Mohania Tunnel : MP की सबसे बड़ी सुरंग बनकर तैयार, अब 7 KM कम हो जाएगी सीधी से रीवा की दूरी

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Mohania Tunnel : MP की सबसे बड़ी सुरंग बनकर तैयार, अब 7 KM कम हो जाएगी सीधी से रीवा की दूरी

Mohania Tunnel : MP की सबसे बड़ी सुरंग बनकर तैयार, अब 7 KM कम हो जाएगी सीधी से रीवा की दूरी

रीवा : सीधी-रीवा की आम जनता को जल्द ही मोहनिया घाटी में सुरंग की सौगात मिलेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 में सीधी-रीवा सीमा पर निर्माणाधीन मोहनिया टनल का निर्माण कार्य अगस्त महीने के पहले सप्ताह में पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य के साथ ही फिनशिंग का कार्य भी पूर्ण होने के बाद टनल के लोकार्पण का कार्यक्रम तय करने की तैयारियां तेज हो गई हैं। लोकार्पण के बाद लोगों को बड़ी टनल की सौगात मिल जाएगी।

दरअसल, टनल का निर्माण कार्य तीन महीने पहले ही पूरा हो चुका था, लेकिन फिनशिंग और सीसीटीवी कैमरा लगाने सहित छोटे कार्य ही बचे हुए थे। जिसको भी अब पूर्ण कर लिया गया है। इस टनल के शुरू हो जाने के बाद सीधी से रीवा की दूरी 7 किमी कम हो जाएगी। इसके अलावा वाहनों को मोहनिया घाटी के घुमावदार मोड़ और चढ़ाई से भी राहत मिलेगी। वाहनों के लिए घाटी से गुजरते हुए अभी 30 मिनट का समय लगता है। टनल से 5 मिनट में ही मोहनिया पहाड़ की दूरी तय हो जाएगी। अभी सीधी से रीवा की दूरी 82 किमी है, लेकिन टनल के शुरू जाने के बाद यह दूरी 75 किमी हो जाएगी। बता दें कि सीधी-रीवा टू-लेन सड़क प्रोजेक्ट में मोहनिया टनल के पूर्ण होने का समय मार्च 2023 निर्धारित था, लेकिन निर्माण एजेंसी ने तय समय से 8 महीने पहले ही इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

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फिनिशिंग का कार्य भी पूरा
बताया जा रहा है कि टनल निर्माण के बाद फिनिशिंग का कार्य काफी तेजी के साथ पूर्ण किया गया। टनल के अंदर सीसीटीवी कैमरे, पंखे और फायर-कंट्रोल सिस्टम लगाए गए हैं। साथ ही टनल के अंदर अत्याधुनिक लाइटिंग भी लगाई गई है। इन सभी कार्यों में ढाई से तीन महीने का समय लगा। टनल के दोनों ओर एप्रोच रोड का निर्माण तीन महीने पहले ही पूरा कर लिया गया था। मोहनिया टनल प्रोजेक्ट का कार्य अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में पूरी तरह से पूर्ण कर लिया गया। निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में पूर्ण करने के लिए नोडल एजेंसी एनएचएआई नियमित रूप से निर्माणाधीन टनल की मानीटरिंग कर रही थी।

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10 किमी की नाली का भी निर्माण
मोहनिया टनल में लगभग 10 किमी की नाली का निर्माण किया गया है। यह नाली फाइन लेग कंक्रीट से बनी है। दरअसल, बारिश के दौरान सीपेज से टनल के अंदर पानी न भरे इसके लिए टनल की लम्बाई के अनुसार दोनों ओर नाली का निर्माण किया गया है। फाइनलेग कंक्रीट में सीमेंट और गिट्टी का उपयोग किया गया है। रेत इसमें नहीं मिलाई गई है। जिससे नाली का पानी छनकर नाली से आएगा फिर इस पानी को एक बड़े से गड्ढे में ले जाकर उसका शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके बाद गड्ढे से पानी को छोड़ दिया जाएगा। जिससे जमीन का जल स्तर बना रहे।

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1 हजार 4 करोड़ से बनकर तैयार हुआ टनल
मोहनिया टनल प्रोजेक्ट की लागत 1 हजार 4 करोड़ है। यहां थ्री-थ्री लेन की दो टनल हैं, एक टनल की चौड़ाई साढ़े 13 मीटर है। मसलन एक टनल में एक तरफ से तीन वाहन एक साथ गुजर सकते हैं। दोनों टनल के बीच तीन स्थानों पर इंटर पासिंग की व्यवस्था की गई है। जिससे टनल के अंदर जाने के बाद वाहन बीच से वापस लौट सकें। दोनों टनल की लम्बाई 2.29 मीटर है। टनल के बाद सीधी की ओर से 12.5 मीटर और रीवा की तरफ 500 मीटर की एप्रोच रोड है। टनल को पूरी तरह से आधुनिक विधि से निर्मित कराया गया है। जिससे टनल बहु उपयोगी बन चुकी है।

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी मोहनिया सुरंग
मोहनिया सुरंग पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र साबित होगी। म.प्र. की मोहनिया पहली बड़ी टनल है। इस वजह से शासन द्वारा इसको बहु उपयोगी बनाने के लिए खास इंतजाम करने का निर्णय लिया था। टनल की कई खास विशेषताएं हैं। जिसमें टनल के ऊपर से वाहनों के साथ ही नहर एवं रेल लाइन भी गुजरेगी। मोहनिया टनल के अंदर आकर्षक लाइट्स समेत अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी, जिससे इसका लुत्फ पर्यटक भी ले सकें। मोहनिया टनल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की प्राथमिकता है। मोहनिया टनल का निर्माण कार्य कोरोना काल के दौरान दो वर्षों तक काफी बाधित रहा है फिर भी कोरोना का कहर थमने के बाद से ही निर्माण एजेंसी द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया गया। जिसके चलते यह निर्धारित समय से आठ महीने पहले ही पूर्ण रूप से तैयार हो गई। मोहनिया टनल की विशेषताओं के चलते लोगों को काफी बेसब्री से इसके पूर्ण होने का इंतजार था।

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