नई दिल्ली: मोदी सरकार कई ऐसे अहम फैसले लेती है जिसका फायदा आम जनता को कभी सही साबित होता है तो कभी गलत. अब मोदी सरकार बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने के लिए एक बड़ा कदम जल्द से जल्द उठा सकती है. अब इस फैसले से क्या आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा या फिर नहीं.
जानकारी के अनुसार, सरकार एक मेगा मर्जर के प्लान पर काम कर रहीं है. जिसका मुख्य उद्देश्य चार सरकारी बैंकों को मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाने की तैयारी से है. इन चार बैंकों IDBI, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) है. इनको बंद करके जल्द ही एक बड़ा बैंक बनाने को जोर दिया जा रहा है. अगर यह प्रस्ताव जल्द पूरा हुआ तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बाद यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. नए बैंक के पास 16.58 लाख करोड़ रुपए की एसेट होगी.
चारों बैंक घाटे पर चल रहें है
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018 के आकंड़ों के अनुसार इस बार यहां चारों बैंक लगभग 21646 हजार करोड़ रुपए के नुकसान में रहें है. जिसकी वजह से सरकार इन चारों को एक साथ मिलाकर एक नया बैंक बनाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, ऐसा करने से बैंकों की हालत को काफी सही तरीके से सुधार जा सकता है. जिसके तहत इनकी वित्तीय हालत को भी सुधार जा सकता है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद देश का नया बैंक बनेगा दूसरा सबसे बड़ा बैंक
इन चारों बैंकों की 16.58 करोड़ रुपए की एसेट मिलेगी. इतनी बड़ी एसेट के साथ नया बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अन्य और बैंक को मर्जर किया गया था, ठीक उसी तरह इस प्रक्रिया को भी पूरा किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके सहयोगी बैंकों का मर्जर किया गया था, वैसे ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.
मेगा मर्जर प्लान से क्या फायदा
इस मेगा प्लान से इन चार सरकारी बैंकों की स्थिति को सुधार जाएगा. जो बैंक ज्यादा कमजोर है उसे अपनी एसेट बेचने में मदद मिलेगी. जो बैंक की ब्रांच घाटे पर है उसे आसानी से बंद कर सकेंगे. बैंकों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च कम किया जाएगा.