नवजात बेटे को छूते ही कोमा से बाहर मां जानिए क्या है पूरा मामला

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ब्राजील / फोर्टालेजा. यहां एक महिला अमांडा द सिल्वा (28) के कोमा में रहने के दौरान ही उसका सीजेरियन ऑपरेशन करना पड़ा। उसका 37 हफ्ते का गर्भ था, अमांडा को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। किसी कारन उसकी पति से बहस हो गई, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और वो कोमा में चली गई | अमांडा को दो हफ्ते बाद उस वक्त होश आया, जब उसने नवजात बच्चे को छुआ।

आनन-फानन में किया गया ऑपरेशन :- अमांडा जिस के पहले से ही 3 बच्चे थे। कोमा में जाने के बाद डॉक्टरों के सामने गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने की चिंता थी। आनन-फानन में अमांडा का ऑपरेशन किया गया। जन्म के समय बच्चे का वजन 2.1 किलो था, जिस वजह से उसे भी डॉक्टर के देखरेख में रखा गया।
छाती पर बच्चा रखा तो अमांडा रो पड़ी :- बच्चे के जन्म के दो हफ्ते बीत जाने पर भी अमांडा कोमा में थी। वह न ही चल पा रही थी और न ही किसी से कुछ बोल पाने की स्थिति में थी। अस्पताल की एक नर्स ‘फेबियोला’ ने सुझाव दिया कि बेटे को अमांडा की छाती पर रख दिया जाए। जैसे ही ऐसा किया गया, अमांडा की दिल की धड़कनें बढ़ गईं। उसने बच्चे को हाथों से छुआ और रो पड़ी।इसके बाद करीब 23 दिन लगे अमांडा की स्थिति में सुधार आने में और फिर वह घर जा पाई।

 

mother gave birth in coma woke 23 days after when touched her son 1 news4social -

कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं है अमांडा के ठीक होने का :- नर्स फेबियोला का कहना है कि बच्चे को छाती पर रखते अमांडा के शरीर में हलचल कैसे आ गई, इस बात को कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लेकिन जो हुआ, उससे यह तो कहा जा सकता है कि मां और बच्चे का आपस में स्पर्श काफी अहमियत रखता है।
अमांडा के मुताबिक- मेरे बेटे का जन्म कैसे हुआ, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। लेकिन जब उसे मेरी छाती पर रखा गया, मुझे उसकी खुशबू आई। यह सब चमत्कारिक था।
अमांडा ने यह भी बताया कि मैं कोमा से तुरंत बाहर ही आई थी। थोड़ी समंजस में भी थी। मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या यह बच्चा मेरा है? फिर मैंने पेट पर हाथ रखा। मुझे महसूस हुआ कि मेरी डिलिवरी हो चुकी है।