MP Education- निजी कॉलेज मांग रहे ई-प्रवेश में पोर्टल से दोगुनी फीस! इधर अतिथि शिक्षकों का बदल गया डाटा | Private colleges blacklisted and data is changing of guest faculty | Patrika News

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MP Education- निजी कॉलेज मांग रहे ई-प्रवेश में पोर्टल से दोगुनी फीस! इधर अतिथि शिक्षकों का बदल गया डाटा | Private colleges blacklisted and data is changing of guest faculty | Patrika News

माना जा रहा है कि छात्र-छात्राओं के ई-प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ निजी कॉलेज मनमानी पर उतर आए हैं। जिसकी शिकायत छात्र-छात्राओं ने उच्च शिक्षा विभाग को की है, शिकायत में कहा गया है कि पोर्टल पर जो फीस का ब्योरा है, उसे मानने के बजाय निजी कॉलेज उनसे दोगुनी फीस मांग रहे हैं।

मामला सामने आने के बाद एसीएस शैलेंद्र सिंह ने आयुक्त दीपक सिंह को निर्देश दिए हैं कि तय फीस से ज्यादा लेने संबंधी निजी कॉलेजों की शिकायत किसी भी जरिए आए, जांच करवाएं। और रिपोर्ट के आधार पर मान्यता खत्म करें साथ ही संचालन समिति को ब्लैक लिस्टेड कर दें। वहीं सामने आ रही शिकायतों को देखते हुए कॉलेजों को ई-प्रवेश में छात्र-छात्रा के चयन पर कितना शुल्क ऑनलाइन लेना है, इस संबंध में एक बार फिर पत्र जारी किया गया है।

विभाग ने जारी किए नंबर
अपर मुख्य सचिव शैलेंद्र सिंह ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कॉलेज छात्रों से ज्यादा शुल्क मांगता है, तो शिकायत मिलने पर जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर संंबंधित कॉलेज की मान्यता खत्म करते हुए, संचालन समिति को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। वहीं एसीएस के निर्देश पर छात्रों के लिए आयुक्त कार्यालय में प्रवेश नियंत्रक कक्ष के फोन नंबर फिर जारी किए गए हैं। इसके तहत छात्र 0755-2554572, 2551698 और 2554763 नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

इधर, पोर्टल में गड़बड़ी से अतिथियों के नए पंजीयन में ई-केवाएसी करते ही बदल रहा डाटा
वहीं एक अन्य मामले में राजगढ़ के विभिन्न स्कूलों में अतिथियों के रूप में शिक्षकों के कंधे से कंधा मिलाकर सेवाएं देने वाले अतिथि शिक्षकों के नवीन पंजीयन कराए जा रहे हैं।

लेकिन नए पंजीयन में जीएफएमएस के पोर्टल में सामने आ रही गड़बड़ी के कारण कई आवेदक परेशान हैं, क्योंकि जो जानकारी वह पोर्टल पर डाल रहे हैं, उस समय तो यह सही नजर आती है, लेकिन जैसे ही दोबारा संकुल के पोर्टल पर किसी जानकारी को सत्यापन के लिए खोला जाता है, तो जन्मतिथि आधार कार्ड सहित विभिन्न तरह की जानकारियां गलत आ रही है।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के माध्यम से इस बार गेस्ट फैकेल्टी पोर्टल में सुधार कराया गया है। जिसमें आवेदकों के आवेदन में ई-केवाईसी को भी शामिल कर दिया है। ऐसे में आवेदकों को समग्र आइडी के नंबर और आधार कार्ड के नंबर अपने आवेदन के साथ ही जमा करना है।

लंबे समय बाद आवेदकों को यह अवसर मिला है, ऐसे में वह चूकना भी नहीं चाहते। जैसे ही नवीन पंजीयन की शुरुआत हुई 2 दिन में ही बड़ी संख्या में लोगों ने अपने आवेदन किए, लेकिन 10 जून तक होने वाले इन आवेदनों में 2 दिन में जो आवेदन हुए हैं, उनमें कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।

किसी के आधार कार्ड 18 अंक के दिखाए जा रहे हैं, तो समग्र आइडी में भी खासा अंतर आ रहा है। यही नहीं कई आवेदकों के सरनेम भी बदलकर दिखाए जा रहे हैं। ऐसे में जब कोई भी आवेदक आवेदन करने के बाद संकुल में अपने आवेदन का सत्यापन कराने के लिए पहुंचता है तो ऑनलाइन कुछ और जानकारी नजर आ रही है और उनके दस्तावेजों में अलग जानकारी दर्ज है। यही कारण है कि आवेदनों का सत्यापन नहीं हो रहा।

दोबारा नहीं कर पा रहे
ऐसे आवेदक जिनके आवेदनों में गलती आ रही है यदि वह उसमें संशोधन या सुधार के लिए दोबारा पोर्टल पर जाते हैं और जैसे ही वह अपनी जानकारी साझा करते हैं तो उन्हें एक मैसेज मिलता है कि पहले से ही यह आवेदन दर्ज है। ऐसे में दोबारा वह व्यक्ति आवेदन भी नहीं कर पा रहा है। आवेदकों कहना है यह स्थिति उस समय निर्मित हो रही है जब ई-केवाईसी को इसमें शामिल किया गया है।

इसलिए बदली व्यवस्था
किसी भी अतिथि के आवेदन के साथ ही की ई-केवाईसी कराने के पीछे माध्यमिक शिक्षा मंडल का यही उद्देश्य है कि सारा डाटा एक बार यदि ठीक के ऑनलाइन हो जाता है तो अतिथियों की सीनियरिटी का पता लगाया जा सकता है। आने वाले दिनों में यदि कभी अतिथियों के लिए कोई सुविधा मिलती है, तो निश्चित रूप से यह पंजीयन बहुत काम आएगा।

अत्यधिक परेशान हैं
आवेदन में सभी जानकारियां सही डाली गई थी, लेकिन सत्यापन के दौरान जानकारियां अलग बताई जा रही हैं। जब हम दोबारा आवेदन करने जा रहे हैं तो समग्र आइडी पहले से डली होने के कारण आवेदन भी नहीं हो पा रहा है, इसलिए अत्यधिक परेशान हैं।
– कपिल अहिरवार, आवेदक, राजगढ़

सत्यापन कराने गए तो गलत निकली जानकारी
आवेदन किया था जिसमें आधार कार्ड से लेकर जन्मतिथि और समग्र आइडी सब सही डाली और जब उसका सत्यापन कराने के लिए गए तो सभी जानकारी गलत दर्शाई गई। जिससे सत्यापन भी नहीं हो पाया और दूसरा आवेदन भी पोर्टल नहीं ले रहा है।
– शाजीदा खान, आवेदक, खुजनेर

तकनीकी त्रुटी हो सकती है, समय पर सुधार करवाएंगे…
हो सकता कि कोई तकनीकी त्रुटि हो, यदि ऐसे कोई प्रकरण जानकारी में है तो उसके स्क्रीनशॉट या फिर जो परेशानी आ रही है वह साझा करें। ताकि भोपाल इसकी जानकारी भेजी जा सके। ताकि कुछ कमी हो तो समय पर इसका सुधार भी हो जाए।
– बीएस बिसोरिया, डीईओ, राजगढ़



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