MP में इन लाेगाें पर लगेगी रासुका | Rasuka will be imposed on these people in MP | Patrika News
जानकाराें का भी मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक से न केवल मवेशियों की सेहत और पर्यावरण को नुकसान हाे रहा है, बल्कि नाले-नालियां तक जाम हो रहे हैं। इसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए कई स्तर पर काेशिशाें के बावजूद न ताे व्यापारी मान रहे हैं और न ही ग्राहक। अगर व्यापारी ग्राहकों को सिंगल यूज पालीथिन उपलब्ध कराना बंद कर दें, तो कुछ दिनों में ही ग्राहक अपनी आदत में बदलाव ला सकते हैं।
मुमकिन है कि इसके लिए व्यापारियों को कुछ दिनों तक कारोबार में मंदी झेलनी पड़े , लेकिन जैसे ही आमजन की दिनचर्या में घर से थैला या वैकल्पिक इंतजाम करके निकलना शामिल हो जाएगा, समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही आम जनता को भी पालीथिन का उपयोग बंद करना होगा। जब ग्राहक पालीथिन में सामान लेना बंद कर देंगे तो व्यापारी जबरदस्ती पालीथिन नहीं दें पाएंगे।
प्रशासन की ओर से अब साफ कर दिया है कि वे लंबे समय से व्यापारियों एव आमजन को समझा रहे है। अब तक इस पर अमल नहीं किए जाने के चलते अब व्यापारियों के विरुद्ध कार्रवाई का दौर भी शुरू हो चुका है। छोटे व्यापारियों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की जा रही है, जबकि पालीथिन का कारोबार करने वालों के यहां दबिश देकर उनका स्टाक नष्ट कराया जा रहा है। ऐसे में बड़े व्यापारियों के विरुद्ध बड़ा जुर्माना भी लगाया जा रहा है। िजसके चलते 11 बड़े कारोबारियों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है। जबकि 300 से ज्यादा छोटे व्यापारियों पर चालानी कार्रवाई हाे चुकी है।
ऐसे कर रहे कार्रवाई
नगर निगम की ओर से बताया जा रहा है कि लगातार बड़े स्टाकिस्टों और बाहर से आने वाली पालीथिन की जानकारी जुटाई जा रही है। जैसे ही कहीं से पुख्ता जानकारी मिलती है, प्रशासन की टीम तत्काल वहां दबिश देकर कार्रवाई कर रही है। इसी के चलते बीते महीने में दौरान करीब 90 टन पालीथिन का विनष्टीकरण हाे चुका है।
वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के के अधिकारियाें के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में कैरी बैग जहां भी पाए जा रहे है, संबंधितों के खिलाफ तत्काल प्रकरण बनाया जा रहा है।
व्यापारियाें की है यह मांग
किराना व्यवसाय से जुड़े व्यापारियाें का कहना है कि प्रशासन की बंदिश के बाद दुकानदारों ने प्लास्टिक थैले रखना बंद कर दिया था, लेकिन ग्राहक सामान लेने आते हैं, तो थैली मांगते हैं। नहीं देने पर ग्राहकी पर असर होता है। सब्जी बेचने वालाें का भी आराेप है कि सब्जी खरीदने के साथ ही ग्राहक थैली मांगते हैं। कार्रवाई के बारे में कहने के बावजूद ग्राहक पालीथिन मांगते हैं। वहीं कुछ लाेगाें का यहां तक कहना है कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाई है जबकि देश के कई अन्य राज्यों में नियम अलग है। गुजरात में 75 माइक्रोन वाली पालीथिन पर पाबंदी नहीं है। ऐसे में नियम की देशभर में एकरूपता होनी चाहिए। पालीथिन हर जगह प्रदूषण करतीं हैं अत: पाबंदी सभी जगह एक जैसी होनी चाहिए।
इस पूरे मामले पर कलेक्टर इलैयाराजा टी का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की लगातार समझाइश दी जा रही है। कार्रवाई भी हो रही है। अब और सख्ती की जाएगी। प्रतिबंधित पालीथिन का बिक्रय व उपयोग करते पाए जाने वालों पर अब सीधे एफाआइआर की जाएगी। इसके बाद भी नहीं मानेंगे तो बारंबार इस अवैध कारोबार में संलग्न लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
जानकाराें का भी मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक से न केवल मवेशियों की सेहत और पर्यावरण को नुकसान हाे रहा है, बल्कि नाले-नालियां तक जाम हो रहे हैं। इसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए कई स्तर पर काेशिशाें के बावजूद न ताे व्यापारी मान रहे हैं और न ही ग्राहक। अगर व्यापारी ग्राहकों को सिंगल यूज पालीथिन उपलब्ध कराना बंद कर दें, तो कुछ दिनों में ही ग्राहक अपनी आदत में बदलाव ला सकते हैं।
मुमकिन है कि इसके लिए व्यापारियों को कुछ दिनों तक कारोबार में मंदी झेलनी पड़े , लेकिन जैसे ही आमजन की दिनचर्या में घर से थैला या वैकल्पिक इंतजाम करके निकलना शामिल हो जाएगा, समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही आम जनता को भी पालीथिन का उपयोग बंद करना होगा। जब ग्राहक पालीथिन में सामान लेना बंद कर देंगे तो व्यापारी जबरदस्ती पालीथिन नहीं दें पाएंगे।
प्रशासन की ओर से अब साफ कर दिया है कि वे लंबे समय से व्यापारियों एव आमजन को समझा रहे है। अब तक इस पर अमल नहीं किए जाने के चलते अब व्यापारियों के विरुद्ध कार्रवाई का दौर भी शुरू हो चुका है। छोटे व्यापारियों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की जा रही है, जबकि पालीथिन का कारोबार करने वालों के यहां दबिश देकर उनका स्टाक नष्ट कराया जा रहा है। ऐसे में बड़े व्यापारियों के विरुद्ध बड़ा जुर्माना भी लगाया जा रहा है। िजसके चलते 11 बड़े कारोबारियों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है। जबकि 300 से ज्यादा छोटे व्यापारियों पर चालानी कार्रवाई हाे चुकी है।
ऐसे कर रहे कार्रवाई
नगर निगम की ओर से बताया जा रहा है कि लगातार बड़े स्टाकिस्टों और बाहर से आने वाली पालीथिन की जानकारी जुटाई जा रही है। जैसे ही कहीं से पुख्ता जानकारी मिलती है, प्रशासन की टीम तत्काल वहां दबिश देकर कार्रवाई कर रही है। इसी के चलते बीते महीने में दौरान करीब 90 टन पालीथिन का विनष्टीकरण हाे चुका है।
वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के के अधिकारियाें के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में कैरी बैग जहां भी पाए जा रहे है, संबंधितों के खिलाफ तत्काल प्रकरण बनाया जा रहा है।
व्यापारियाें की है यह मांग
किराना व्यवसाय से जुड़े व्यापारियाें का कहना है कि प्रशासन की बंदिश के बाद दुकानदारों ने प्लास्टिक थैले रखना बंद कर दिया था, लेकिन ग्राहक सामान लेने आते हैं, तो थैली मांगते हैं। नहीं देने पर ग्राहकी पर असर होता है। सब्जी बेचने वालाें का भी आराेप है कि सब्जी खरीदने के साथ ही ग्राहक थैली मांगते हैं। कार्रवाई के बारे में कहने के बावजूद ग्राहक पालीथिन मांगते हैं। वहीं कुछ लाेगाें का यहां तक कहना है कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाई है जबकि देश के कई अन्य राज्यों में नियम अलग है। गुजरात में 75 माइक्रोन वाली पालीथिन पर पाबंदी नहीं है। ऐसे में नियम की देशभर में एकरूपता होनी चाहिए। पालीथिन हर जगह प्रदूषण करतीं हैं अत: पाबंदी सभी जगह एक जैसी होनी चाहिए।
इस पूरे मामले पर कलेक्टर इलैयाराजा टी का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की लगातार समझाइश दी जा रही है। कार्रवाई भी हो रही है। अब और सख्ती की जाएगी। प्रतिबंधित पालीथिन का बिक्रय व उपयोग करते पाए जाने वालों पर अब सीधे एफाआइआर की जाएगी। इसके बाद भी नहीं मानेंगे तो बारंबार इस अवैध कारोबार में संलग्न लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।