मनु शर्मा की रिहाई पर ये बोली जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल, यहाँ पढ़ें पूरी खबर

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19 साल पहले 29 अप्रैल 1999 की रात थी जब दक्षिणी दिल्ली में टैमेरिंड कोर्ट नाम के एक रेस्त्रां में मॉडल जेसिका लाल (34) की हत्या कर दी गयी थी. उस वक़्त जेसिका बार टेंडर का काम कर रही थी. जेसिका की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने बार काउंटर बंद हो जाने के बाद शराब परोसने से मना कर दिया था. शराब की मांग करने वाला शख्स उस वक़्त के कांग्रेस के पावरफुल नेता विनोद शर्मा (बाद में कांग्रेस छोड़ दिया) का बेटा मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ था.

मनु को जेसिका की ना का मतलब समझ नही आया और वो शराब परोसने की ज़िद पर अड़ गया था. लेकिन जेसिका ने बार का समय समाप्त होने की वजह से शराब परोसने से मना कर दिया था. मनु शर्मा ने पहले जेसिका को डराने के लिए एक फायर किया, लेकिन जेसिका ने तब भी शराब देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनु ने सीधे जेसिका के सिर में गोली मार दी. मॉडल जेसिका लाल की हत्या के वक़्त उस रेस्त्रां की मालिक और डिज़ायनर बिना रमानी की प्राइवेट पार्टी चल रही थी.

उस वक़्त ये मामला हर तरफ चर्चा का केंद्र बन गया था. यहाँ तक कि हत्यारे मनु शर्मा के पिता विनोद शर्मा को तब चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ गया था.

राजनीतिक लोगों के इन्वोल्वेमेंट की वजह से जेसिका की बड़ी बहन सबरीना लाल को इन्साफ की लम्बी लड़ाई लडनी पड़ी थी और आखिरकार उन्होंने मनु शर्मा को कड़ी सज़ा दिलवायी. लेकिन अब हादसे के बीस साल बाद सबरीना का गुस्सा ठंडा हो गया है. सबरीना लाल ने कहा है कि उन्होंने हत्यारे मनु शर्मा को माफ कर दिया है. उन्होंने तिहाड़ जेल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें मनु शर्मा के जेल से छोड़े जाने पर कोई दिक्कत नहीं है.

अब भर गए हैं ज़ख्म

पिछले महीने सेंट्रल जेल नं.2 के वेलफेयर ऑफिसर के पत्र का जवाब देते हुए सबरीना ने लिखा है, चूंकि उसने 15 साल की सज़ा काट ली है, इसलिए मुझे उसके जेल से छोड़े जाने पर कोई ऐतराज़ नहीं है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सबरीना ने कहा है कि मैं इसे भूलकर आगे बढ़ रही हूं. मैं अपनी ज़िंदगी पर काम करना चाहती हूं. मैं और कोई गुस्सा या दुख नहीं रखना चाहती. मुझे नहीं लगता कि अब और कुछ करना चाहिए. मनु जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहा है. जेसिका की बड़ी बहन ने लिखा कि उन्हें बताया गया है कि मनु बीते वक्त में चैरिटी और कैदियों की मदद के लिए जेल में अच्छा काम कर रहा है और उन्हें लगता है कि ये बदलाव की तस्वीर है.

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गुड़गांव में रहने वाली सबरीना ने विक्टिम वेलफेयर फंड से आर्थिक सहायता लेने से इनकार कर दिया और कहा कि ये उन्हें दिया जाए जिन्हें इसकी अधिक ज़रूरत है.

अच्छे काम, अनुशासन और आचरण

मनु शर्मा 15 साल जेल में रह चुके हैं. पिछले छह महीने से वह ओपन जेल में हैं. वे ‘अच्छे काम, अनुशासन और आचरण’ में रहने की वजह से 5 साल की छूट की मांग कर सकते हैं. दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश पलटकर 1999 में हुई हत्या के मामले में मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. इस मामले पर देश पर में प्रदर्शन हुए थे और इंसाफ की मांग की गई थी.