MLC By Election: जेडीयू प्रत्याशी भगवान सिंह कुशवाहा ने भरा नामांकन, निर्विरोध चुना जाना तय
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पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसी साल फरवरी में अपनी ही पार्टी की शिकायत के बाद आरजेडी नेता रामबली सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हो गई थी। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार और एनडीए के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ नामांकन के लिए आए भगवान सिंह कुशवाहा का निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि वो नामांकन दाखिल करने वाले अकेले उम्मीदवार हैं।
नामांकन पत्र दाखिल करने का काम मंगलवार को समाप्त हो गया। जबकि इसे वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है। मतदान 12 जुलाई को होना है। 1990 के दशक की शुरुआत में मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने से पहले, भगवान सिंह कुशवाह ने सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) के फ्रंटल संगठन, इंडियन पीपुल्स फ्रंट के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। तीन दशक तक उन्होंने जेडीयू, राजद, लोक जनशक्ति पार्टी और आरएलएसपी में भी काम किया है। साल 2021 में दोबारा जेडीयू में शामिल हो गए थे। उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पहली एनडीए सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में भी काम किया था।
इस मौके पर कुशवाहा ने कहा, मुझे यह अवसर देने के लिए मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभारी हूं। उन्होंने नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जुलाई को निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद जताई। आपको बता दें जगदीशपुर से चार बार विधायक रहे भगवान सिंह कुशवाहा ने साल 1990 में भाकपा (माले) की टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद वर्ष 2006 में उन्होंने इस सीट से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड से टिकट नहीं मिलने से नाराज भगवान सिंह कुशवाहा ने बगावत कर दी थी। और लोक जनशक्ति पार्टी के सिंबल पर जगदीशपुर से चुनाव लड़े थे। और फिर 2021 में फिर से जेडीयू में उनकी वापसी हुई थी।
यह भी पढ़िए- बिहार में कोइरी के दोनों हाथ में लड्डू; उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, सम्राट चौधरी का ऐलान
इस बीच, चुनाव आयोग ने राज्य विधान परिषद की एक और सीट के लिए उपचुनाव की तैयारी तेज कर दी है। जो विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर द्वारा सीतामढी से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी। इस साल आम चुनाव में जेडीयू के टिकट पर देवेश ठाकुर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी थे। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव का कार्यक्रम नई मतदाता सूची तैयार होने के कुछ महीनों में जारी किया जाएगा।बिहार विधान परिषद में 75 सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें वर्तमान में खाली हैं।
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पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसी साल फरवरी में अपनी ही पार्टी की शिकायत के बाद आरजेडी नेता रामबली सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हो गई थी। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार और एनडीए के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ नामांकन के लिए आए भगवान सिंह कुशवाहा का निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि वो नामांकन दाखिल करने वाले अकेले उम्मीदवार हैं।
नामांकन पत्र दाखिल करने का काम मंगलवार को समाप्त हो गया। जबकि इसे वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है। मतदान 12 जुलाई को होना है। 1990 के दशक की शुरुआत में मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने से पहले, भगवान सिंह कुशवाह ने सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) के फ्रंटल संगठन, इंडियन पीपुल्स फ्रंट के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। तीन दशक तक उन्होंने जेडीयू, राजद, लोक जनशक्ति पार्टी और आरएलएसपी में भी काम किया है। साल 2021 में दोबारा जेडीयू में शामिल हो गए थे। उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पहली एनडीए सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में भी काम किया था।
इस मौके पर कुशवाहा ने कहा, मुझे यह अवसर देने के लिए मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभारी हूं। उन्होंने नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जुलाई को निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद जताई। आपको बता दें जगदीशपुर से चार बार विधायक रहे भगवान सिंह कुशवाहा ने साल 1990 में भाकपा (माले) की टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद वर्ष 2006 में उन्होंने इस सीट से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड से टिकट नहीं मिलने से नाराज भगवान सिंह कुशवाहा ने बगावत कर दी थी। और लोक जनशक्ति पार्टी के सिंबल पर जगदीशपुर से चुनाव लड़े थे। और फिर 2021 में फिर से जेडीयू में उनकी वापसी हुई थी।
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इस बीच, चुनाव आयोग ने राज्य विधान परिषद की एक और सीट के लिए उपचुनाव की तैयारी तेज कर दी है। जो विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर द्वारा सीतामढी से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी। इस साल आम चुनाव में जेडीयू के टिकट पर देवेश ठाकुर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी थे। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव का कार्यक्रम नई मतदाता सूची तैयार होने के कुछ महीनों में जारी किया जाएगा।बिहार विधान परिषद में 75 सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें वर्तमान में खाली हैं।