मोदी के होमवर्क की नही कोई औकात, मंत्रियों ने नही मानी पीएम की बात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,अपने मंत्रियों को हमेशा कोई ना कोई कार्य देते ही रहते है l और उस कार्य को  करने के लिए एक मंत्रियों को एक निर्धारित अवधि दी जाती है l निश्चित अवधि के उपरान्त प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों से अपने दिए हुए कार्य की रिपोर्ट मांगते है l मोदी की इस कार्यशैली को देखते हुए ये कहना गलत नही होगा कि वह एक टास्क मास्टर है l
दरअसल बुधवार को एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान जब पीएम मोदी ने अपने दिए हुए एक कार्य के बारे में पूछा तो सभी मंत्रियों को प्रधानमंत्री के सामने शर्मिन्दा होना पड़ा l उन्होने मंत्रियों की एक टीम को निर्देश दिया कि वे बीजेपी सांसदों की गतिविधियों की एक रिपोर्ट उनके पास दाखिल करे l

मोदी ने अपने मंत्रियों को दिया एक टास्क

आपको बतका दें कि ,2019 आम चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए मोदी ने कुछ वक़्त पहले पार्टी के नेताओं को एक अहम निर्देश दिया था l आपको बता दें कि दलित समुदाय बीजेपी से ज़्यादातर नाराज़ रहती है ,दलित समुदाय कि इस नाराज़गी को  बीजेपी से दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा था कि वे दलित बहुल इलाकों में जाएँ और वहां रात गुज़ारे l हालांकि, ऐसा लगता नहीं कि बीजेपी नेताओं पर इस बात का कोई असर पड़ा है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में जब मोदी ने पूछा कितने मंत्रियों ने दलितों के गांव में वक्त गुजारा तो वहां मौजूद कई मंत्रियों को शर्मिंदा होना पड़ा।

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एक मंत्री को छोड़कर किसी ने नही किया कार्य पूरा

सूत्रों ने बताया की इकलौते राधा मोहन सिंह ही ऐसे मंत्री थे, जिन्होंने इस निर्देश का पालन किया। बाकी मंत्रियों ने मोदी को भरोसा दिलाया कि वह ग्राम स्वराज अभियान से पहले दलित गांवों में जाने का काम पूरा कर लेंगे।
आपको बता दें स्वच्छ भारत अभियान के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल से ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। बता दें की यह अभियान 5 मई तक चलेगा। मोदी ने मंत्रियों की एक टीम को निर्देश दिया है कि वे अभियान के दौरान बीजेपी सांसदों की गतिविधियों की एक रिपोर्ट उनके पास दाखिल करे l दरअसल मोदी की इस कवायद का मकसद दलित समुदाय के बीच उनकी कमज़ोर पड़ रही पकड़ को मज़बूत करने का है l हाल ही में एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों में हुए बदलाव को लेकर कई आंदोलन हुए l पार्टी के अंदर ही कई दलित सांसदों की नाराजगी के बाद पीएम मोदी सतर्क हो गए है l बीजेपी भले ही कांग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगा रहीं हों, लेकिन असलियत तो यही है कि वे दलितों के कथित गुस्से को लेकर डैमेज कंट्रोल में जुट गये है l

ग्राम स्वराज अभियान की  हो चुकी है शुरुवात

कुछ समय पहले ही कैबिनेट की एक बैठक के दौरान पीएम ने पार्टी के सभी सांसदों एवम मंत्रियों को ,दलितों की बहुल आबादी वाले गाँव में जाकर सरकार की जन कल्याण योजनाओं की जानकारी देने को कहा था l मोदी का लक्ष्य है कि बीजेपी सांसद एवं मंत्री , 14 अप्रैल से 5 मई के बीच तकरीबन 21 हज़ार ऐसे गाँवों में रात गुजारेंगे जहां दलित समुदाय की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है l

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मोदी का अभियान कितना सफल होता है l