MP: पंचायत चुनाव से पूर्व सरपंच ने की तीन शादियां, दो पत्नियों ने जीता चुनाव, तीसरी को नहीं लड़ाने का अफसोस

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MP: पंचायत चुनाव से पूर्व सरपंच ने की तीन शादियां, दो पत्नियों ने जीता चुनाव, तीसरी को नहीं लड़ाने का अफसोस

MP: पंचायत चुनाव से पूर्व सरपंच ने की तीन शादियां, दो पत्नियों ने जीता चुनाव, तीसरी को नहीं लड़ाने का अफसोस

अलीराजपुर: मध्य प्रदेश (madhya pradesh gram panchayat election result 2022) के अलीराजपुर जिले में एक पूर्व सरपंच की दो पत्नियों ने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की है। इसके बाद पूर्व सरपंच ने अपनी विजयी पत्नियों के साथ अपने गांव में घर-घर जाकर मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया। पूर्व सरपंच के दोस्तों ने मीडिया को बताया कि वास्तव में 35 वर्षीय समरथ मोरया चाहता था कि उसकी तीसरी पत्नी भी चुनाव लड़े, लेकिन इस कारण उसकी तीसरी पत्नी को शिक्षा विभाग में चपरासी की नौकरी छोड़नी पड़ती।


प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 400 किलोमीटर दूर और जिला मुख्यालय अलीराजपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर नानपुर गांव में रहने वाला समरथ इस साल 30 अप्रैल को चर्चा में तब आया था, जब उसने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सकरी (25), मेला (28) और नानी बाई (30) से औपचारिक तौर पर विवाह किया था। उन्होंने कहा था कि यहां के लोग मुझे और मेरी पत्नियों से प्यार करते हैं।

समरमथ मोरया ने कहा कि लोगों ने अपना आशीर्वाद हमें दिया है। मैं अपनी तीन पत्नियों के साथ एक छोटे से कमरे में पूरे समन्वय के साथ रहता हूं और हम सभी समारोहों में एक साथ शामिल होते हैं। इन विवाह से समरथ के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।

तीसरी पत्नी शिक्षा विभाग में चपरासी
उन्होंने कहा कि मैंने 2003 में नानी बाई (शिक्षा विभाग में चपरासी), 2008 में मेला और 2017 में सकरी से विवाह किया। इस साल 30 अप्रैल को नानपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में औपचारिक तौर पर भी विवाह किया। समरथ के मित्र जितेंद्र वाणी ने पीटीआई को बताया कि बहु विवाह करने वाला उसका मित्र इतना खुश है कि चुनाव नतीजे आने के बाद से वह पूरे दिन पार्टियां कर रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार और स्थानीय आदिवासी संस्कृति के विशेषज्ञ चंद्रभान सिंह भदौरिया ने कहा कि भिलाला जैसी जनजातियों के बीच बहुविवाह की मनाही नहीं है और समरथ, भिलाला जनजाति से संबंधित है। अलीराजपुर के निवासी भदौरिया ने कहा कि उनकी शादियां हिंदू विवाह अधिनियम द्वारा शासित नहीं हैं।

15 साल के रिलेशन के बाद की थी शादी
समरथ मोरया ने पिछले दिनों बताया था कि वो 15 साल से रिलेशन में हैं। इसके बाद अब शादी कर रहे हैं। पहले वो काफी गरीबी में थे, जिसके चलते शादी नहीं कर सके। अब स्थिति संभलने के बाद शादी का फैसला लिया। समरथ मौर्य नानपुर इलाके के पूर्व सरपंच भी रह चुके हैं। शादी के बाद तीनों दुल्हन और दूल्हे को मांगलिक कार्य में शामिल होने की अनुमति होगी। गौरतलब है कि आदिवासी समाज में ऐसी कई मान्यताएं हैं, जिन्हें कानूनी रूप से मंजूरी मिली हुई है।

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