MP Election News: विकास पर्व या मजाक! एक तरफ करोड़ों की सौगातें, दूसरी तरफ इस गांव में आजादी के बाद से बिजली ही नहीं h3>
MP Election News: प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विकास पर्व के जरिए अलग-अलग जिलों को करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों की सौगातें दे रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र का एक गांव ऐसा भी है, जहां आजादी के बाद से अब तक गांव के लोगों ने बिजली तक नहीं देखी। इस गांव में न तो सीसी रोड है और न ही इस गांव के लोगों को आज तक बुनियादी सुविधाएं मुहैया हो पाई हैं।
मानपुर विधानसभा मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर मानपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत चितराव आज भी बुनियादी सुविधाओं से मरहूम है। बिजली विभाग की टीम ने जब इस गांव का दौरा किया और कुछ ग्रामीणों से जब गांव की समस्याओं पर बात शुरू की तो धीरे-धीरे और लोग एकत्र हो गए। चर्चा के दौरान पता चला कि ग्राम पंचायत चितरांव के आदिवासी मोहल्ला में बिजली ही नहीं लगी है।
ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग सरकारी दस्तावेजों में यहां के नागरिक हैं और मतदान भी करते हैं। नेता यहां सिर्फ पांच वर्ष में एक बार चुनाव के समय आते हैं। उसके अलावा कोई अधिकारी कभी गांव नहीं आया। कहने को तो ये गांव मानपुर विधानसभा का हिस्सा है और मानपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार की विधायक और मध्यप्रदेश सरकार में दूसरी बार मंत्री बनी मीना सिंह इस बार तो जनजातीय विभाग की कैबिनेट मंत्री भी हैं।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि, ‘हमारे पास जमीन तो है नहीं, घर के नाम पर सिर्फ यही मड़ैया है। हम किसी तरह मजदूरी करके घर का खर्च चला रहे हैं। जिस दिन काम न मिले उस दिन बच्चे भूखे सोते हैं।’
गांव के ही मुकेश, विश्वनाथ, चतुराई एवं अन्य ग्रामीण कहते हैं कि हमारा गांव विकास से कोसों दूर है। गांव में बिजली सड़क व अन्य शासन द्वारा मिलने वाली कोई सुविधा ही नही है। गांव में बिजली न होने से लोगों के शादी विवाह में भी संकट उत्पन्न होने लगा है। यहां एक तरफ तो बाणसागर डैम लगा है, जबकि दूसरी तरफ बांधवगढ़ नेशनल पार्क है, जिससे आए दिन जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।
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आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग कई बार तहसीलदार, एसडीएम, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, कलेक्टर, मंत्री विधायक और शासन – प्रशासन से अपनी समस्याओं की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। हम करें तो करें क्या, इसलिए अब हमारे पास मौका आया है तो अब जब तक हमारे यहां बिजली और सड़क की सुविधा नही होगी तब तक हम किसी को वोट नही देंगे, नही तो हम लोगों का नाम इस देश और प्रदेश की मतदाता सूची से काट दिया जाए।
हाल ही में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री द्वारा लगभग 10 करोड़ रुपए मानपुर और पाली जनपद पंचायत क्षेत्र के अपने चहेते सरपंचों को दी गई है। जिम्मेदारों ने बस्ती विकास योजना के तहत विद्युतीकरण कार्य कराए जाने के लिए अपने चहेते ठेकेदार से 20 से 30 प्रतिशत कार्य करवा कर राशि निकलवा ली गई। वह भी उस जगह कार्य करवाया गया है, जहां जरूरत नही थी। जिसने आज तक बिजली देखी ही नही, वो आज भी बिजली के लिए तरस रहे हैं।
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रिपोर्ट: सुरेन्द्र त्रिपाठी
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MP Election News: प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विकास पर्व के जरिए अलग-अलग जिलों को करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों की सौगातें दे रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र का एक गांव ऐसा भी है, जहां आजादी के बाद से अब तक गांव के लोगों ने बिजली तक नहीं देखी। इस गांव में न तो सीसी रोड है और न ही इस गांव के लोगों को आज तक बुनियादी सुविधाएं मुहैया हो पाई हैं।
मानपुर विधानसभा मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर मानपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत चितराव आज भी बुनियादी सुविधाओं से मरहूम है। बिजली विभाग की टीम ने जब इस गांव का दौरा किया और कुछ ग्रामीणों से जब गांव की समस्याओं पर बात शुरू की तो धीरे-धीरे और लोग एकत्र हो गए। चर्चा के दौरान पता चला कि ग्राम पंचायत चितरांव के आदिवासी मोहल्ला में बिजली ही नहीं लगी है।
ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग सरकारी दस्तावेजों में यहां के नागरिक हैं और मतदान भी करते हैं। नेता यहां सिर्फ पांच वर्ष में एक बार चुनाव के समय आते हैं। उसके अलावा कोई अधिकारी कभी गांव नहीं आया। कहने को तो ये गांव मानपुर विधानसभा का हिस्सा है और मानपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार की विधायक और मध्यप्रदेश सरकार में दूसरी बार मंत्री बनी मीना सिंह इस बार तो जनजातीय विभाग की कैबिनेट मंत्री भी हैं।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि, ‘हमारे पास जमीन तो है नहीं, घर के नाम पर सिर्फ यही मड़ैया है। हम किसी तरह मजदूरी करके घर का खर्च चला रहे हैं। जिस दिन काम न मिले उस दिन बच्चे भूखे सोते हैं।’
गांव के ही मुकेश, विश्वनाथ, चतुराई एवं अन्य ग्रामीण कहते हैं कि हमारा गांव विकास से कोसों दूर है। गांव में बिजली सड़क व अन्य शासन द्वारा मिलने वाली कोई सुविधा ही नही है। गांव में बिजली न होने से लोगों के शादी विवाह में भी संकट उत्पन्न होने लगा है। यहां एक तरफ तो बाणसागर डैम लगा है, जबकि दूसरी तरफ बांधवगढ़ नेशनल पार्क है, जिससे आए दिन जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग कई बार तहसीलदार, एसडीएम, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, कलेक्टर, मंत्री विधायक और शासन – प्रशासन से अपनी समस्याओं की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। हम करें तो करें क्या, इसलिए अब हमारे पास मौका आया है तो अब जब तक हमारे यहां बिजली और सड़क की सुविधा नही होगी तब तक हम किसी को वोट नही देंगे, नही तो हम लोगों का नाम इस देश और प्रदेश की मतदाता सूची से काट दिया जाए।
हाल ही में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री द्वारा लगभग 10 करोड़ रुपए मानपुर और पाली जनपद पंचायत क्षेत्र के अपने चहेते सरपंचों को दी गई है। जिम्मेदारों ने बस्ती विकास योजना के तहत विद्युतीकरण कार्य कराए जाने के लिए अपने चहेते ठेकेदार से 20 से 30 प्रतिशत कार्य करवा कर राशि निकलवा ली गई। वह भी उस जगह कार्य करवाया गया है, जहां जरूरत नही थी। जिसने आज तक बिजली देखी ही नही, वो आज भी बिजली के लिए तरस रहे हैं।
रिपोर्ट: सुरेन्द्र त्रिपाठी