MP Assembly Election 2023: जंगल में सीक्रेट मीटिंग, अगले दिन शॉपिंग… बीजेपी के रणनीतिकारों ‘गोल’ डिकोड

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MP Assembly Election 2023: जंगल में सीक्रेट मीटिंग, अगले दिन शॉपिंग… बीजेपी के रणनीतिकारों ‘गोल’ डिकोड

MP Assembly Election 2023: जंगल में सीक्रेट मीटिंग, अगले दिन शॉपिंग… बीजेपी के रणनीतिकारों ‘गोल’ डिकोड

भोपाल: एमपी विधानसभा चुनाव (mp assembly elections 2023) में एक साल का वक्त बचा है। बीजेपी अभी से तैयारियों में जुटी है। शनिवार को बीजेपी रातापानी जंगल में सीक्रेट मीटिंग की। इस मीटिंग से प्रदेश सरकार के ज्यादातर मंत्रियों को दूर रखा गया। नौ घंटे तक संगठन और सरकार में शामिल टॉप लोग मंथन करते रहे। मिशन 2023 की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2023 में कई बदलाव पर चर्चा हुआ है। इस सीक्रेट मीटिंग के अगले दिन बीजेपी के टॉप रणनीतिकार अगले कूल अंदाज में दिखे हैं। भोपाल के न्यू मार्केट स्थित खादी ग्रामोद्योग भवन में खादी की खरीदारी करते नजर आए हैं।

इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, श्रेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल और प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा। नेताओं का कूल अंदाज यह बता रहा था कि एमपी में बीजेपी में सब कुछ रणनीति के हिसाब से हो रहा है। रातापानी के जंगल में मिशन 2023 को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। कहा जा रहा है कि इसे लेकर सरकार और संगठन में कई अहम बदलाव हो सकते हैं। साथ ही कई बड़े चेहरों की एंट्री संगठन में हो सकती है।

रातपानी के जंगल में नौ घंटे तक हुए मंथन में निगम और मंडलों में भी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। चुनावी साल में बीजेपी हर मोर्चे पर कसावट चाहती है। वेटिंग पर पोस्टिंग के इंतजार में बैठे नेताओं को इनमें एडजस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा जाएगा। राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भी मीटिंग के दौरान मौजूद थे। उनके सामने प्रदेश के बड़े नेताओं ने अपना मिशन 2023 को लेकर अपने गोल बताया है।

दो महीने के अंदर दिखेगा बदलाव
वहीं, रातापानी के जंगलों में हुए मंथन के बाद यह साफ हो गया है कि संगठन और सरकार में बदलाव तय है। नवरात्रि के बाद से यह बदलाव दिखने भी लगेगा। अगले साल अक्टूबर में चुनावी बिगुल बज जाएगा। ऐसे में अब संगठन और सरकार के पास सोचने का वक्त कम है। केंद्रीय नेतृत्व ने अभी से एमपी पर जोर देना शुरू कर दिया है। तीन महीने के अंदर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एमपी का दौरा कर चुके हैं। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से श्री महाकाल लोक का शुभारंभ करने आ रहे हैं।

सक्रिय नेताओं को मिलेगा पद
इसके साथ ही पार्टी और संगठन के लिए हमेशा एक्टिव रहने वाले नेताओं को ही बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ताओं और नेताओं को ही निगम-मंडलों में जिम्मेदारी मिलेगी। साथ ही चर्चा यह भी है कि संगठन में कुछ प्रदेश के बड़े नेताओं की भी एंट्री हो सकती है। ये नेता अभी केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं।

विधायकों को नहीं मिले पद
बदलाव की आहट के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि बीजेपी के अनेकों योग्य कार्यकर्ता किसी कारण से विधायक नहीं बन पाते हैं। ऐसे में विधायकों को निगम-मंडलों में पद देना, उनके साथ अन्याय होगा। दरअसल, अजय विश्नोई हमेशा से मुखर रहे हैं। वह बीच-बीच में अपनी सरकार के खिलाफ ही आवाज उठाते रहे हैं।

बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती
दरअसल, एमपी में बीजेपी के लिए 2023 विधानसभा चुनाव ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता से दूर रह गई थी। इसके बाद महापौर चुनाव में भी पांच सीटें हार गई। बीजेपी इस चुनाव में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधते हुए आगे बढ़ने की कोशिश में जुटी है। ऐसे में चुनाव से पहले तमाम कमियों को दुरुस्त करने में जुटी है।

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