MP : अंग्रेजी से ही समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने की सोच बदलना होगी | The thinking of getting prestige from English has to be changed | Patrika News
मुख्यमंत्री ने शनिवार को भारत भवन के अंतरंग सभागार में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित “हिन्दी की व्यापकता एक विमर्श” कार्यक्रम में यह बात कही। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल महापौर मालती राय, हिन्दी सेवी एवं पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, कैलाश चंद्र पंत, वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव, राजेन्द्र शर्मा, विजयदत्त श्रीधर, रमेश शर्मा, रवीन्द्रनाथ टेगौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे, पूर्व महापौर आलोक शर्मा और सुमित पचौरी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के साथ एक नया युग शुरू हो रहा है। यह एक सामाजिक क्रांति है। गरीब परिवार का बेटा भी मेडिकल की पढ़ाई के बारे में सोच सकेगा। प्रदेश में मातृ-भाषा हिन्दी में अध्ययन और अध्यापन को प्रोत्साहित करने और हिन्दी के लिए गर्व की अनुभूति उत्पन्न कराने के उद्देश्य से पिछले कई वर्षों से गतिविधियाँ जारी हैं। हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना, प्रदेश के विभिन्न अंचलों के निवासियों को भावनात्मक रूप से बांधने के लिए मध्यप्रदेश गीत को कार्यक्रम और उत्सव का भाग बनाने की पहल, पाणिनी संस्कृत विद्यालय की स्थापना और भोपाल में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया।
मातृ भाषा में होगा पढ़ाई का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सभी विदेश यात्राओं में अपनी मातृ-भाषा हिन्दी में ही संबोधन दिए हैं, सभी जगह हिन्दी को सम्मान से सुना जाता है। राज्य सरकार द्वारा मातृ-भाषा हिन्दी में पढ़ाई का विस्तार इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग और पैरामेडिकल में भी किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री चौहान द्वारा सौंपे गए दायित्व के निर्वहन में शासकीय मेडिकल कॉलेज के 97 चिकित्सक की टीम ने 4 माह के परिश्रम से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकें विकसित की।
किसने क्या कहा
हिन्दी सेवी कैलाश चंद्र पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में हिन्दी में शिक्षा आरंभ हुई। यह पहल अंग्रेजी भाषा की मानसिक गुलामी से मुक्ति की दिशा में उठाया गया प्रभावी कदम सिद्ध होगी। वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि इस पहल से यह भ्रम दूर होगा कि तकनीकी विषयों की शिक्षा हिन्दी में नहीं हो सकती। वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के युवाओं को अंग्रेजी के भय से मुक्त किया है। रवीन्द्रनाथ टेगौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कृषि के अध्ययन के लिए हिन्दी में पुस्तकें विकसित करने की आवश्यकता बताई। मानस भवन के कार्यकारी अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा कि हिन्दी के सरल शब्दों के उपयोग से भाषा की लोकप्रियता बढ़ेगी। पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव में हुई इस पहल के लिए मुख्यमंत्री चौहान को शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को भारत भवन के अंतरंग सभागार में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित “हिन्दी की व्यापकता एक विमर्श” कार्यक्रम में यह बात कही। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल महापौर मालती राय, हिन्दी सेवी एवं पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, कैलाश चंद्र पंत, वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव, राजेन्द्र शर्मा, विजयदत्त श्रीधर, रमेश शर्मा, रवीन्द्रनाथ टेगौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे, पूर्व महापौर आलोक शर्मा और सुमित पचौरी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के साथ एक नया युग शुरू हो रहा है। यह एक सामाजिक क्रांति है। गरीब परिवार का बेटा भी मेडिकल की पढ़ाई के बारे में सोच सकेगा। प्रदेश में मातृ-भाषा हिन्दी में अध्ययन और अध्यापन को प्रोत्साहित करने और हिन्दी के लिए गर्व की अनुभूति उत्पन्न कराने के उद्देश्य से पिछले कई वर्षों से गतिविधियाँ जारी हैं। हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना, प्रदेश के विभिन्न अंचलों के निवासियों को भावनात्मक रूप से बांधने के लिए मध्यप्रदेश गीत को कार्यक्रम और उत्सव का भाग बनाने की पहल, पाणिनी संस्कृत विद्यालय की स्थापना और भोपाल में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया।
मातृ भाषा में होगा पढ़ाई का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सभी विदेश यात्राओं में अपनी मातृ-भाषा हिन्दी में ही संबोधन दिए हैं, सभी जगह हिन्दी को सम्मान से सुना जाता है। राज्य सरकार द्वारा मातृ-भाषा हिन्दी में पढ़ाई का विस्तार इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग और पैरामेडिकल में भी किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री चौहान द्वारा सौंपे गए दायित्व के निर्वहन में शासकीय मेडिकल कॉलेज के 97 चिकित्सक की टीम ने 4 माह के परिश्रम से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकें विकसित की।
किसने क्या कहा
हिन्दी सेवी कैलाश चंद्र पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में हिन्दी में शिक्षा आरंभ हुई। यह पहल अंग्रेजी भाषा की मानसिक गुलामी से मुक्ति की दिशा में उठाया गया प्रभावी कदम सिद्ध होगी। वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि इस पहल से यह भ्रम दूर होगा कि तकनीकी विषयों की शिक्षा हिन्दी में नहीं हो सकती। वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के युवाओं को अंग्रेजी के भय से मुक्त किया है। रवीन्द्रनाथ टेगौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कृषि के अध्ययन के लिए हिन्दी में पुस्तकें विकसित करने की आवश्यकता बताई। मानस भवन के कार्यकारी अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा कि हिन्दी के सरल शब्दों के उपयोग से भाषा की लोकप्रियता बढ़ेगी। पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव में हुई इस पहल के लिए मुख्यमंत्री चौहान को शुभकामनाएं दी।