला राज

मध्य प्रदेश के कोच चंद्रकांत पंडित का नाम हर किसी की जुबां पर है। उनके शिष्यों ने 41 बार की चैंपियन मुंबई के हौसले पस्त करते हुए पहला रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया। पंडित को अनुशान प्रिय माना जाता है, लेकिन एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसे जानकर आप कह उठेंगे कि वह सिर्फ कड़ाई नहीं करते, बल्कि फोगाट बहनों पर आधारित आमिर खान स्टारर फिल्म ‘दंगल’ के हानिकारक बापू जैसे हानिकारक गुरु हैं।

दरअसल, पिछले वर्ष टीम के कप्तान आदित्या श्रीवास्तव को शादी के लिए छुट्टी की जरूरत थी। वह कोच के पाए गए तो 10 दिन की छुट्टी की अर्जी लेकर गए थे, लेकिन पंडित ने सिर्फ 2 दिन में शादी और उसका जश्न निपटाने की बात कहा। इस बारे में चंद्रकांत पंडित ने खिताबी जीत के बाद कहा, ‘पिछले वर्ष आदित्य शादी कर रहे थे। वह मेरे पास आए और पूछा कि शादी के लिए कितने दिन ठीक रहेंगे तो मैंने उनसे कहा- मैं सिर्फ 2 दिन की ही छुट्टी दे सकता हूं।’

खिताब के बारे में पंडित ने कहा कि रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतना बेहद खास है, क्योंकि उनसे 23 साल पहले जो छूट गया था, वह उन्होंने 2022 में पूरा करके दिखाया। 1998/99 के फाइनल में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एमपी के कप्तान पंडित कर्नाटक से छह विकेट से हार गए थे और सबसे महत्वपूर्ण एक घरेलू फाइनल में खिताब से चूक गए थे। 2022 की उसी टीम के मुख्य कोच के रूप में पंडित ने सफलता का स्वाद चखा, क्योंकि मध्य प्रदेश ने मुंबई को छह विकेट से हराकर अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता अपने नाम किया।
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पंडित ने कहा, ‘हर ट्रॉफी आपको संतुष्टि देती है। लेकिन यह रणजी ट्रॉफी जीतना बेहद खास है, क्योंकि 23 साल पहले मैं एक कप्तान था और तब ऐसा नहीं कर सका। लेकिन मुझे आदित्य पर बहुत गर्व है कि उसने ऐसा किया है। मैंने हमेशा महसूस किया कि मैंने मध्य प्रदेश के लिए कुछ छोड़ दिया था और यही एक कारण था कि मैं उस ट्रॉफी को मध्य प्रदेश वापस लाने के लिए थोड़ा अधिक उत्साहित और भावुक था। कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि टीम को कोविड-19 के कारण प्रारूप में बदलाव के बावजूद टूर्नामेंट की तैयारी में रणजी ट्रॉफी जीतने का विश्वास था।’

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उन्होंने कहा, ‘पहले दिन से हमने खेलना शुरू किया और प्री-सीजन कैंप से हम तैयारी कर रहे थे, न केवल इस टीम से, हमारे पास 40 खिलाड़ियों की एक टीम थी, जो केवल रविवार के साथ हर दिन सुबह से शाम तक लगातार काम कर रहे थे।’ श्रीवास्तव ने गुजरात के खिलाफ मध्य प्रदेश के टूर्नामेंट के सलामी बल्लेबाज के साथ-साथ पंडित के मार्गदर्शक को बढ़ाने का श्रेय दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी हम लड़खड़ा रहे थे या मैच में एक मुश्किल स्थिति थी, उनके विचार को पूरी टीम ने वास्तव में अच्छी तरह से स्वीकार किया और हम बस प्रक्रियाओं को सही तरीके से करते रहे।’ श्रीवास्तव ने टिप्पणी की कि वह चाहते थे कि पंडित ट्रॉफी जीतने के बाद थोड़ा और मुस्कुराएं।



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