MP के हनुमान मंदिर से रौशन हो रही यूपी की मस्जिद, कभी देखा है ऐसा नजारा

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MP के हनुमान मंदिर से रौशन हो रही यूपी की मस्जिद, कभी देखा है ऐसा नजारा

MP के हनुमान मंदिर से रौशन हो रही यूपी की मस्जिद, कभी देखा है ऐसा नजारा


छतरपुर: एमपी के छतरपुर जिले में हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनोखा मामला देखने को मिला है। गंगा जमुनी तहजीब की एक ऐसी मिशाल है जो अपने आप में अनोखी है। जिले के नौगांव में एक ऐसा हनुमान मंदिर है जो सालों से एक मस्जिद को रोशन किए हुए है। दरअसल, नौगांव नगर से लगभग दो किलोमीटर दूर धौर्रा सरकार नाम का एक हनुमान मंदिर है। धौर्रा का आधा हिस्सा मध्यप्रदेश में है और आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। एमपी के हिस्से में बने इस इसी मंदिर को लेकर लोगों की बड़ी आस्था है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर पर एक पहाड़ पर एक मजार (पीर बाबा) और मस्जिद बनी हुई है। जो यूपी में आती है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है यह एमपी का हिस्सा है।

लाइट की नहीं थी व्यवस्था

इस मस्जिद पर पिछले तीन सालों से लाइट की व्यवस्था नहीं थी। यहां नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को लाइट नहीं होने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इस मजार के खिदमतगार मुहम्मद सलामत बताते हैं कि पिछले कई सालों से पहाड़ की मस्जिद पर लाइट नहीं थी। जिसको लेकर नमाजी और मैं काफी परेशान रहते थे। एक दिन हनुमान मंदिर के पुजारी और कई हिन्दू संगठन से जुड़े भाइयों ने फैसला किया की वो हनुमान मंदिर से मस्जिद से को लाइट देंगे।

तीन सालों तक मंदिर से रोशन रही मस्जिद

 तीन सालों तक मंदिर से रोशन रही मस्जिद

मुहम्मद सलामत बताते हैं कि हनुमान मंदिर से मस्जिद के लिए लाइट का फैसला हिन्दू पक्ष की तरफ से लिया गया। इस फैसले के बाद हिन्दू पक्ष के लोगों ने मस्जिद के लिए लाइट की व्यवस्था की। मंदिर से तीन साल तक बिना किसी रूकावट के के लाइट दी गई। तीन सालों में कभी भी कोई शिकायत नहीं रही। मंदिर प्रबंधन के लोग समय पर लाइट चालू कर देते थे। लाइट चालू करने के लिए कभी कहना भी नहीं पड़ता था।

सभी के धर्म एक जैसे इसलिए दी लाइट

सभी के धर्म एक जैसे इसलिए दी लाइट

हनुमान मंदिर के पुजारी लखन दुबे ने बताया कि मंदिर के पास की पहाड़ी पर एक मजार और मस्जिद है। जहां लाइट नहीं थी शाम होते ही वहां अंधेरा हो जाता था। इस कारण से हम सब ने मिलकर वहां लाइट का प्रबंध करा दिया क्योंकि वहां आसपास लाइट का कोई साधन नहीं था। उन्होंने कहा कि हमारा धर्म यही सीख देता है कि सभी धर्मों का सम्मान करो।

कुछ महीनों से बंद है पहाड़ वाली मस्जिद में नमाज

कुछ महीनों से बंद है पहाड़ वाली मस्जिद में नमाज

खिदमदगार मुहम्मद सलामत बताते है कि पिछले कुछ महीनों से मस्जिद में नमाज नहीं हो रही है। क्योंकि एक दिन मिलिट्री के एक अधिकारी ने हमें बुलाया और कहा कि पहाड़ का यह एरिया मिलिट्री के फायरिंग रेंज में आता है। इसलिए आप लोग यहां नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। पिछले कुछ महीनों से वहां आर्मी कैंप के लोग फायरिंग की प्रैक्टिस करते हैं। जिस कारण से नमाज नहीं हो रही है।

पुजारी और खिदमतगार दोनों है दुःखी

पुजारी और खिदमतगार दोनों है दुःखी

मंदिर के पुजारी लखन दुबे का कहना है की अब वहां मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा नहीं कर पा रहे हैं। हमे इस बात का दुख है। आर्मी कैंप के लोग उन्हें इजाजत देंगे तो फिर सब पहले जैसा हो सकता है। वहीं, खिदमतगार मुहम्मद सलामत भी इस बात से दुखी हैं कि वहां पर अब वह मजार और मस्जिद की सेवा नहीं कर पा रहे हैं।

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