MP Nursing College News: एमपी में नर्सिंग काउंसिल ने की बड़ी कार्रवाई, 92 कॉलेजों की मान्यता रद्द
भोपाल: एमपी नर्सिंग काउंसिल (mp nursing college news) ने तीन महीने के इंतजार के बाद एक बार फिर से 92 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। यह मान्यता शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए रद्द की गई है। इस सूची में भोपाल के आठ नर्सिंग कॉलेज है। इसमें एलएन, चिरायु, कस्तूरबा, कुशाभाऊ ठाकरे और आइसेक्ट आदि शामिल हैं। इंदौर में 16 और जबलपुर में सात नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है। इसके साथ ही रीवा, सतना, खंडवा, विदिशा, उज्जैन और सागर के कॉलेज हैं, जिनकी मान्यता एमपी नर्सिंग काउंसिल ने रद्द की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक काउंसलि ने 10 मई 2022 को एक ई-मेल के जरिए जानकारी मांगी थी। सभी नर्सिंग कॉलेज संचालकों को अपने संबंधित संस्थानों के आवश्यक दस्तावेज, भवनों, छात्रावासों, प्रयोगशालाओं और अन्य की तस्वीरें जमा करनी थी। निर्दश के तीन महीने बाद भी इन कॉलेजों ने नियमों का पालन नहीं किया है। एमपी नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए इन कॉलेजों की मान्यता एक साल के लिए रद्द कर दी है।
दरअसल, राज्य में चल रहे कथित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ एचसी में दायर एक जनहित याचिका के बाद नर्सिंग काउंसिल ने कार्रवाई की है। मामले की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने परिषद के सभी कॉलेजों का भौतिक सत्यापन और इनके बुनियादी ढांचे, कर्मचारियों और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। राज्य में करीब दो हजार नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हैं। महामारी के दौरान कई ऐसे कॉलेज आस्तित्व में आए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की सौंपी गई रिपोर्ट में यह बताया गया था कि कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनका किसी भी मेडिकल कॉलेज से संबंध नहीं है। ये कॉलेज छोटे-छोटे जगहों पर चल रहे थे। एमपी नर्सिंग काउंसलि पूर्व में भी 400 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर चुकी है।
इनमें से कुछ कॉलेज ऐसे थे, जहां दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा के छात्र प्रवेश ले रहे हैं। हाल ही में एनओसी को लेकर सैकड़ों छात्रों ने भोपाल परिषद कार्यालय में हंगामा किया था। छात्रों का आरोप है कि उन्हें अपने गृह राज्य में काम करना है लेकिन एनओसी नहीं मिल रही है। रजिस्ट्रार ने कहा कि जिन कॉलेजों में छात्र भर्ती हैं, वहां से सभी दस्तावेज नहीं भेजे गए हैं, इसलिए एनओसी देने में दिक्कत हो रही है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक काउंसलि ने 10 मई 2022 को एक ई-मेल के जरिए जानकारी मांगी थी। सभी नर्सिंग कॉलेज संचालकों को अपने संबंधित संस्थानों के आवश्यक दस्तावेज, भवनों, छात्रावासों, प्रयोगशालाओं और अन्य की तस्वीरें जमा करनी थी। निर्दश के तीन महीने बाद भी इन कॉलेजों ने नियमों का पालन नहीं किया है। एमपी नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए इन कॉलेजों की मान्यता एक साल के लिए रद्द कर दी है।
दरअसल, राज्य में चल रहे कथित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ एचसी में दायर एक जनहित याचिका के बाद नर्सिंग काउंसिल ने कार्रवाई की है। मामले की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने परिषद के सभी कॉलेजों का भौतिक सत्यापन और इनके बुनियादी ढांचे, कर्मचारियों और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। राज्य में करीब दो हजार नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हैं। महामारी के दौरान कई ऐसे कॉलेज आस्तित्व में आए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की सौंपी गई रिपोर्ट में यह बताया गया था कि कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनका किसी भी मेडिकल कॉलेज से संबंध नहीं है। ये कॉलेज छोटे-छोटे जगहों पर चल रहे थे। एमपी नर्सिंग काउंसलि पूर्व में भी 400 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर चुकी है।
इनमें से कुछ कॉलेज ऐसे थे, जहां दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा के छात्र प्रवेश ले रहे हैं। हाल ही में एनओसी को लेकर सैकड़ों छात्रों ने भोपाल परिषद कार्यालय में हंगामा किया था। छात्रों का आरोप है कि उन्हें अपने गृह राज्य में काम करना है लेकिन एनओसी नहीं मिल रही है। रजिस्ट्रार ने कहा कि जिन कॉलेजों में छात्र भर्ती हैं, वहां से सभी दस्तावेज नहीं भेजे गए हैं, इसलिए एनओसी देने में दिक्कत हो रही है।
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